Bandhan pyar ka - 12 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 12

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बन्धन प्यार का - 12

पार्क के अंदर भीड़ बढ़ती ही जा रही थी।सन्डे को और दिनों के मुकाबले सार्वजनिक और पर्यटन स्थल पर ज्यादा ही लोग आते है।छुट्टी के दिन का पूरा लुत्फ लेते है।मस्ती और खुशी का इजहार करते है।
पार्क में नरम हरी घास पर खिली धूप में बच्चे खेल रहे थे।उछल कूद रहे थे।जगह जगह जोड़े बैठे प्रेमालाप में मशगूल थे।
चहल कदमी करते करते नरेश, हिना से बोला,"चलो उधर चलकर बैठते है
और हिना, नरेश के साथ एक पेड़ के नीचे आ गई।दोनों नरम हरी घास पर बैठ गये थे
नरेश, सामने बैठी हिना को निहारने लगा
"ऐसे क्या देख रहे हो
"तुम्हे
"मुझे क्यो
"तुम कितनी सुंदर हो
"जब भी मैं तुम्हारे साथ होती हूँ तुम यही बोलते हो
"सच न बोलू
"सच बोलो लेकिन यह सच नही है
"क्या तुम सुंदर नही हो
"इतनी सुंदर भी नही हूँ।
"यह तो मुझसे पूछो और लाहौर तो सुंदरता के लिए मशहूर है।यहाँ की लड़कियां खूबसूरत होती है
"इरादा क्या है
"तुम मुझे अच्छी लगती हो
"हूं
"मैं तुम्हे चाहने लगा हूँ
"अच्छा
"हिना मुझे तुम से प्यार हो गया है।आई लव यू।
"सच मे
"मैं तुम्हे अपनी बनाना चाहता हूँ
"मतलब
"मैं तुम्हे अपनी हमसफ़र बनाना चाहता हूं
"निकाह
"हा मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ।तुम्हे अपनी बीबी बनाना चाहता हूँ
"मैं मुस्लिम हूँ
"तो।क्या तुम मेरी नही बननाचाहती।
"यह मेने कब कहा
"फिर
"सिर्फ मेरा कहने का मतलब है तुम्हारे घर वाले मुझे स्वीकार कर लेंगे
"शादी मुझे करनी है।फिर मेरे घर मे सिर्फ माँ है"नरेश बोला,"क्या तुम्हें एतराज है
"नही नरेश।मैने तो वैसे ही कहा था,"हिना बोली,"मुझे भी तुमसे प्यार हो गया है।और मैं कबसे तुमसे यह बात सुनने की प्रतीक्षा कर रही थी
"मेरी माँ को तो मनाने की जिम्मेदारी मेरी है।तुम बताओ तुम्हारे घर वाले क्या तुम्हारा निकाह मेरे से करने के लिय तैयार हो जायेगे
"तुम्हारी तरह मेरे भी सिर्फ माँ है।और साफ बताऊ तो मैं कह नही सकती।मेरी अम्मी मेरा निकाह तुम से करने के लिए राजी होगी।"
"तुम्हारी या मेरी माँ हो सकता है हमारी शादी को तैयार न हो लेकिन बाद में मान जाएगी
"बाद में मतलब
"बच्चे होने के बाद
"हश
"इसमें शरमानेकी क्या बात है।क्या मा नही बनोगी
"क्या पहले ही मा बनाओगे
"नही।डोंट वरी।तुम्हे सिंगल मॉम नही बनने दूंगा
"तो
"पहले बीबी फिर मेरे बच्चे की माँ"नरेश बोला"क्या तुमने अपनी अम्मी को मेरे बारे में बताया हैं।"
"अभी तक नही।
"बताना भी मत
"क्यो
"पहले तुम अपनी अम्मी को यहाँ बुला लो।मैं भी अपनी माँ को बुला लेता हूँ।फिर यहाँ पर हम उन्हें अपने प्यार के बारे में बताएंगे
"ऐसा ही करेंगे"हिना ने भी नरेश की बात का समर्थन किया था।फिर बोली,"अगर वे तैयार नही हुई तो
"शादी के बाद तैयार हो जाएगी
"मतलब हमारी मा चाहे हां कहे या ना तुम शादी जरूर करोगे
"मैं अपने प्यार का इजहार कर चुका हूँ और तुम भी।फिर क्या नही चाहती हम साथ रहे
"क्यो नही चाहती।मैने सिर्फ तुम से प्यार किया है।मेरे दिल मे सिर्फ तुम हो
"तो आंखे बंद करो
"क्यो
"करो तो
हिना ने आंखे बंद कर ली।नरेश ने हिना का हाथ अपने हाथ मे लिया और
"आंखे खोल लो
"अंगूठी
हिना सोने की अंगूठी को देखते हुए बोली,"यह तुमने कब खरीदी
"कल ही
"क्यो
"आज वेलेंटाइन डे।अपने प्यार का इजहार करने का सबसे बढ़िया दिन
",हो।मुझे तो याद ही नही रहा।मैं तो तुम्हारे लिए कुछ लायी नही पाई
"तुम तो पहले ही दे चुकी हो
"कब?हिना आश्चर्य से बोली
"मेरी बनने का वादा करके।इससे बड़ी गिफ्ट क्या होगी जिसे चाहा उसे पा लिया
नरेश तुम और हिना उससे लिपट गयी थी