क्योंकि वह इस शहर में अकेली रहती थी और ऊपर से उनका कोई दोस्त भी नहीं है जो उन्हें इतनी रात को परेशान करें।
जिसकी वजह से वह दरवाजा नहीं खोलती है और अंदर से ही डरते हुए पूछती है कौन है इतनी रात को दरवाजा क्यों खटखटा रहे हो?
लेकिन उन्हें कोई भी जवाब नहीं आता है।
फिर से दरवाजा खटखटाना की आवाज आती है तो इस बार वह हाल में पड़े हुए अपने झाड़ू को उठाती है ,और धीरे-धीरे से दरवाजे के पास जाती है और एक बार फिर से पूछती है... कि कौन है? इस बार भी कोई आवाज नहीं आती है.
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तो वह धीरे से दरवाजे को खोलती है तो सामने वह दो लोगों को देखती हैं , जिन्होंने अपने चेहरे को मास्क से ढका हुआ था, उन्हें देखकर रोली पीछे छुपाए हुए झाड़ू से उन्हें पीटने के लिए ऊपर उठाती है ।पर इससे पहले वह मार पाती वह दोनों लोगों ने अपने चेहरे पर से मास्क हाटा लिया था।
उन दोनों को देखकर रोली राहत की सांस लेती है और झाड़ू को नीचे फेंक देती है। वह दोनों इंसान भी रोली को ऐसे अपने ऊपर झाड़ू उठाते देखकर देखते रह जाते हैं।
यह दोनों महाशय कोई और नहीं कार्तिक और दुर्गा थे जो इतनी रात को चोरों की तरह मास्क
लगाकर डॉक्टर के घर आए थे।
कार्तिक डॉक्टर को देखते हुए बोला..." डॉक्टर आपके घर में क्या मेहमानों का स्वागत झाड़ू से करते है„...
कार्तिक की सवाल सुनकर डॉक्टर रोली झाड़ू को फेंकती है और उल्टा कार्तिक से सवाल करती है कि इतनी रात को कोई किसी के घर आता है, वह भी इस तरह चोरों की बेसमें (उनके चेहरे पर कोई डर का नामो निशान नहीं दिख रहा था ,पर उनकी आंखों और उनके शरीर को कांपते देखकर आसानी से समाझा सकते हैं कि वह कितनी डरी हुई थी)
डॉक्टर के सवाल पर दुर्गा जवाब देती है वह क्या है ना हमें आपसे अर्जेंटली बात करनी थी इसलिए हमने बिना टाइम देखकर आए और रही बात मास्क की तो बस ऐसे ही पहना हुआ था।
डॉ रोली बोलती है घर के अंदर से मैंने पूछा था कि कोई है बाहर तो जवाब क्यों नहीं दिया? उनके सवाल पर कार्तिक जवाब देता है" हमने आपको जवाब इसलिए नहीं दिया क्योंकि हमें लगा अगर आपको पता चलेगा कि हम आपसे मिलने आए हैं तो आप दरवाजा ही नहीं खोलोगी ,,
दुर्गा डॉक्टर से बोली.. क्या आप सारे सवाल जवाब यहां बाहर होकर ही पूछोगी या अंदर भी आने दोगी इस वक्त दुर्गा के आवाज में रूडनेस साफ झलकती है।
दुर्गा की टोन सुनकर कार्तिक दुर्गा की तरफ नाराजगी से देखता है क्योंकि डॉक्टर रोली की उम्र 40 के आसपास थी। और ऊपर से वह कार्तिक की मॉम के x असिस्टेंट भी थी तो उन्हें रिस्पेक्ट देना तो बनता था ना।
लेकिन दुर्गा कार्तिक की नजरों को पूरी तरह से इग्नोर करती है और रुक अंदाज से डॉक्टर को देखती हैं।
उसको ऐसे देखते-देख कर रोली अपनी नजरों को नीचे कर कर उन्हें अंदर आने के लिए बोलती है। इसके बाद वह तीनों अंदर आते हैं रोली उन्हें बैठने का इशारा करती है, तो वह लोग सोफे पर बैठते हैं। उसके बाद वह उन दोनों के लिए पानी लाती है तो दोनों पानी लेते हैं,क्योंकि उन्हें सच में बहुत ज्यादा प्यास लगी थी, और एक ही सांस में पी भी लेते हैं।
कपाड़िया मेंशन में
इस वक्त सभी लोग हाल में बैठकर बातें कर रहे थे,
खुशी जी अर्णव जी से बोलती है ...सुनिए मुझे लगता है ,कि हमें घर पर एक शांति पूजा रखवानी चाहिए -अपने बच्चों की सही सलामती के लिए।
और ऊपर से मुझे एक अजीब सी घबराहट हो रही है जैसे कुछ बुरा होने वाला है?
