Age Doesn't Matter in Love - 5 in Hindi Drama by Rubina Bagawan books and stories PDF | Age Doesn't Matter in Love - 5

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Age Doesn't Matter in Love - 5

घर पहुँचते ही आन्या का चेहरा बुझा हुआ था। ममता जी ने उसे देखा तो फिक्र से पूछा,

“क्या हुआ बेटा?”


आन्या ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपने कमरे में चली गई। अक्षत धीरे से बोला,

“पापा ने डांटा था…”


ममता जी चुप रहीं, और तूकाराम जी ने सख़्त लहजे में कहा,

“अक्षत को चोट लगी है, दवा लगा दो। मैं एक बार चेक कर आता हूँ।”


ममता जी अक्षत को लेकर अंदर चली गईं। थोड़ी देर बाद आन्या कपड़े बदलकर किचन में आई।

ममता जी बोलीं, “खाना खा लो।”


आन्या धीमे स्वर में बोली,

“रसोई साफ कर लूं, फिर खा लूंगी,”

और चुपचाप स्लैब साफ करने लगी।


दूसरी ओर...


अभिमान आज घर जल्दी लौटा। सरस्वती जी ने पूछा,

“क्या हुआ? इतने परेशान क्यों हो?”


अभिमान ने बिना जवाब दिए कहा,

“मुझे डिस्टर्ब मत करना,”

और अपने कमरे में चला गया।


अगला दिन – दोपहर

अभिमान काउंटर पर बैठा मोबाइल स्क्रॉल कर रहा था, जब उसकी नजर सामने खड़ी एक बच्ची पर पड़ी।


“सर…”

आन्या की मासूम आवाज़ थी।


अभिमान ने सर उठाया आन्या को देखा उसके चेहरे पर वही मासूमियत थी उसके चेहरे पर स्माईल थी उसके गाल पर उंगलियों के निशान थे शायद थप्पड़ मारने के 

  चिढ़ते हुए कहा,

“कहा ना! तीस वाली पेस्ट्री नहीं है!”


राघव पीछे से बोला,

“मैं दे देता हूँ उसे…”तूम यहा आव 

लेकिन आन्या ने धीरे से कहा,

“मेरे पास 35 रुपये हैं, मुझे वही वाली चाहिए…”


राघव ने पेस्ट्री की तरफ देखकर निराशा से कहा,

“वो तो खत्म हो गई… दूसरी दूं?”


आन्या का चेहरा उतर गया। वह बोली,

“नहीं चाहिए… मुझे सिर्फ वही चाहिए थी।”

फिर उसकी नजर अभिमान पर गई।

अभिमान गुस्से में चिल्लाया,

“क्या देख रही हो? जाओ यहां से!”जब देखो तब देखती रहती हो।।

लेकिन इससे पहले कि वो पलट आन्या की मासूम आवाज गूंजी—

“आई लव यू।”


पूरे माहौल में सन्नाटा छा गया।


अभिमान और राघव स्तब्ध रह गए।


“क्या बकवास कर रही हो?

” अभिमान ने घूरते हुए कहा।


आन्या डरते हुए फिर दोहराई,

“आई लव यू…”

अभिमान गूससे से बोला,, दिमाग खराब हो गया है क्या,पागल लड़की

आन्या सहम गई ओ फीर से बोली,,आई लव यू व

“गेट आउट!” अभिमान ने गुस्से से चिल्लाया।


आन्या की आंखें नम हो गईं, लेकिन उसकी जुबां कांपते हुए बोली—

“आई लव यू मिस्टर एंग्री यंगमैन।”


“जाओ यहां से! तमाशा मत करो!”निकलो यहां से ए सब सिखाते स्कूल मै।।

अभिमान की गूंजती हुई आवाज के बाद आन्या चुपचाप पलटी और चली गई। जाते-जाते भी उसकी आंखें अभिमान पर ही टिकी रहीं।


अभिमान ने राघव को देखा, जो अभी भी शॉक में था।

“क्या हुआ?” उसने पूछा।


राघव हैरानी में बोला,

“यार, वो तुम्हें प्रपोज करके चली गई…”


“बकवास बंद करो। काम करो।”

अभिमान ने झल्लाकर कहा।


बाहर...

