ये उपन्यास सत्य पर एक ऐसी प्रेरित कहानी है, जो लिखने मे मुझे काफ़ी तकलीफ झेलनी पड़ी। कारण था, बस एक ही स्थान वही रहे और पात्र बदले जाये फिर सोचा नहीं सब कुछ ही सच हो। शायद कोई यकीन करता होगा भुत प्रेत मे अगोरियो मे.. या तांत्रिक मे ---------- होंगे 100 मे से 40 लोग। ईश्वर मे तो सभी पर विश्वास होना ही चाहिए। बस उसके ही सब पैदा किये भी समझ लो। समझना पड़ेगा। ये स्क्रिप्ट शरू होती है ------- एक सड़क पार कर रही बूढ़ी औरत की... हांजी पार कर गयी। रात के तकरीबन वजे होंगे समय 2 के आस पास। फिर वो मुझे दिखी ही नहीं ----- हैरत। कयोकि मैं कार मे बैठा भगती लहर सुन रहा था। मैंने टार्च वगेरा का भी इस्तेमाल किया पर नहीं...
काल कोठरी - 1
काल कोठड़ी ------ये उपन्यास सत्य पर एक ऐसीप्रेरित कहानी है, जो लिखनेमे मुझे काफ़ी तकलीफ झेलनी पड़ी। कारण था, एक ही स्थान वही रहे और पात्र बदले जाये फिर सोचा नहीं सब कुछ ही सच हो। शायद कोई यकीन करता होगा भुत प्रेत मेअगोरियो मे.. या तांत्रिक मे ---------- होंगे 100 मे से 40 लोग। ईश्वर मे तो सभी पर विश्वास होना ही चाहिए। बस उसके ही सब पैदा किये भी समझ लो। समझना पड़ेगा।ये स्क्रिप्ट शरू होती है -------एक सड़क पार कर रही बूढ़ी औरत की... हांजी पार कर ...Read More
काल कोठरी - 2
काल कोठरी-------(2)ये उपन्यास एक रचित सत्य कहानी की कलाई थामे है, इसे झूठा मत समझा जाये। ये दीपक जो घटनो का स्मोहिक कारण था जिसे सब मालम था। वो अभी तक चुप था। नाश्ते मे पूरी और छोले बन चुके थे, साथ मे रेता था गाज़र का। रविवार खूब मजे है, उसके बच्चों को पता था ... दिल्ली की शाहबाद जैन कलोनी मे पिछले एक साल से रह रहे थे।अख़बार पढ़ते पढ़ते एक दम अचबित, हैरत, हैरानी सब इकठे हो कर आये थे। काले अक्षरों मे लिखा था.... एक हादसा जबरदस्त... कौन करेगा सफर... दीपक हैरान था,लिखा था, जो ...Read More