इश्क बेपरवाह नहीं तेरा...

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सुबह का वक़्त___ "वैशू... वैशू... यार मेरा पर्स कहा है, जल्दी करो मुझे देर हो रही है " एक लड़का जो आइने के सामने खड़ा ऑफिस के लिए तैयार होता हुआ तेज आवाज में बोला " अरे... आ रही हूं बाबा तुम तो सुबह सुबह चिल्लाना शुरू कर देते हो, सब सामान यही आस पास होता है। पर नहीं सर को सारी चीज़ हाथ में चाहिए... " एक लड़की हाथ में टिफीन का डब्बा पकड़े कमरे में बड़बड़ाती हुई आई और कबड से बॉलेट निकाल कर लड़के के हाथ में रख दिया। " तुम ना वैभव... बस तुम्हें हमेशा अपने ऑफिस भागने की जल्दी होती है। पता नहीं वाह कौन सी अप्सराएं घुम रही है। तुम्हें तो मेरी बिल्कुल परवाह नहीं है। जितना ख्याल तुमने अपने ऑफिस का रखते हो उसका 20% भी मुझे दो तो कुछ बात बने, तुम ना बिल्कुल बदल गए हो... "

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इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... - 1

Ch.1__सुबह का वक़्त___ वैशू... वैशू... यार मेरा पर्स कहा है, जल्दी करो मुझे देर हो रही है एक जो आइने के सामने खड़ा ऑफिस के लिए तैयार होता हुआ तेज आवाज में बोला अरे... आ रही हूं बाबा तुम तो सुबह सुबह चिल्लाना शुरू कर देते हो, सब सामान यही आस पास होता है। पर नहीं सर को सारी चीज़ हाथ में चाहिए... एक लड़की हाथ में टिफीन का डब्बा पकड़े कमरे में बड़बड़ाती हुई आई और कबड से बॉलेट निकाल कर लड़के के हाथ में रख दिया। तुम ना वैभव... बस तुम्हें हमेशा अपने ऑफिस भागने की जल्दी होती ...Read More

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इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... - 3

Ch 2__वैभव वैशाली को बहोत प्यार से सुप पीलाने लगा... हर चम्मच को वो पहले फूक मारक ठंडा करत उसे पीलाता... वैभव के प्यार को देख वैशाली के आंखों से आसूं बहने रहे थे...आगे_________ अरे क्या हुआ सूप तीखा है क्या...? वैभव ने वैशाली के आंसू देखकर झट से पुछा, उसकी बात पर वैशाली चेहरा दुसरी तरफ कर आंसू पोंछती, ना में सर हिलाती है। वो वैशाली को खाना और दवाई खिला सुला देता है।कुछ ही देर में दवाई के असर से वैशाली सो गई। पर वैभव अब भी जागता उसे एक टक देख रहा था। उसके सर ...Read More

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इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... - 2

रात को वैशाली और वैभव का बड़ा झगड़ा हुआ। जिससे दोनों एक-दूसरे से बहोत नाराज़ हुए।अब आगे...सुबह का समय,वैभव के लिए तैयार होने के लिए नहाकर निकला तो देखा उसकी सारी चीज़ बिस्तर पर पड़ी थी। टिफीन भी टेबल पर रखा था वो चुप चाप तैयार हो कर बाहर आया और किचन में खड़ी वैशाली को आवाज़ देकर टाई बांधने के लिए कहता है।वैशाली किचन से बिना किसी भाव का चेहरा लिए बाहर निकल वैभव के पास आने लगी, वैभव वैशाली को देख खुश होने लगा था।पर वैशाली अभी भी अपनी नाराज़गी जताते हुए सख्त चेहरे लिए उसके बाजू ...Read More