Soundarya ek Abhishap - 12 in Hindi Moral Stories by Kaushik Dave books and stories PDF | सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 12

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सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 12

"सौंदर्य एक अभिशाप !"
(भाग-१२)

राजकुमारी चित्रा अपने बगीचे में सूरज सिंह से मिलती है। सूरज सिंह अपने दोस्त से मिलने आया हुआ है।

राजकुमारी चित्रा सूरज सिंह को अपना प्यार जताती है।

चित्रा को सूरज सिंह से पता चलता है कि उसका भाई सखी सुवर्णा से प्यार करता है।

राजकुमारी चित्रा..
सखी सुवर्णा, तुम क्या ढूँढ रही हो? हम तुम्हारे बारे में बात कर रहे हैं और तुम ध्यान नहीं दे रही हो? मेरे भाई को तुमसे प्यार हो गया है।

अचानक पूछे गए सवालों से सुवर्णा थोड़ी डर जाती है।

क्या बोलूं क्या न बोलूं! सखी मेरे पर गुस्से हो सकती है।

चित्रा..
सखी.. बताओ..क्या तुम्हें मेरा भाई पसंद है? मेरा भाई बहादुर है और खूबसूरत नौजवान है।तुम्हारी किस्मत खुलने वाली है।

सुवर्णा शर्मा गई और बोली..
राजकुमार से ही पूछो।

चित्रा..
लेकिन मेरा भाई कहाँ है? वह अभी दिखाई नहीं दे रहा है। इस लता ने किसी और को देखा होगा।

लता, जो गौरैया बन गई थी, बोली..
नहीं..नहीं..वे इस तरफ़ आए हैं। मैंने उन्हें देखा है।

इनमें से एक तोता उड़ता हुआ आया।
यह देखकर गौरैया चहचहाने लगी शोर..
कहा..
ये जादूगर है. राजकुमारी को बचाओ राजकुमार.

राजकुमार सूरज सिंह ने अपनी तलवार निकाली.
वो तोते की तरफ दौड़े.
लेकिन तोता शोर मचाता हुआ उड़ने लगा।

वो बोला..
राजकुमार.. तुम क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारे राज्य के लिए काम कर रहा हूँ।तुम्हारे पिता ने मुझे राजकुमारी चित्रा का अपहरण करने के लिए कहा था।

राजकुमार सूरज सिंह..
मुझे विश्वास नहीं होता.. तुम झूठे हो, मक्कार हो।

तोता फिर से जादूगर बन गया.

और राजकुमारी चित्रा का हाथ पकड़ लिया.
राजकुमारी खंजर लेकर जादूगर का सामना करने लगी लेकिन जैसे ही जादूगर ने उसे थप्पड़ मारा खंजर गिर गया।
राजकुमारी बेबस हो गई।

चिड़िया ने जादूगर को चोंच मारी और उड़ने लगी।

राजकुमार सूरज सिंह तलवार लेकर जादूगर की तरफ दौड़े।
वो बोला..
जादूगर, तुम झूठे हो, राजकुमारी को छोड़ दो नहीं तो मैं तुम्हें मार दूंगा। मैं तुम्हें आदेश देता हूँ।

जादूगर हँसने लगा..

मुझे परवाह नहीं. अगर मैं बताऊँगा राजा को तो वह तुम्हें कैद कर लेगा। तुम्हारे पिता इस राजकुमारी की सुंदरता पर मोहित हो गए हैं। राजकुमारी से विवाह करना चाहते हैं।

राजकुमार सूरज सिंह..

उसे छोड़ दो। उसे दर्द हो रहा है। वह नाजुक है, मैं राजकुमारी से प्यार करता हूं।मैं राजकुमारी चित्रा से विवाह करना चाहता हूँ।

यह कहते हुए सूरज सिंह ने अपनी तलवार से जादूगर का सिर काट दिया।

जादूगर की मृत्यु के साथ ही चिड़िया से फिर से लता में बदल गई।

राजकुमारी चित्रा ने राजकुमार सूरज सिंह को गले लगा लिया और रो पड़ी।

उसने कहा..
राजकुमार, मुझे माफ़ कर दो। मैं अपनी सुंदरता के कारण अहंकारी हो गई थी। मैं आपसे विवाह करने के लिए तैयार हूँ। मुझे माफ़ कर दो।

उसी समय राजकुमार जयवीर सिंह चिल्लाते हुए आए।

उन्होंने सूरज सिंह और चित्रा को एक साथ देखा।

सुवर्णा दौड़कर जयवीर सिंह के पास आई।

और उसे सारी बात बताई।

सूरज सिंह ने कहा..
राजकुमारी चित्रा, मैं आपसे एक शर्त पर विवाह करूँगा।

राजकुमारी चित्रा..
मुझे आपकी सभी शर्तें मंजूर हैं।

सूरज सिंह..
मैं भी लता से विवाह करना चाहता हूं। मैं तुमसे तभी शादी करूँगा जब तुम राजी हो जाओगी। क्या तुम लता और मेरे साथ जीने के लिए तैयार हो?

अंत में राजकुमारी चित्रा राजी हो गई.

दोनों सहेलियों ने एक दूसरे को गले लगा लिया‌

दो दिन बाद राजकुमार सूरज सिंह ने राजकुमारी चित्रा और लता से विवाह कर लिया।

राजकुमार जयवीर सिंह ने सुवर्णा से विवाह कर लिया।

राजकुमार सूरज सिंह के पिता ने अपनी गलती स्वीकार की और राजकुमार सूरज सिंह को राजगद्दी सौंप दी और तपस्या करने के लिए जंगल में चले गए।

इस प्रकार मेरी धारावाहिक कहानी "सौंदर्य एक अभिशाप!" समाप्त होती है । अभिमान करना नहीं चाहिए। चाहें रूप का हो या धन वैभव का। जो अपने अभिमान पर पस्ताने के बाद नया जीवन शुरू करते हैं,उसका अच्छा ही होता है।
- कौशिक दवे