Barsho Baad Tum - 10 in Hindi Love Stories by Neetu Suthar books and stories PDF | बरसों बाद तुम - 10

Featured Books
Categories
Share

बरसों बाद तुम - 10



🖋️ एपिसोड 10: “जब मोहब्बत मुकम्मल होती है…”



> "कभी-कभी मोहब्बत को मुकम्मल होने में वक़्त नहीं,
हिम्मत लगती है।”




---

स्थान: दिल्ली — रविवार की सुबह, 8:00 बजे

आरव आज जल्दी उठ गया था।
रेहाना की नींद अब भी मीठी थी।

उसने चुपचाप किचन में जाकर नाश्ता तैयार किया —
ब्रेड टोस्ट, कॉफी और उसके लिए खास चीज़ — गुलाब-जामुन।

> “आज कुछ ख़ास है क्या?” रेहाना ने आँखें मलते हुए पूछा।

“हाँ… आज हमारी कहानी का 100वां दिन है।”

“क्या?”

“हमारी शादी को 100 दिन पूरे हो गए।”



रेहाना मुस्कराई, जैसे कोई मासूम सा बच्चा उसे याद दिला रहा हो —
कि हर छोटा दिन भी बड़ा होता है, अगर साथ हो।


---

Scene Shift — एक छोटा ट्रिप प्लान

आरव ने रेहाना के लिए एक दिन की ट्रिप प्लान की थी —
Neemrana Fort — वही जगह जहाँ कभी वो शादी से पहले जाना चाहते थे, लेकिन वक्त नहीं मिला।

कार में गाने चल रहे थे —
पुराने कॉलेज के प्लेलिस्ट वाले।

> “आज हम अतीत नहीं जियेंगे, रेहाना…
आज बस अब और आगे।”




---

Neemrana Fort – दोपहर 1 बजे

राजस्थानी हवाओं में पुरानी हवेलियों की खूशबू,
ऊँचे झरोखे, पुराने फर्श, और ढेरों यादों जैसी गलियाँ।

दोनों हाथों में हाथ डाले किले के हर कोने में एक किस्सा ढूंढ रहे थे।


---

किले की सबसे ऊँची मंज़िल पर, जब हवा ज़ोर से चल रही थी…

रेहाना ने पूछा —

> “तुम्हें कभी डर नहीं लगा कि ये सब खत्म हो सकता है?”



आरव ने धीरे से कहा —

> “पहले लगता था…
लेकिन अब लगता है —
अगर तुम साथ हो, तो सबकुछ फिर से शुरू किया जा सकता है।”




---

Scene Change — फोर्ट के पुराने रेस्टोरेंट में शाम का डिनर

सामने दीपकों की रोशनी,
मिट्टी की खुशबू और हल्का संगीत।

रेहाना ने अपने बैग से एक छोटा सा लिफाफा निकाला।

> “ये क्या है?”

“तुम्हारे लिए।”



आरव ने खोलकर देखा —
एक चिट्ठी थी, और साथ में एक पॉजिटिव प्रेग्नेंसी टेस्ट रिपोर्ट।


---

सन्नाटा। फिर वो मुस्कान, जो बरसों से इंतज़ार कर रही थी।

आरव की आँखें भर आईं।
उसने रेहाना का हाथ थामा और बोला —

> “ये हमारी कहानी का सबसे खूबसूरत चैप्टर है।”




---

❤️ Scene Shift — दिल्ली वापसी, अगली सुबह

अब घर सिर्फ घर नहीं रहा था —
अब वो एक घर + उम्मीद बन चुका था।

दीवारों पर कुछ नए पोस्टर,
कमरे में एक झूला लगाने की प्लानिंग,
और डिनर टेबल पर बच्चों के नाम की चर्चा…


---

एक शाम — दोनों ने फिर डायरी निकाली

इस बार उन्होंने मिलकर लिखा:

> _“बरसों बाद तुम मिले…
तो लगा जैसे वक़्त लौट आया है।

अब जब तुम साथ हो —
तो हर दिन, हर रिश्ता, हर सपना मुकम्मल लगता है।”_




---

🎉 Scene – बेबी शॉवर (Godh Bharai) का दिन

दोनों परिवार अब एक हो चुके थे।
दोनों माँएं एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा रही थीं।

रेहाना गुलाबी साड़ी में,
आरव उसके ठीक पीछे,
और आसपास वो लोग जो कभी इस रिश्ते को नाम देने से डरते थे —
अब दुआएं दे रहे थे।


---

🌙 रात — बालकनी में दोनों एक साथ बैठे

> “पता है, मैंने हमेशा सोचा था कि प्यार एक किताब की तरह होता है…
जिसके आखिरी पन्ने पर ‘Happy Ending’ लिखा जाता है।”



> “लेकिन असल में प्यार वो किताब है…
जिसकी हर सुबह एक नया अध्याय होती है।”




---

Episode End — रुमाल, बारिश और मुस्कान

बारिश फिर से शुरू हुई।

रेहाना ने कहा —

> “तुम्हें अब भी बारिश से डर लगता है?”

“नहीं… अब तो इंतज़ार रहता है…
क्योंकि हर बारिश में तुम मेरे करीब हो जाती हो।”




---

✨ एपिसोड की आख़िरी लाइन:

> "मोहब्बत जब मुकम्मल होती है —
तो वो सिर्फ दो दिलों की कहानी नहीं रहती…
वो एक दुआ बनकर आने वाली ज़िंदगी में उतर जाती है।”




---

🔔 Episode 11 Preview: “जब नई ज़िंदगी दस्तक देती है…”

> एक नई ज़िंदगी आने वाली है…
लेकिन क्या नए रिश्तों के साथ नई चुनौतियाँ नहीं होंगी?




---