चैप्टर 7
क्लेरिफिकेशन पार्ट 2
पिछले चैप्टर में हमने यह जाना की माया ऑफिस पर जाती है और वह इंद्रजीत को देखकर है परेशान हो जाती फिर वह इंद्रजीत को आपने किया पर शर्मिंदा होकर माफी मांगती है फिर उसे पता चलता है कि वह इंद्रजीत के अंडर उस की पी ए के जॉब ज्वॉइन हुई है पर उसे समझ नहीं आता की वाह राहुल के कंपनी गई थी इंटरव्यू देने के लिए फिर वह इंद्रजीत के असिस्टेंट की तरह जॉइन क्यों हुई उसे समझ नहीं आता तभी इंद्रजीत दिमाग में कुछ बात क्लीक होती है, रोहन को फोन लगाकर अपने ऑफिस में आनेके लिए बोलता है दूसरी तरफ माया के दोस्त उसे याद करते हुए बातें कर रहे थे अब आगे
आरती ने रीतू aur रूचि से पूछा के आज अंजली कॉलेज क्यू नही आई तो रितु ने बोला कि उस की तबीयत खराब है । तो मोहना ने पूछा कि क्या हुआ है तो रुचि ने जवाब दिया की ओवर ईटिंग की वजह से उसका पेट दुख रहा है इसलिए वह दवाई लेकर हॉस्टल में सो रही है। यह बात सुनकर फिर वह सब लड़कियां अपना ब्रेक एंजॉय कर कर अपने-अपने क्लासरूम की ओर चली गई।
इंद्रजीत के ऑफिस में
इधर माया परेशान होते हुए इंद्रजीत के केबिन को ध्यान से देख रही थी वह केबिन बहुत ही बड़ा था उसे केबिन में तीन दरवाजे थे एक जो अंदर आने के लिए दूसरा शायद वाशरूम और तीसरा शायद पर्सनल रूम था वह केबिन ग्रास ग्रीन और क्रीमी ग्रीन से पेटी किया गया था वोकैब फुल फर्नीचर था कैबिनेट के एक तरफ पूरा कांच का बना हुआ था जहां पूरा शहर काफी सुंदर लग रहा था जिस चेयर पर इंद्रजीत बैठा था उसके पीछे के साइड के दीवार पर एक बड़ी सी फोटो लगी हुई थी किसी बूढ़े आदमी की शायद वह इंद्रजीत के दादाजी का तस्वीर थी माया इंद्रजीत को अपना काम सीरियस वे करते हुए देख रही थी इंद्रजीत दिखाने में काफी हैंडसम हैं इंद्रजीत विकी कौशल को भी टक्कर दे सकता था,
तभी अचानक डोर नॉक की आवाज सुनाई दी इंद्रजीत ने झट से बोला कम इन इंद्रजीत की आवाज सुनकर रोहन ने उसे होटल के मैनेजर और रिसेप्शन स्नेहा को साथ में ले अंदर ले आया।
जब माया ने स्नेहा को दिखा तो उसे कुछ समझ नहीं आया कि वह यहां क्या कर रही है और दो नई शक्ल देखकर उसे कुछ अजीब सा लग रहा था तभी में इंद्रजीत की ठंडी आवाज गुंजी।
इंद्रजीत ने उन तीनों को देखकर बोला क्या यह वही लड़की है जो गलती से हमारे फ्लोर पर इंटरव्यू देने आई थी ,इंद्रजीत की बात सुनकर मैनेजर थोड़ा डरते हुए बोला *कि सर मुझे नहीं पता कि वह यह मैडम है या नहीं क्योंकि मुझे तो स्नेहा ने इस बारे में बताया था तो आई थिंक स्नेहा को ही पता होगा कि यही मैडम वह थी या नहीं*
यह बातें सारे माया के पल्ले ही नहीं पड़ रहा था फिर भी वह चुपचाप वह खड़ी होकर उन सब की बातें सुन रही थी इंद्रजीत ने एक नजर माया को देखा फिर स्नेहा को जब स्नेहा ने देखा कि इंद्रजीत उसे देख रहा है तो वह डरते हुए हकलाते हुए बोली *स... स.... सर यह वही मैडम है। फिर इंद्रजीत बड़े ही सख्त लहजे मैं पूछा कि तुम सारी कहानी बताओ गी उसे दिन क्या हुआ है और यह ब्लड्डर कैसे फैलाएं माया भी बात जाने के लिए बड़ी ही उत्सुकता थी फिर स्नेहा ने बताया कि जब रोहित सर ने क्लिनिक स्टाफ को रूम नंबर 106 में सफाई के लिए बुलाया था तो कंफर्मेशन के लिए मेरे फिर से रूम नंबर दोहराया था
तभी तभी यह मैडम मेरे बात को अपना जवाब समझ कर वहां से निकल गई जैसे मेरे कॉल कट कर कर मैडम को देखा तो वह रूम नंबर 106 तरफ चाली गई और मै उन्हें रोकना चाहती थी पर तब तक वह लिफ्ट की ओर चली गई यह बात मेरे बाद जो सर को भी बताया था फिर जब यह मैडम आई तो बे उसे बताना चाहती थी कि वह गलत रूप में चली गई पर फिर कुछ बताती उससे पहले ही वह खुश होकर बता रही थी कि वह इंटरव्यू पास हो गए उन की खुशी देखकर मैं उन से कुछ नहीं बोल पाई इतना बोलकर स्नेहा चुप हो गई *
