तेरी मेरी खामोशियां।

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अम्मी! मेरा सफ़ेद दुपट्टा नहीं मिल रहा! नायरा ने कमरे से आवाज़ लगाई, तो रसोई से अम्मी की सधी हुई टोन आई— अरे! तेरी अलमारी में अगर कुछ मुक़ाम पर रखा होता, तो शायद तलाश ना करनी पड़ती। नायरा बालों में कंघी करते हुए आईने में अपनी ही आँखों से झल्लाई। अम्मी जान, आज का दिन बहुत अहम है… और मै ऐसे बिखरे-बिखरे से नहीं जा सकती! पहली इंप्रेशन का मामला है। अब्बू ने अपने अख़बार के पीछे से बिना चेहरा निकाले हल्की सी तंज़ भरी मुस्कान के साथ टोका— बेटी, कॉलेज पढ़ने जाती हो या किसी फ़िल्मी जलसे में शिरकत करने?

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तेरी मेरी खामोशियां। - 1

अम्मी! मेरा सफ़ेद दुपट्टा नहीं मिल रहा! नायरा ने कमरे से आवाज़ लगाई, तो रसोई से अम्मी की सधी टोन आई— अरे! तेरी अलमारी में अगर कुछ मुक़ाम पर रखा होता, तो शायद तलाश ना करनी पड़ती। नायरा बालों में कंघी करते हुए आईने में अपनी ही आँखों से झल्लाई। अम्मी जान, आज का दिन बहुत अहम है… और मै ऐसे बिखरे-बिखरे से नहीं जा सकती! पहली इंप्रेशन का मामला है। अब्बू ने अपने अख़बार के पीछे से बिना चेहरा निकाले हल्की सी तंज़ भरी मुस्कान के साथ टोका— बेटी, कॉलेज पढ़ने जाती हो या किसी फ़िल्मी जलसे में शिरकत करने? नायरा ने नकचढ़े लहजे में ...Read More

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तेरी मेरी खामोशियां। - 2

शाम का वक़्त...कॉलेज से लौटने से पहले नायरा अपनी सहेली निम्मी के साथ लाइब्रेरी चली आई।हल्की-सी ठंडी हवा चल थी, और कैम्पस की रौनक अब थमने लगी थी।पेड़ों की परछाइयाँ ज़मीन पर बिखरी थीं, और दोनों लड़कियाँ हल्के क़दमों से चलते हुए अपनी बातों में खोई हुई थीं।नायरा, अपने चिर-परिचित चुलबुले अंदाज़ में, सुबह बेस्टॉप पर हुई अयान से पहली मुलाक़ात की कहानी सुना रही थी।"…और फिर जैसे ही हवा चली, मेरा दुपट्टा उड़ के सीधा उसके चेहरे पर जा गिरा। वो कुछ बोला नहीं, बस चुपचाप दुपट्टा लौटाया... और चला गया।लेकिन वो नज़र… अल्लाह क़सम, जैसे आँखों से ...Read More

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तेरी मेरी खामोशियां। - 3

रात का वक़्त था…गली में लाइटें मद्धम थीं, और चाँद आसमान में अकेला खड़ा था —जैसे किसी इंतज़ार में हल्के-हल्के क़दमों से अपने घर की सीढ़ियाँ चढ़ रही थी।दिन भर का थकान उसके चेहरे पर था, मगर आँखों में वही शरारती चमक कायम थी।तभी दरवाज़े पर हलचल हुई—सुल्ताना ख़ाला, अपने इत्र की महक के साथ बाहर निकल रही थीं।बड़ी ही मुस्कराती हुई, लहजे में मिठास और चाल में जल्दबाज़ी।"अरे नायरा बिटिया!" उन्होंने नायरा को देखा और दोनों हाथ दुआ के लिए उठाए—"क़सम उस खुदा की, आज तो तुम्हारी शक्ल देख के लग रहा है जैसे चाँद ज़मीन पर उतर ...Read More