चैप्टर 8
परेशान माया, दादी का आना
पिछले चैप्टर में हमने यह जाना की स्नेहा ने कैसे माया के मिसअंडरस्टैंडिंग को क्लियर किया मिसअंडरस्टैंडिंग क्लियर होने के बाद माया ने यह कहा कि वह यह जॉब नहीं कर सकती तो इंद्रजीत ने माया को फैन भरने को बोल दिया और वहां से चला गया रोहन को ना जाने क्यों माया देखीं देखीं सी लग रही थी। माया कुछ समय मागा कर वहां से चली गई अब आगे
माया को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें फिर उसने कुछ सोचा और बोली की देखिए सर जो अब आज हुआ है मुझे उन सारी चीजों को प्रोसेस करने के लिए थोड़ा सा समय चाहिए इतना कहकर वह वहां से चली गई!! माया के जाने के बाद रोहन सोच में पड़ गया कि वह माया को कहां देखा था। वह माया को याद करने की कोशिश कर रहा था पर उसे याद नहीं आ रहा था उसने माया को कहां देखा था!!.....
माया जैसे ही ऑफिस से बाहर निकली थी वह वाहा बड़ी परेशान थी यह उसकी चहरे पर साफ साफ परेशानी दिख रहा था ।उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था वाह क्या करे- क्या नहीं करे माया जब भी परेशानी में हो या स्ट्रेस फील हो ता है तो तब उसको खाने की आदत हो थी हे वो आदत के अनुसर ही तुरंत बैग से एक चॉकलेट निकाला और उसे खाते हुए अपने आप से बोली * क्या यार माया थू इतनी गधी कैसी हो सकती है वह क्या तुझे इतना सब समझ नहीं आया था ।एक काम ढंग से क्यू नहीं कर थी *।
ऐसे ही khud से बोलते हुए आगे तरफ़ जा राही थी पर आगे बिना देखे जा रहे थी तो, वाह किसी से टकराई माया गिरने से पहले ही किसी के मजबूर बाहों ने पकड़ लिया। माया ने डर के मारे अपनी आंखें मिच ली और वाह घबराई हुई थी लेकिन जैसे ही उसका एहसास हुआ कि वह नीचे नहीं गिरी धीरे से आंखें कोली देखती है कि आंखों के सामने एक हैंडसम सा लड़का है और उसे देख ते ही रह जाती है,
वह आदमी बोलता है कि *ऐसी ही राह ना है क्या, उसकी आवाज सुनते ही माया झट से खड़ी हो जाती और बोलती हे की I am so sorry गलथी से गिर गई । माया की सॉरी सुनकर वाह आदमी बोला *मुझे पता है कि तुम चलथे चलथे गिर गई थो सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है *
माया उसकी बात को सुनकर शर्मिन्दा होरी थी और बोली *तुम यहां कैसे वह ? वह आदमी बोला "यहां जॉब करता हूं इस लिए मेरा यहां आना जाना रहता है और तुम यहां क्या कर रही हो ..उसकी बात सुनकर माया अपनी आंखों को इधर उधर गुमा रही थी क्योंकि सामने खड़ा हुवा आदमी कोई और नहीं राहुल है!!!!!!
राहुल बहुत लंबा था ,उसकी हाइट 6 फीट थी वाह गोरा रंग और बड़ी डैशिंग सी पर्सनैलिटी थी ,राहुल ने व्हाइट शर्ट और ब्लैक पैंट पहनना है ,हाथ को एक कैसियो का वॉच लगाया था ,वो आउटफिट में राहुल और हैंडसम दिखा रहा था ।। उसके हाथ में एक फ़ाइल थी, उस फ़ाइल को देख के ही पता चलता है कि कुछ काम पर वो आया था। माया उसका सवाल सुनकर कुछ हड़बड़ा गई थी फिर नकली मुस्कान चेहरे के ऊपर ले कर वो बोली वो...वो...वो कि कुछ नहीं ऐसे ही अ गई थी, फिर वो वाहा से जाना ही वाली थी , यह देखकर राहुल ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला "कॉफी पीने के लिए चलते हैं".