आन्या आंसू पोंछते हुए बुदबुदाई,

“खडूस कहीं का… इतना डांटा मुझे। क्या उसे मैं पसंद नहीं?”


फिर उसकी नजर अभिमान की बाइक पर गई। उसने अपने बैग से एक स्टिकर निकाला, उस पर लिखा,

“You Khadoos Man… I Love You”

और बाइक पर चिपका कर चली गई।


रात – बेकरी बंद


अभिमान ने घर जाने से पहले बाइक पर नज़र डाली। उस पर स्टिकर लगा था। उसने पढ़ा… और बिना कुछ कहे वो स्टिकर अपने वॉलेट में रख लिया।


घर पर


घर में हलचल थी। ड्रॉइंग रूम में शाइना बैठी थी, उसकी मंगेतर।

सरस्वती जी ने देखा,

“अरे, जल्दी आ गए?”

अभिमान गूससे से भरा था ओ बस हम्म कहा और कमरे की और बढ गया।।

शाइना उसके पीछे-पीछे चली आई और कमरे में उसे पीछे से गले लगा लिया।

अभिमान ने तुरंत उसे झटकते हुए कहा,

“अभी शादी नहीं हुई है हमारी!”

शायना फीर से उसके गले लगाते हुए बोली,,हो जाएगी। अभिमान गूससे से बोला,,, मूझसे दूर रहो। ईतना बोलकर उसने उसका हाथ पकडा और कमरे से बाहर निकाल दिया 

शाइना हड़बड़ाकर गिरने को हुई। अपमानित-सी बोली,

“अब देखो मैं क्या करती हूँ…”

और गुस्से में नीचे चली गई।


“मॉम, डैड, चलिए,” कहकर वह घर से निकल गई।


उसके पेरेंट्स भी चले गए।



अमित जी गुस्से से बोले,

“अभी! बाहर आओ!”


“क्या किया तुमने शाइना के साथ?”

अभिमान चुप।


सरस्वती जी परेशान होकर बोलीं,

“क्यों इतना बदल गए हो बेटा?”


“वो मुझे गले लगाई… मैंने हटा दिया… तो वो गिर गई…”

अभिमान ने रूखे स्वर में कहा।


“तो क्या हुआ? वो तुम्हारी होने वाली बीवी है!”

अमित जी गरजे।


“मुझे अच्छा नहीं लगा,”

अभिमान ने गुस्से में हाथ फैलाकर कहा।

अमित जी गूससे से बोले,, तूम्हे अच्छा नही लगा क्या बकवास कर रहे हो लडके हो तूम 

अभिमान गूससे से बोला,, मूझे फील नहीं हूआ जब ओ करीब आ रही थी तब अच्छा नहीं लगा।।

अमित जी गूससे से बोला,, बकवास मत करो 

“अब बस, ये शादी होगी! समझे?”

अभिमान गूससे से दहाड़ते हुए बोला 

“डैड… मुझे ये शादी नहीं करनी है।”


सब सन्न।


अभिमान चुपचाप अमित जी के पास जाकर उनके गोद में सिर रखकर लेट गया।


अमित जी उसके बाल सहलाते हुए बोले,

“क्या हुआ बेटा? पहले जैसा मुस्कुराना छोड़ दिया है… सगाई के बाद बिल्कुल बदल गए हो।”


अभिमान धीमे से बोला,

“पता नहीं डैड… बस अकेला रहना चाहता हूँ।”


वो उठकर जाने लगा और पीछे से बोला,

“मॉम… पेस्ट्री खत्म हो गई है… तीस वाली बनाकर रख देना कल के लिए।”


सरस्वती जी बोलीं,

“तूने प्राइस कम कर दी?”


“मुझे नहीं पता… आप बना देना।”

इतना कहकर वो अपने

कमरे में चला गया।


क्या अभिमान के दिल में कोई हलचल है? क्या उसका गुस्सा एक मासूम 'आई लव यू' को छू पाया?

पढ़ते रहिए — "Age Doesn’t Matter in Love" 💔❤️