उनकी बातों पर इशिता की भी बोली जी पापा जी मुझे भी ऐसा ही लग रहा है और ऊपर से घर में कुछ ना कुछ अशुभ हो ही रहा है पहले इन्हें हार्ट अटैक आना फिर इतना बड़ा तमाशा होना सांची का ऑपरेशन और संवि का एलर्जी से बेहोश होना। मेरे बच्चों पर कोई ना कोई विपत्ति आ ही रही है।
( खुशी जी और इशिता जी का डर बेवजह नहीं था क्योंकि जल्दी इनकी जिंदगी में एक ऐसा तूफान आने वाला था जो सबकी जिंदगियों को बीखरने वाला था)
उन दोनों की बात सुनकर रमन जी बोलते हैं मां और इशिता जी आप यह क्या बेकार की बातें लेकर बैठी हो? कुछ अशुभ वशूब नहीं होगा और जो हुआ है वह सिर्फ एक हादसा है। इतना चिंता कर कर क्यों अपनी बीपी बड़ वाने पर तुली हो अब दोनों।
उनकी बात सुनकर अरनव की उन्हें चुप करते हुए बोले तुम इन बातों पर नहीं मानते होंगे तो मत मानो पर इसका मतलब यह नहीं है कि तुम उनकी बातों को हल्के में लो! अगर तुम्हारी मां का और बहू का इतना मन है शांति पूजा करने का तो करने दो।
इशिता जी और खुशी जी की तरफ देखते हुए बोले आप दोनों को घर के कुछ भी करने के लिए हमसे परमिशन लेने की जरूरत नहीं है ।आप दोनों इस घर की बहू हो और यह घर आप दोनों का है तो ,आपको जैसे चाहिए वैसे इस घर को चलाइए।(रुचिता शिवाय उन लोगों की बातें सुन रहे थे) तीनों बच्चे एक साथ खेल रहे थे हॉल में ही।
तभी उन लोगों को कर की आवाज सुनाई देती है जिसे सुनकर रुचिता जी किचन में जाती है क्योंकि उन्हें पता था कि वनराज जी ऑफिस से आए हैं तो वह उनके लिए पानी लेने गई थी।
रुचिता जी जैसे ही पानी लेकर किचन से बाहर आकर दरवाजे की तरफ देखती है तो उनके हाथों से ग्लास फिसल जाता है और टूट जाता है।
ग्लास के टूटने की आवाज सुनकर सभी लोग रुचिता जी को देखते हैं तो उन सबको रुचिता जी की आंखों में आंसू साफ-साफ दिखाई दे रहे थे और वह एक जगह देख रही थी तो वह लोग उनकी नजरों का पीछा करते हैं तो वह लोग भी दरवाजे पर खड़े वनराज को देखकर शॉक रह जाते हैं।
रोली के घर पर
कार्तिक रोली से पूछता है . . . आंटी आप यहां कैसे, आप तो 5 साल पहले लंदन गई थी ना, फिर इंडिया क्यों लौट कर आई हो?