स्नेहा के चुप होते ही माया को अपनी गलती का एहसास हो चुका था की वह अनजाने में ही उससे बहुत ही बड़ी गलती हो चुकी थी।
वह अपनी गलती को समझ कर अपनी नजरों को नीचे झुका कर स्नेहा से बोली ऐ एम सो सॉरी मेरी वजह से तुम्हें इतना प्रॉब्लम हुआ। माया की बात सुनकर इंद्रजीत एक गहरी नजर माया को देखता है फिर मैनेजर और स्नेहा को वहां से जाने का इशारा किय
उन के जाने के बाद इंद्रजीत के गहरी आंखे माया पर ठहर गए और वह अपने दोनो हाथों को एक दूसरे पर लपेटकर घूर कर माया को देख रहा था ।।
माया उसके ऐसे देखने से डर गई थी फिर वह हकलाते हुए बोली * दे...दे...दे...देखिए आई एम सो सॉरी जो भी हुआ याह सारी गलती मेरी है ,और मैं इस बात की जिम्मेदारी लेती हूं आप चाहे तो मुझ पर गुस्सा उतार सकते हो। और एक बात कि मैं आपके साथ आई मीन मैं यह जॉब नहीं कर सकती * । बस इतना सुनना ही था कि इंद्रजीत ने बड़े ही ठंडी लहज़ा के
आवाज में कहा ओके तुम्हें यह जॉब नहीं करनी है तो मत करो लेकिन अपना फाइन पूरा भरो और यहां से चली जाओ *
यह सुनते ही माया ने कहा * फाइन कैसा फाइन और कितना पर फाइन मैं क्यों भरू *, इस वक्त इंद्रजीत को बहुत ही गुस्सा आ रहा था क्योंकि वह पिछले 1 घंटे से इस लड़की के साथ अपना टाइम वेस्ट कर रहा था अपनी घड़ी को देख फिर रोहन को कुछ इशारा किया, फिर वहां से चला गया।
इंद्रजीत का इशारा पाकर रोहन आगे बढ़ जाता है , रोहन जैसे ही माया को देखता तो वह थोड़ा शौक रह गया क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि उसने माया को कहीं देखा है पर कहा उसे याद नहीं आ रहा था ,(अब तक रोहन माया के पीछे था जिसकी वजह से रोहन को सिर्फ माया की पीठ दिखाई दे रही थी और उसकी आवाज सुन रहा था) । रोहन अपने एक्सप्रेशंस को कंट्रोल किया, फिर माया को देखा और बोला *हेलो मिस माया आई एम रोहन शर्मा असिस्टेंट of इंद्रजीत खन्ना अब आपको मैं बताता हूं कि आपको फाइन क्यों भरना है ।इतना कह कर रोहन एक पल के लिए चुप होता है, फिर बताना शुरू करता है कि मिस अपने जॉब एक्सेप्ट करने के बाद एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था कि अगर आपको बिना इन्फॉर्म किया ऑफिस से फायर किया तो आपको कंपनी के तरफ़ से 10 लख रुपए दिया जाएगा और अगर आप ने बिना कंपनी को इन्फॉर्म किया बिन,एक महीना पहले रेजिग्नेशन लेटर नहीं दिया तो आपको as a फाइन 10 लख रुपए देना होगा तो अब तब तक रिजाइन नहीं कर सकती जब तक आप हमें पूरे 10 लख रुपए ना दे पाए ।रोहन की बात सुनकर माया का सिर घूम रहा था मतलब की (खाया पिया कुछ नहीं ग्लास टूटा 12 आना का) । माया को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें फिर उसने कुछ सोचा और बोली की देखिए सर जो अब आज हुआ है मुझे उन सारी चीजों को प्रोसेस करने के लिए थोड़ा सा समय चाहिए इतना कहकर वह वहां से चली गई!! माया के जाने के बाद रोहन सोच में पड़ गया कि वह माया को कहां देखा था। माया वह को याद करने की कोशिश कर रहा था पर उसे याद नहीं आ रही थी उसने माया को कहां देखा है!!.....
पिछले दो चैप्टर बहुत बड़े थे इसी वजह से यह चैप्टर मेरे छोटा दिया है थैंक यू रीडर पर आप स्टोरी पर कमेंट नहीं कर कर रहे हैं जिसकी वजह से मुझे समझ नहीं आ रहा कि वह स्टोरी को आगे बढ़ाओ या नहीं प्लीज रीडर एक लाइक और कमेंट जरुर कीजिएगा औ आपको पता है तो हमें एक लाइक और कमेंट की जरूरत होती है आपका कमेंट और लाइक हमारे लिए प्रेरणा बनती हैं।