Ishq aur Ashq - 33 in Hindi Love Stories by Aradhana books and stories PDF | इश्क और अश्क - 33

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इश्क और अश्क - 33


अगस्त्य ने उसे एक बार और देखा और थोड़ा शातिर वाली मुस्कान देकर बोला:
"तुम तो मुझे अट्रैक्ट भी नहीं कर सकती!
पर हां... अगर तुम मुझे खुश करना चाहती हो, तो मैं तुम्हें एक मौका दे सकता हूं... होटल में रू—"

(बात खत्म होने से पहले ही रात्रि ने अपने हाथ उठाया और अगस्त्य के मुंह पर एक जोरदार और असरदार तमाचा जड़ दिया)

अगस्त्य ने उसका हाथ पकड़ा और तेजी से मोड़कर उसकी कमर पर रखकर सामने दीवार में उसे सटा दिया, और दांतों को भींचते हुए गुस्से में बोला:
"देखा...! ये है हमारी कहानी, इसमें नफरत, नफरत और सिर्फ नफरत है।
तुम कहां इसमें फीलिंग्स ढूंढ रही हो...!"

(रात्रि की पलके झपके बिना ही उसकी आंखों से आंसू बह रहे हैं)

अगस्त्य, उसकी पलकों से टपकते आंसुओं को देख कर पिघल ही रहा है, कि रात्रि ने बोला:
"तुम जैसा नीच और गिरा हुआ आदमी मैंने अपनी ज़िंदगी में नहीं देखा।"

अगस्त्य ने उसका हाथ छोड़ा और बोला:
"Congratulations... तुमने एक यूनिक चीज़ देख ली है, तुम कभी देखोगी भी नहीं।
Now get lost..."

रात्रि जाते-जाते:
"मैं कोसती हूं उस दिन को, जिस दिन तुम मेरी ज़िंदगी में आए थे...
मैं तुम्हें कभी याद नहीं करना चाहती, मैं चाहती हूं मैं तुम्हें भूल जाऊं...!"

(इतना बोलकर उसके सिर में बहुत तेज़ झटका लगा, कुछ फ्लैशबैक और धुंधली सी तस्वीरें दिखने लगीं, सिर भारी हो गया)

वो सिर पकड़कर बोली:
"ये पहले भी हो चुका है... मैंने ये पहले भी बोला है..."
(उसका सिर लगातार भारी हो रहा है, आंखें धुंधली जा रही हैं, वो चिल्लाई)
"वर्धान... वर्धा... वर्धान!"

अगस्त्य ये सुन कर सुन्न पड़ गया
अगस्त्य:
"क्या इसने मेरा नाम लिया...? नहीं, इसे कुछ याद तो नहीं आ गया...?
नहीं...! ऐसा नहीं होना चाहिए!"

(इतना बोलकर वो वहीं गिर गई)

अगस्त्य चिल्लाया:
"रात्रि...! रात्रि...!"

(वो भाग कर उसके पास गया, उसे अपनी बाहों में लिया, और जो उसने देखा उसके बाद अगस्त्य को कुछ समझ नहीं आ रहा)

(रात्रि की नाक से खून आ रहा है)

अगस्त्य होपलेस होकर:
"रात्रि... उठो... क्या हुआ तुम्हें?"

(उसने पास से पानी की बोतल उठाई और उसके मुंह पर पानी की छींटें मारीं)

(रात्रि को होश आया, उसे अभी कुछ समझ नहीं आया कि वो कैसे फ्लैशबैक थे...)

(वो उठी और खुद को अगस्त्य की बाहों में देख कर उसे अगस्त्य की कही बात याद आ गई, तो उसने अगस्त्य को धकेला)

अगस्त्य परेशान होकर:
"रात्रि... तुम ठीक तो हो? तुम्हारी नाक से खून..."
(वो हाथ उठाकर उसे छूने जा रहा है)

रात्रि ने उसका हाथ झटका और गुस्से में बोली:
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की...? हिम्मत भी मत करना मुझे छूने की!"

(और वहां से निकल गई)

अगस्त्य खुद से गुस्से में:
"देखा तूने... सिर्फ तेरा नाम लेने से ही उसका क्या हाल हो गया...
और तू उसकी ज़िंदगी में घुसा जा रहा है।"


---

दूसरी तरफ — रात्रि भाग कर ऑफिस के बाहर आई और रोने लगी (अगस्त्य की बातों को याद करके)

वो रोते हुए:
"वो मेरे बारे में ऐसी बात सोच भी कैसे सकता है...?
और फिर मेरे इतने करीब क्यों आया...?"
(फिर उसे वो फ्लैशबैक ध्यान आए)

रात्रि:
"क्या था वो...? क्या ऐसा अभी भी कुछ है जो मुझे याद होना चाहिए?
और ये वर्धान क्या है...? कोई जगह, कोई चीज़ या... कोई इंसान? किस चीज़ का नाम है ये?"