, उसके बात, सुनकर माया थोड़ी हड़बड़ागई, क्योंकि अभी इतने परशानी में थी कि वाह क्या बोले क्या नहीं फिर भी राहुल के साथ चली गई |
*कॉफी शॉप के अंदर*
एक दूसरे के सामने बैठे हैं ,राहुल ने कहा तुम्हें खाना चाहतीं हो तो कुछ ऑर्डर करो , क्या खाना चाह ती हो? माया इतनी गड़बड़ी में थी कि उसने मेन्यू कार्ड में से आधे से ज्यादा ऑर्डर कर लिया था, माया की ऑर्डर सुनकर राहुल थोड़ा परेशान हो गया क्योंकि उसे समझ में नहीं आया कि माया को क्या हू आ है।
फिर अचानक से रूचि की एक बात याद आया (रुचिता ने एक बार उसे कहा की जब भी माया परेशान होती है या खुश होती है तो तब वो ज्यादा खाना खाती है)
राहुल ने पूछा क्या तुम कुछ परेशान हो या खुश हो , राहुल की बात सुन कर माया को कुछ समझ नहीं आया कि वह बोला ना क्या चाहता है।। उसे तरफ सवालिया आंखों को देखते , राहुल ने कहा मेरा मतलब है कि मेरी बहन रुचि ने कहा था कि जब भी तुम खुश हो या दुखी हो थी हो तो तुम बहुत खना खाती हो इसीलिए मैं नेे तुमसे पूछा कि आज खुश हो या दुखी । तूम मेरे साथ साझा कर सकती हो ,इतना बोलकर राहुल चुप बैठ गया।
राहुल की बात सुनकर माया को समझ नहीं आया कि वो क्या जवाब दे वो थोड़ी परेशान में थी उसके हाथ को मसल रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि राहुल ने क्या जवाब दें ए
क्यों कि अगर उस की बातों को राहुल सुनेगा , तो वो उससे बेवकूफ़ की रानी का ताज देगा ,वो क्या कर - क्या नहीं करें उसे समझ नहीं आ रहा था !! फिर उसने कुछ सोचा और राहुल को सारी बातें एक एक कर बाता दी,
वो कैसे गलती से I K COMPANY के जगह IJK COMPANY को इंटरव्यू देने गई । माया की बात सुनकर राहुल को हंसी आ रही थी वो हंसी को रोकने की कोशिश कर रहा था,पर उस से हंसी कंट्रोल नहीं हु और वो जोर जोर हंस ने लगा hahhahahhaa .....
उसको यू हंसते देखकर माया को बहुत गुस्सा आया वहां बोली* मैं इतने परेशान हूं और तुम हंस रहे हो . यह बात सुनकर वो वह अपनी हंसी को कंट्रोल कर कर,*बोला कि देखो माया मेरे हिसब से जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है।।
मुझे लगता है ये जो भी गलतफहमी हुई वो अच्छे के लिए ही हुआ होगा क्योंकि जिस कंपनी में तुमने इंटरव्यू दिया है वह एक बहुत बड़ी खन्ना कंपनी की ब्रांच है और यह कंपनी 5 साल में बहुत तरक्की कर चुकी है यहां तक की कही लोगों का मानना है की आने वाले 5 सालों में यह कंपनी इंडिया की नंबर वन कंपनी बनेगी
IJK COMPANY बहुत पुरानी कंपनी से जुड़े हुए के कारण इसे नंबर 1 कंपनी बहुत मेहनत उन्होंने और वहां के कर्मचारियों के लिए भी हाई सैलरी पे किया जाता है और वाहा बहुत सारे कानून भी है वह तुम सेफ होगी और यह चीज तुम्हारे करियर को बूस्ट करने पर मदद करेंगे तो सोच यह बहुत बडी अपॉर्चुनिटी है और राहुल ने माया को अच्छे से समझाने कि कोशिश कि ।।।।।।