कार्तिक के सवाल का जवाब डॉक्टर नहीं दे पाती है वह बस अपनी नजरों इधर-उधर करते रहती है।
दुर्गा को गुस्सा आने लगता है उनको यू खामोश देखकर तो वह डॉक्टर से बोलती ...है क्या आप यहां हमें ब्लैकमेल करने तो नहीं आई है ,तो मैं आपको बता दूं कि हमने आपसे वह काम जबरदस्ती नहीं करवाया था आपने खुद ही हमीं भरी थी करने के लिए और साथ में अपने तीन करोड रुपए लिए थे यह काम करने के लिए।
अगर आपको लगता है कि आपका ब्लैकमेल करने से हम डर के मारे आपको और ज्यादा पैसे देंगे तो याद रखना ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि मेरे पास आपके खिलाफ पूरे सबूत है अगर हम दुबे तो आपके साथ में ले डूबेंगे।
(दुर्गा की बात सुनकर डॉक्टर की चेहरे से हवाइयां उड़ने लगती है)
डॉक्टर आंखों में आंसू लेकर बोलती है... मैं यहां आप लोगों को ब्लैकमेल करने नहीं आई हूं , और ना ही किसी को सच बताने!!
मैं तो यहां आना ही नहीं चाहती थी पर क्या करती मजबूरी थी इसलिए आना पड़ा।
उनकी बात सुनकर कार्तिक नम लहजे में उनसे पूछता है आंटी ऐसी क्या बात हुई है कि आपके यहां आना पड़ा ऐसे क्या मजबूरी थी?
डीआर कार्तिक की तरफ देखते हुए बोली 8 महीने पहले मेरे पति को पता चला कि वह कैंसर से पीड़ित हैं वह भी लास्ट स्टेज, तो उनकी आखिरी ख्वाहिश थी कि उनकी आखिरी सांस इंडिया में उनकी जन्मभूमि पर हो इसलिए मैं यहां आई थी उनके साथ अभी 3 महीने पहले ही उनका देहांत हो चुका है।(वह यह बात बताते हुए बहुत रो रही थी जिसे देखकर कार्तिक उनके आंसू पहुंचते हुए उन्हें संभालने की कोशिश करता है)
तो दुर्गा रुक लेज में बोलती है तो आप वापस लंदन क्यों नहीं गई हो यहां क्या कर रही हो?
जिस पर कार्तिक उसे आगे नहीं बोलने का इशारा करता है पर दुर्गा तो दुर्गा वह किसी की नहीं सुनती तो कार्तिक की क्या सुनती।
रोली अपने आप को संभालते हुए बोलती है लंदन जाकर में करुंगी क्या मेरे पास तो मेरे पति के अलावा कुछ है ही नहीं जिसकी वजह से मैं इंडिया में ही रह गई।
और डॉन'टी वरी मैं कभी किसी को वह राज नहीं बताऊंगी, तो तुम फ़िक्र मत करना कि मैं यहां तुम्हें लोगों को ब्लैकमेल करने आई हूं।
उनकी बात पर दुर्गा शक करते हुए बोली पर सुबह तो आपकी हाव भाव से तो मुझे कुछ और ही लग रहा था।।
उसकी बात पर डॉक्टर थोड़ा सहम जाती है पर फिर भी बोलती है वह क्या है ना कि अचानक उसे अपने सामने देखकर मुझे समझ नहीं आया कि कैसे रिएक्ट करूं? इसीलिए जो मन में आया मैंने वह बोल दिया।
दुर्गा बोली पहले और आखरी बार मैं आपकी बातों पर भरोसा कर रही हूं अगर मुझे पता चला कि आपने हमें डबल क्रॉस करने की कोशिश की है तो सच बोल रही हो तोहरा जान से मारले से पहिले हम एक पल भर ले खातिर भी ना सोचब"(वह क्या है ना कभी-कभी दुर्गा के हाई इमोशंस की वजह से हिंदी लैंग्वेज थोड़ा सा बिगड़ जाता है)
ऐसे ही बोलो कुछ देर बात करते हैं जिसमें बातें कम दुर्गा धमकी ज्यादा दे रही थी।
आखिर क्यों रुचिता ने ऐसा रिएक्ट किया, कौन सा तूफान आने वाला है जाने के लिए पड़ी अगला चैप्टर।
थैंक यू फॉर रीडिंग चैप्टर। प्लीज रिव्यू ओर कमेंट करना ना भूले।
एक सवाल है कि आपको सबसे ज्यादा कौन सा कैरक्टर पसंद आ रहा है।