यह कहानी पूरी तरह से स्वरचित और मौलिक है। कहानी पूरी तरह से काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है। किसी विशेष घटना, स्थान, किरदार, जीवित या मृत किसी भी व्यक्ति से कहानी का कोई सम्बन्ध नहीं है। कहानी के कॉपी राइट्स लेखिका - कंचन सिंगला के पास सुरक्षित हैं। कॉपी राईट एक्ट का उलंघन करने की चेष्टा ना करें। "कैसी हैं ये बारिशें कुछ कुछ तुम सी हैं कुछ कुछ मुझ सी हैं ये बारिशें हमारी जैसी है ।" एक जिसे चिढ़ है बारिशों से और एक वो जिसे मोहब्बत है बारिशों से। कैसी होगी इनकी कहानी। बारिशें कैसे मिलाएंगी इन्हे। यह तो कहानी पढ़ कर ही पता चलेगा। एक जो बारिशों के मीठे संगीत की धुन से बना है और एक है जो अपनी ही धुन की पक्की है। #अनिरुद्ध स्नेहा #
कैसी हैं ये बारिशें ?️ - 1
यह कहानी पूरी तरह से स्वरचित और मौलिक है। कहानी पूरी तरह से काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है। किसी घटना, स्थान, किरदार, जीवित या मृत किसी भी व्यक्ति से कहानी का कोई सम्बन्ध नहीं है। कहानी के कॉपी राइट्स लेखिका - कंचन सिंगला के पास सुरक्षित हैं। कॉपी राईट एक्ट का उलंघन करने की चेष्टा ना करें। कैसी हैं ये बारिशेंकुछ कुछ तुम सी हैंकुछ कुछ मुझ सी हैंये बारिशें हमारी जैसी है । एक जिसे चिढ़ है बारिशों से और एक वो जिसे मोहब्बत है बारिशों से। कैसी होगी इनकी कहानी। बारिशें कैसे मिलाएंगी इन्हे। यह तो कहानी पढ़ कर ...Read More
कैसी हैं ये बारिशें ?️ - 2
थोड़ी देर में वह रिचर्ड मॉल के बाहर पहुंच गए थे। वह लड़का कार से बाहर निकल कर कहता मिस! लिफ्ट देने के लिए।वह इतना कहकर बिना लंगड़ाए चलने लगता है। स्नेहा को यह देखकर उसपर गुस्सा आता है। पर अभी वह अपना टाइम वेस्ट करना नहीं चाहतीथोड़ी देर में वह रिचर्ड मॉल के बाहर पहुंच गए थे। वह लड़का कार से बाहर निकल कर कहता है...थैंक्यू मिस! लिफ्ट देने के लिए। वह इतना कहकर बिना लंगड़ाए चलने लगता है।स्नेहा को बहुत गुस्सा आ रहा था। वह गुस्से में कार की खिड़की का शीशा उपर कर लेती है। वह ...Read More
कैसी हैं ये बारिशें ?️ - 3
इवेंट के बाद अनिरुद्ध घर पहुंचता है। वह सीढियों से उपर जा रहा था तभी उसे कड़क आवाज़ आती जिसे सुनकर वह वहीं रुक गया। उसने धीरे से पलट कर देखा यह उसके डैड थे जो कह रहे थे...."कर आए अपना दिन और हमारी बरसों की मेहनत बर्बाद। कब तक ऐसे ही भटकते रहोगे अनिरुद्ध तुम अपने उन निकम्मे दोस्तों के साथ ? हमने तुम्हे इसलिए बड़ा किया कि तुम अपने आप को और हमें ऐसे निक्कमे लोगों के साथ घूम - घूम कर बर्बाद कर सको ? कुछ कर लीजिए जनाब जिंदगी में, बाप की कमाई पर कब ...Read More
कैसी हैं ये बारिशें ?️ - 4
अगले दिन शाम के वक्त स्नेहा ऑफिस से निकल कर एक मॉल में जाती है वहां उसे एक स्टोर समान खरीदते वक्त अनिरुद्ध मिल जाता है। वह स्नेहा को देखकर उसे सॉरी कहता है। स्नेहा उसे गुस्से से देखती है और बिना कुछ कहे वहां से चली जाती है। अनिरुद्ध भी उसके पीछे जाता है जैसे ही स्नेहा बाहर आती है अनिरुद्ध उसे आवाज़ देते हुए कहता है... रुको मिस !!स्नेहा पलटती है दोनों एक दूसरे को देखते है और तभी वहां बारिश शुरू हो जाती है। स्नेहा कहती है....यह बिन मौसम की बारिश कभी भी शुरू हो जाती ...Read More