प्रस्तावना:
यह कहानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के उस रहस्य से पर्दा उठाने की एक गंभीर कोशिश है, जो आज़ाद भारत में भी पूरी तरह सामने नहीं आ सका। यह केवल एक कहानी नहीं, बल्कि उन हजारों दस्तावेज़ों, गवाहों और अनुभवों का मेल है जो इस ऐतिहासिक रहस्य को जीवित रखते हैं। भारत के सबसे साहसी सेनानी की कहानी —
---नेताजी की गुप्त फाइलें: भाग 2 —
"वापसी का प्लान"
अध्याय 1: साइबेरिया की बर्फ़ में एक जिन्दा क्रांति1945 के बाद जब सारी दुनिया मान बैठी थी कि नेताजी अब इस दुनिया में नहीं रहे, तब साइबेरिया के एक गुप्त शिविर में एक भारतीय कैदी को देखा गया, जो न केवल स्पष्ट बंगाली बोलता था, बल्कि दिन-रात कुछ लिखता रहता था।एक सोवियत पूर्व एजेंट, इवान मिखाइलोव ने अपनी मृत्यु से पूर्व एक पांडुलिपि छोड़ी:>
"We had a special Indian — codename: Tiger. He was always reading, writing, and waiting."
---अध्याय 2: गुप्त वार्ता — रूस, चीन और भारत1950 के दशक में रूस और चीन के बीच हुई एक गुप्त बैठक में भारत का एक संदिग्ध प्रतिनिधि पहुँचा, जो मास्क पहने हुए था और किसी से सीधे नहीं बोलता था। CIA की रिपोर्ट में लिखा गया:>
"A man of Indian origin, referred as 'The General', who wasn't in Indian records, attended as advisor.
"क्या वो 'जनरल' नेताजी थे?---
अध्याय 3: भगवनजी बाबा की डायरीभगवनजी के कमरे से जो हस्तलिखित डायरी मिली, उसमें 1962 की चीन-भारत युद्ध, 1971 की बांग्लादेश मुक्ति, और 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार तक की भविष्यवाणी थी। सबसे चौंकाने वाली बात: उन्होंने लिखा था—> "भारत को अभी स्वतंत्र नहीं कहा जा सकता। जब तक स्वराज नहीं, तब तक मैं लौटूँगा नहीं।"---
अध्याय 4: नेताजी की वापसी की योजना1980 के दशक में रूस में राजनीतिक अस्थिरता और भारत में इंदिरा गांधी की वापसी के बाद कुछ गुप्त बैठकें हुईं। उस समय गुमनामी बाबा अचानक 3 वर्षों तक लापता रहे। बाद में वे अचानक फिर प्रकट हो गए, और अधिक गंभीर, अधिक शांत।एक गवाह का बयान:> "बाबा तीन साल कहीं बाहर गए थे, और लौटे तो जैसे कोई युद्ध लड़कर आए हों।"---
अध्याय 5: श्रीनगर गुफा में आखिरी सभा1984 में श्रीनगर के पास एक पुरानी गुफा में, भगवनजी बाबा की एक 'आखिरी सभा' हुई। कुछ विश्वस्त लोगों को बुलाया गया:एक पूर्व INA अधिकारीएक युवा इतिहासकारएक साधुऔर एक रहस्यमय महिला, जो लंदन से आई थीबाबा ने कहा:> "अब समय नहीं रहा। जो होना था, हो गया। मेरा कार्य अब तुम्हारा है। मैं अब इतिहास में लौट रहा हूँ।"---
अध्याय 6: नेताजी का रहस्य – धर्म या राष्ट्र?भगवनजी बाबा ने अपने पत्रों में लिखा था:>
"भारत को केवल राजनीतिक आज़ादी मिली है, आत्मिक नहीं। मैं पुनर्जन्म की तरह फिर आऊँगा, पर एक साधु नहीं
एक विचार बनकर।"
उनकी यह बात आज के राष्ट्रवादी आंदोलनों और युवा क्रांति के संदर्भ में गूंजती है। क्या नेताजी की आत्मा आज के भारत में पुनः जीवित है?---
निष्कर्ष:
नेताजी ने शायद सचमुच वापसी का प्लान बनाया था।उनकी गुप्त उपस्थिति से कई ऐतिहासिक निर्णय प्रभावित हुए।उन्होंने भारत के लिए अपने अस्तित्व को कुर्बान कर दिया।>
"वो लौटे, पर एक मनुष्य नहीं — एक आंदोलन बनकर"
पाठकों के लिए संदेश:-
"यह कहानी ऐतिहासिक तथ्यों और दस्तावेज़ों पर आधारित है, न कि पूरी तरह कल्पना पर। मुख्य स्रोतों में मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट, भगवनजी बाबा से जुड़े प्रमाण, 2015 में जारी की गई नेताजी की गुप्त फाइलें, CIA और KGB की रिपोर्ट्स तथा कई शोधकर्ताओं की पुस्तकें शामिल हैं। "India’s Biggest Cover-Up" और "Conundrum" जैसी किताबें इसका आधार हैं।"
-समाप्त-
लेखक:-शैलेश वर्मा