From Pages of History
इतिहास के पन्नों से
Part 3 - वैसे तो इतिहास अनंत है फिर भी उसके पन्नों में कुछ छोटी मोटी अविस्मरणीय बातें भी छुपी हैं , एक नजर ऐसी कुछ बातों पर . इतिहास के पन्नों से क्रम में इसकी तीसरी कड़ी -
1 . सेकंड वर्ल्ड वॉर में हिटलर का भतीजा हिटलर के विरुद्ध था - हिटलर के भतीजे विलियम पैट्रिक का जन्म लिवरपूल इंग्लैंड में हुआ था . वह हिटलर की तानाशाही और क्रूर नीतियों का विरोध करता था . एक बार जब वह अपनी आयरिश माँ के साथ अमेरिका आया हुआ था उसी समय द्वितीय विश्व युद्ध का आरम्भ हो गया और वह वहीँ फंस कर रह गया था . तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट से विशेष अनुमति मिलने के बाद उसने अमेरिकी नेवी की चिकित्सा सेवा में ज्वाइन किया . युद्ध के दौरान वह घायल भी हुआ था . विलियम को अमेरिकी सम्मान ‘ पर्ल हार्ट “ से सम्मानित किया गया था . बाद में उसने अपना नाम बदल कर विलियम पैट्रिक स्टुअर्ट ह्यूस्टन रखा था .
2 . दुनिया का सर्वाधिक भाग्यवान आदमी - जापान पर हुए दोनों एटॉमिक हमलों में एक आदमी बच गया था . द्वितीय विश्व युद्ध में अगस्त 1945 में अमेरिका ने दो बार एटम बम गिराए थे , पहली बार हिरोशिमा पर और दूसरी बार नागासाकी पर . एक 29 वर्षीय इंजीनियर , सुमोतु यामागुची , इन दोनों हमलों से जीवित बच कर निकलने में सफल हुआ था .वह अपने बिजनेस ट्रिप पर हिरोशिमा गया था . जब हिरोशिमा पर जहाँ पहला बम गिरा था वहां से वह मात्र 2 मील की दूरी पर ट्रेन में बैठ कर अपने घर नागासाकी जा रहा था . जब दूसरा बम 9 अगस्त को गिरा था वह अपने कुलीग के साथ ऑफिस में बैठा था . रेडिएशन के बीच एक अत्यंत सफ़ेद ब्राइट लाइट , धुंएं और मलवे से जिन्दा बच निकला था , उसे मामूली ज़ख्म या चोटें आयी थीं .
3 . सबसे तेज गति और 300 % मृत्यु दर वाला सर्जन ( 1794 - 1847 ) - रॉबर्ट लिस्टन एक ब्रिटिश सर्जन था . वैसे तो उसके पास अनेक डिग्रियां थीं - FRCSE , FRCS और FRS . लिस्टन सर्जरी का प्रोफ़ेसर भी रहा था . वह एक कुशल और जल्दी जल्दी ऑपरेशन करने वाला सर्जन था . तब एनेस्थीशिया का आविष्कार नहीं हुआ था . उस समय कदाचित जल्दी सर्जरी होना दर्द और जीवित रहने से ज्यादा जरूरी समझा जाता था . लड़ाई में घायल सैनिकों का तत्काल तीव्र गति से सर्जरी होता था . एक बार लोगों के सामने किसी घायल का पैर काटना था . तीव्र गति से सर्जरी के दौरान उसने एक जूनियर की अंगुली काट दी थी . एक अन्य व्यक्ति जो यह सब देख रहा था हार्ट अटैक से मर गया था . ब्लड पोइज़निंग से उसके पेशेंट और जूनियर दोनों की मौत हो गयी थी . इस तरह से एक सर्जरी में ही तीन मौतों यानी 300 % का रिकॉर्ड उसके नाम रहा है .
4 . धरती पर आजतक का सर्वाधिक धनी व्यक्ति - आज दुनिया में बिल गेट्स , जेफ बेजोस , एलोन मस्क आदि व्यक्ति सर्वाधिक धनी व्यक्तियों में गिने जाते हैं . परंतु दुनिया के इतिहास में आजतक का सबसे ज्यादा धनी व्यक्ति मना मूसा रहा है . 14 वीं सदी में मूसा पश्चिम अफ्रीका के देश माली का सम्राट था जिसे अभी तक के इतिहास में सर्वाधिक धनी व्यक्ति माना जाता है . उसकी संपत्ति का मूल्य आजकल 400 बिलियन US डॉलर ( 1 billion = 100 करोड़ ) है हालांकि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि मूसा की संपत्ति का सटीक आकलन असम्भव है . मूसा की संपत्ति का कारण खास कर माली के सोने और नमक के खान ( mines ) और मसालों का भंडार रहा था ,
5 . हँसने की महामारी - हँसाना भी कभी महामारी का रूप ले सकती है , सुनने में अजीब लगता है . पर यह एक सच्चाई है . 31 जनवरी 1962 को अफ़्रीकी देश तंज़ानिया में ऐसा हुआ था . लड़कियों के एक स्कूल के हॉस्टल में इसकी शुरुआत हुई थी जब तीन लड़कियों ने अचानक अनियंत्रित हंसना आरम्भ किया . इस घटना का विवरण नवंबर 2007 में इंग्लैंड के अखबार ‘ द गार्डियन ‘ और फिर 10 जुलाई 2024 के’ द इकोनॉमिक टाइम्स ‘ में भी प्रकाशित हुआ था .एक रिपोर्ट के अनुसार यह हँसी बहुत ज्यादा लड़कियों में फैलने लगी थी . कहा जाता है कि 159 में 95 लड़कियां इसकी शिकार हुईं थीं और यह इतना शोर भरा था कि स्कूल बंद करना पड़ा था . मार्च के उत्तरार्ध में जब स्कूल खुला तब फिर से यह घटना देखने को मिली थी और मई तक फिर से स्कूल बंद करना पड़ा था . कुछ को रैशेज ( rash ) व अन्य तकलीफ हुई थी . धीरे धीर यह दूसरे स्कूलों और यहाँ तक कि दूसरे गाँवों में भी फैलने लगा था . कहा जाता है कि यह तथाकथित महामारी 6 - 8 महीने तक रही थी . धीरे धीरे यह कम होती गयी और स्वतः बंद भी हो गयी .