(वो अपनी नाक से निकलते हुए खून को साफ कर रही है)

(तभी रात्रि का फोन बजा, राबिया का फोन था)

रात्रि रोते-रोते फोन रिसीव करती है
रात्रि:
"हेलो...?"

राबिया:
"क्या हुआ तुझे!!!???"

(रात्रि ने उसे सारी बात बताई)

राबिया:
"तू अभी एवी और अगस्त्य दोनों से दूर रह...
मीडिया में तेरे बारे में अच्छी बातें नहीं हो रही हैं।
ये लोग अलग लोग हैं... इनको मीडिया और खबरों से कोई फर्क नहीं पड़ता।"

रात्रि:
"मैं चाहकर भी उससे दूर रह पाती...? पता नहीं क्यों?"

राबिया:
"किससे...? एवी से?"

रात्रि:
"नहीं...! अगस्त्य से।"

राबिया:
"तुझे पता है न, उसने तुझे क्या कहा..."

रात्रि:
"हम्मम..."
(एक कॉल आ रही है उसके फोन पर)

रात्रि:
"मैं तुझे कॉल करूंगी, अभी एवी का कॉल आ रहा है।"

राबिया:
"ओके, टेक केयर।"

रात्रि:
"हेलो..."
(उसने अपने आंसू साफ करते हुए बोला)

एवी उसकी आवाज़ सुनते ही समझ गया:
"क्या हुआ...? कुछ हुआ है?"

रात्रि:
"नहीं तो...! वो ठंडा पानी पी लिया था इसीलिए आवाज़ थोड़ी भारी है।"

एवी:
"अच्छा...? सच में?"

रात्रि:
"हम्मम।"

एवी:
"वैसे आज शाम को तुम्हें कब पिक करूं पार्टी के लिए?"

(रात्रि कुछ सोचने लगी)

एवी:
"हेलो...? बोलो?"

रात्रि:
"हम साथ में नहीं जा सकते।"

एवी:
"पर क्यों?"

रात्रि:
"तुम्हें पता है न मीडिया का... मैं नहीं चाहती कोई और कंट्रोवर्सी हो।
और वैसे भी कल वाले सीन के बाद मीडिया की तेज़ नज़र है इस पार्टी पर।"

एवी:
"पर..."

(रात्रि ने कॉल कट कर दी)


---

दूसरी तरफ — अर्जुन सबको इंस्ट्रक्शंस दे रहा है कि कोई भी मीडिया पार्टी में ना आए, स्ट्रिक्ट सिक्योरिटी होनी चाहिए

(वो अब अगस्त्य के ऑफिस में आता है)

अर्जुन:
"भाई... ये बवाल तो थम ही नहीं रहा,
मीडिया अभी भी इसी टॉपिक पर कवर कर रही है कि एवी और मान प्रोडक्शन के बीच क्या चल रहा है,
और अगस्त्य मान जैसे बड़े इंसान ने एवी थे सुपरस्टार को दो बार क्यों मारा।"

अगस्त्य (अब थोड़ा परेशान):
"क्या...? अभी तक यही न्यूज़ है...?"

अर्जुन:
"न्यूज़ तक तो ठीक था पर न्यूज़पेपर की हेडलाइन इतनी नेगेटिव अटेंशन गेन कर रही है कि
अब मीडिया हमारी सीक्रेट लोकेशन के बारे में भी जानना चाहती है..."
(उसने न्यूज़पेपर टेबल पर रखते हुए कहा)

(अगस्त्य ने न्यूज़पेपर की हेडलाइन पढ़ी)

हेडलाइन:
"एक सीक्रेट गर्ल के पीछे हुई दो बड़ी हस्तियों में लड़ाई...
अगस्त्य मान और एवी सहगल की फाइट का सीक्वल!"

अर्जुन:
"और अब उनकी चील की नज़र है इस पार्टी पर।"

अगस्त्य:
"स्ट्रिक्ट सिक्योरिटी रखो, इस पार्टी से कोई न्यूज़ नहीं मिलनी चाहिए उन्हें।"

अर्जुन:
"जी भाई... आप थोड़ा शांत रहना प्लीज़।"