माया अपने मन में बोली की मुझे कंपनी से कोई दिक्कत नहीं, मुझे उसका बॉस से प्रॉब्लम है और उस आदमी से अच्छे वाइब नहीं आ रही हैं। पर माया को लग रहा था कि वह वाह काम करेंगी तो उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा , जब भी इंद्रजीत का चेहरा देखती है उसे उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान और कुछ बदला लेने का इरादा दिखता है ।। माया को खोया हुआ देखा तो
राहुल ने बोला *don't miss this opportunity maya* ये बात सुनकर माया सर हिलाई और बोली में इस बात को सोचूंगी* तब तक राहुल और मैया का ऑर्डर आया है । ऑडर आने के बादद माया ने आव देखी ना थाव खान शूरू कर दिया।
उसे याद आया कि राहुल सामने बैठा वह उसको ऐसे खाते देखकर क्या सोचेगा ये बात याद आते ही माया आपने आप को संभाली अच्छे से बैठा और खाने को धीरे-धीरे सलीकै से जैसे खाने लगी । उसे देखकर राहुल को समझ आया कि माया उसके सामने खाने के लिए अनकॉमफोर्टेबल फील हो रही है, राहुल ने कहा फील फ्री माया धीरे-धीरे खाओ मैं तुम्हें कुछ बोलूंगा नहीं कुछ नहीं सोचूंगा तुम्हें जज नहीं करूंगा आराम से खाओ जैसे तुम्हें अच्छा लगता है ।राहुल की ये बात सुनकर माया थोड़ा सा कॉमफोर्टेबल हो गई पर फिर भी वो सोच रहि थी कि राहुल सामने ही है उसको ढंग से लड़कीयों के जैसे चुप चाप खाना चाहीए हे ।।
*दूसरी तरफ*
राने के घर में एक बूढ़ी औरत आई, वह और बोली है राम क्या होगा, आज कल के बच्चों का बात ही नही सुनते है । वह फिर बोली अरे रेणुका! अरे रेणुका जरा पानी ला देना उन की आवाज सुनकर रेणुका जी पानी ला के देती हे और बोलती है कि कैसी हो मां जी इस बार बड़े दिनों के बाद आए हो । वह माया की दादी कल्याणी जी है ।माया और कल्याणी जी दिखने में एक जैसे हे उनको हरकतें भी मिलती हे कल्याणी जी दिखाने में जितने सौम्य और सुशील लग रही थी लेकिन उनके शब्द उतने ही कठिन और कटोर होते हैं ।
वह बोली रेणुका क्या बच्चें घर पे हे , रेवंत घर आया हे उनकी बात सुनकर रेणुका जी ने कहा नहीं माँ वो अभी घर नहीं आया है लगता है उने घर आने में देर लगेगी । रेणुका जी की बात सुनकर कल्याणी जी ने सर हिला कर के ठीक ठीक हे । बोली कल्याणी जी उनके बैग से कुछ चीज निकले और सामने के टेबल कुर्सी लगाई और एक डिब्बे उठा रक कर रेणुका जी से बोलती है कि ये साडी काशी से लाई हू तू जा पे अच्छी लगेगी ये तूम ना दिवाली पर पहनना । इतना कहकर वो साडी का डब्बा उन्हें अपने हाथों से निकल कर देती है । जब रेणुका जी वो साड़ी को देखती है तो कर वो खुश होकर बोलती हैं । साड़ी बहुत अच्छी है लाल रंग और गोल्डन वर्क किया हुआ था फिर उन्होंने एक कुर्ता पैजामा की डब्बा लिया और बोला इसे रेवंत को देना उसे ऊपर अच्छा लगेगा फिर ऐसे ही कर कर रेणुका जी को दिखाया किस के लिए क्या लाए हे|
क्या होगा माया का फैसला क्या वो काम करेगी इंद्रजीत की कंपनी में या 10 लाख रुपयों का जुर्माना भरेगी अगर देगी तो कहां से लाएगी माया 10 लाख...राहुल के आने से क्या मोड़ लेगी इंद्रजीत और माया के जीवन में...दादीजी क्या ट्विस्ट लाने वाले हैं|
आगे की कहानी जनने के लिए padhte rahiye
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