वैसे तो डॉक्टर के अनुसार 20 सेकंड से ज्यादा लगातार हँसना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं हो सकता है . इससे बेहोशी आ सकती है और श्वास प्रणाली को हानि हो सकती है . इस हँसने की महामारी का सटीक कारण का पता नहीं चल सका था . डॉ क्रिस्चियन हमपेलमैन का कहना है कि यह MPI ( मास साइकोजेनिक इलनेस ) है . यह मनोवैज्ञानिक , शारीरिक और एंग्जायटी का मिला जुला असर हो सकता है . ‘ metro . co . uk ‘ की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा 1961 के दिसंबर में मिली तंज़ानिया की आज़ादी ,अकादमिक प्रेशर और तनाव के चलते हुआ था .
6 . दूल्हा दुल्हन का मुंह काला करने की प्रथा - 18 वीं और 19 वीं सदी में स्कॉटलैंड और नार्थ आयरलैंड के कुछ भाग में एक प्रथा थी “ ब्लैकेनिंग ऑफ़ ब्राइड “ जिसमें दुल्हन और अक्सर दूल्हे दोनों को विवाह के कुछ पूर्व काले रंग से रंगना होता है . मित्र और परिवार के लोग मिल कर उन्हें एक तरह से बंदी बना कर तरह तरह के रंगों , खाद्य सामग्री आदि से रंग कर समाज के सामने परेड करवाते है .” डुइंग - doing “ नाम से बहुत जगहों पर अभी भी यह प्रथा प्रचलित है .
7 . नोबेल शांति पुरस्कार और हिटलर , स्टालिन और मुसोलिनी - हिटलर , स्टालिन और मुसोलिनी जैसे क्रूर तानाशाह और नोबेल पीस प्राइज की बात आश्चर्यजनक और हास्यास्पद लगती है , है न ! खैर उनमें से किसी को भी यह अवार्ड नहीं मिला था पर इन तीनों का नामांकन नोबेल पीस प्राइज के लिए अवश्य हुआ था . बेनिटो मुसोलिनी को 1935 में , एडोल्फ हिटलर को 1939 में और जोसेफ स्टालिन को दो बार 1945 और 1948 में नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया था .
8 . माइक्रोवेव एक एक्सीडेंटल आविष्कार था - कभी किसी आवश्यक चीज का आविष्कार अचानक जाने अनजाने में एक्सीडेंटली भी हो जाता है . पर्सी स्पेंसर नामक इंजीनियर ने 1945 में माइक्रोवेव का आविष्कार अचानक अनजाने में ही कर दिया था . जब वह मैग्नेट्रॉन के निकट अपने रडार पर कुछ काम कर रहा था तब उसने अनुभव किया कि उसके पॉकेट में रखा चॉकलेट पिघल गया है . उसने महसूस किया कि रडार से निकली रेडियो की तरंगों से उसका चॉकलेट गर्म होकर पिघल गया है . इस से प्रोत्साहित होकर उसने अन्य खाद्य सामग्री को मैग्नेट्रॉन से गर्म करना शुरू किया . इस तरह उसने पहली बार माइक्रोवेव ओवन का पेटेंट किया था .
मैग्नेट्रॉन किसी भी माइक्रोवेव का दिल कहा जाता है . यह निरंतर एक मैग्नेटिक फील्ड पैदा करता है जिसके चलते इलेक्ट्रॉन्स का प्रवाह होता है और रेडिएशन होता है .
Trivia * इंडोनेशिया में 130 से भी ज्यादा ज्वालामुखी होने के कारण इसे ‘ वॉलकनिक कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड ‘ कहा जाता है .
दुनिया की सबसे ऊँचा पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई प्रतिवर्ष 4 मिलीमीटर बढ़ रही है .
साउथ अफ्रीका के रेलवे में एक लंगूर ( baboon ) को बतौर औपचारिक रूप से सिग्नल मैन के लिए नियुक्त किया गया था . जैक नाम का लंगूर 1881 से 1890 तक वह नौकरी में रहा था .उस दौरान वह एक विकलांग रेलवे इंस्पेक्टर जिम वाइड की सहायता करता था . वह स्विच ऑपरेट करता , चाभियाँ लाया करता और अन्य रेलवे काम में मदद करता था . उसके कार्यकाल में किसी प्रकार की कोई दुर्घटना भी नहीं हुई थी .
क्रमशः
xxxxx