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( >💜💌💜 होला हेलो दोस्तों और उनके दुश्मनों,,
माथा पच्ची नही next ep चुप चाप पढ़ लो 🤪
तभी उनके कान के पास धिरे से कोई फुसफुसाया"कंट्रोल सर कंट्रोल" ज्ञानेद्रीय सर चिहुंक कर देखें अब आगे,,,,
ज्ञानेद्रीय सर चिहुंक कर देखें तो और कोई नहीं मस्ती ही थी जो अब ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे कुछ की ही न हो
"इस लड़की के कान कुछ ज्यादा ही तेज है" ज्ञानेद्रीय सर उसे घूरते हुए खुद में फुसफुसाए।
मस्ती उन्हे इग्नोर कर आंखे मटकाते हुए
आगे बोली "ठीक है पहले मैं इन स्टूडेंट बारातियों को छोड़ कर आती हु इनके रूम में फिर आप सब टीचर्स को और आख़िर में मैं और रियु जायेंगे अपनें रूम में ठीक है ना रियू?"
रियुमा बेपरवाही से "hmm"
मस्तानी दोनों चिपकलियो को शरारती मुस्कान लिए घूरती हुई बोली "तुम दोनो चिपकलिया बहुत चिप चिप कर रही थी ना चलो तुम्हे रूम दिखाती चिपकी रहना फिर दीवार पर" उसकी बात सुन धनेशी और रिचा उसे आंखे छोटी कर घूरती हैं।
सभी मुंह दबाए हंसने लगे।
"तुम्हे तो ऐसा सबक सिखाऊंगी की मेरी बेज्जती करने के लिए सपने में भी पछताओगी" धनेशी मन में मस्ती को धमकी दी।
"मुझे कोसना हो गया हो तो जल्दी अन्दर घुसो वरना,,," मस्तानी सुरंग में उतरकर बोली।
धनेशी आंखे चढा कर "वरना क्या,,,? "
रियूमा ने जवाब में उसे धक्का दिया और बोली "वरना मैं धकेल दूंगी"
"मम्मीईई,,," धनेशी जोर से चीखी।
सभी हैरानी से "ऐसे कैसे धकेल दिया?"
रियु बेपरवाही से रिचा को भी धकेल कर "ऐसे"
रिचा भी चीखी "आईई,,, पागल हो क्या?"
सभी रियुमा का मुंह ताकते रह गए।
दोनो सहेलियां करहारते हुए उठी और मस्ती को मुंह दबाए हंसते देख गुस्से से "अब क्या जमीन में धसाओगी चलो जल्दी रूम दिखाओ"
सुरंग में दो बटन थे ब्लू और रेड मस्तानी ने ब्लू बटन को टच किया और सुरंग अंदर नीचे की ओर खिसकने लगी सभी एक पल के लिए डर गए मस्तानी ने उन्हे इशारे से कहा सब सेफ है तो सबकी जान में जान आई पर इन दोनों चिपकलियों को कौन समझाए बस चीखी जा रही थी मस्तानी कान बंद कीए रही रूम में पहुंचने तक वरना उसका बहरी होना तय था।
मस्तानी चिल्लाकर "ओए चुप,,, लिफ्ट ही तो था इतना क्या गला फाड़ रही पागलों"
धनेशी और रिचा हैरानी से फिर चीखी "व्हाट,,,?"
"चुप,,, चीख चीख कर कान फाड़ दिया,,, अब और चीखी ना तो गला रेत दूंगी तुम दोनो चुडैलो का सच में चुडेल बन के भटकती रहोगी फिर यही" मस्तानी का गुस्सा देख दोनो शांत हो गई।
और सामने देखे वो अलग सी जगह पर थे सामने एक लकड़ी का डरावने तरीके से बना दरवाजा था। और लाल रंग का लालटेन लटका हुआ था।
"दरवाजा ऐसा डरावना है तो रूम कैसा होगा???" दोनों घबराते हुए मन में बोली।
जैसे ही मस्तानी ने दरवाज़ा पूरा खोला धनेशी और रिचा का मुंह हैरानी से गुफा की तरह खुला का खुला रह गया।
अब रूम था ही इतना डरावना और खौफनाक भयंकर ऐसा बिल्कुल मत सोचना अरे पांच सितारा होटल के कमरे से भी शानदार और सारी सुविधाएं प्रदान करने वाले
टेक्नोलेजी सामान थे दोनों हैरानी से इधर उधर देखने में बीजी हों गई।
"तुम दोनो आखें बाहर निकाल कर देखो अपना रूम मैं बगल वाले रूम के मालिक को लेकर आती हु" ये बोल मस्ती चली गई।
लिफ्ट से उपर पहुंच कर " इन दोनो चिपकालियो का काम तमाम तो हो गया अब किसकी बारी?"
उसकी बात सुन डरपोक लोग उसे डरी हुई नज़रों से देख रहे थे तो वही बाकी के आखें छोटी कर उसे घूरते हैं।
"अरे यार जल्दी आओ पूरा दिन,,, आई मीन पुरी रात ठेका लेकर नही बैठी हु तुम लोगो की उल्लू जैसी आखें देखने के लिए" मस्ती की तंज भरी बात सुन सबका मुंह बन जाता हैं।
"हो गया डायलॉग तो अब जल्दी बाकी का भी काम तमा,,," ज्ञानेद्रीय सर अपनी बात पूरी करते की उनकी आधी बात सुन समझते ही
"सर्र,,,ये क्या बोल रहे आप?" मोहिंता मेम चिंता में चिल्लाई।
"मेरा मतलब रूम में पहुंचा दो जल्दी" ज्ञानेद्रीय सर अपने शब्दों ठिक कर बेपरवाही से बोले।
"हा बेटा जल्दी करो देखो सभी कितने उत्सुक हैं रूम देखने को" विजेंद्र सर हंसते हुए बोले।
प्रिंसीबल सर सख्ती से "हा हा जल्दी करो पूरा दिन नही पड़ा है"
"पर अभी तो रात हो रही" सभी एक साथ बोले
प्रिंसिबल सर अपने शब्दों को ठिक कर"वो हा वही,,,रात नही पड़ा है"
फिर गुस्से में "अब चुप चाप चलो जल्दी"
प्रिंसीबल सर के आदेश पालन करते हुए हमारी मस्तानी सुपर फास्ट एक्सप्रेस बन कर सबको उनके रूम तक पहुंचा दिया सभी को अपना रूम देख कर झटका लगा यकीन करना मुमकिन ही नही हो रहा था किसी के लिए की एक घास फूस के झोपड़े के उलट नीचे ऐसा शानदार नजारा देखने को मिलेगा।
सभी अपना रूम देख फ्रेश होकर बंगले के बाहर दरवाज़े पर खड़े मस्तानी,रियुमा, मनीष और राहुल का वेट कर रहे थे क्युकी सबको रूम दिखाने के चक्कर में ये चारों आख़िर में अपना रूम देखे।
चारों धीरे धीरे भागते हुए आए। मस्तानी कुछ बोलने को हुई की धनेशी बीच में मुंह बनाकर ताना कसी "लिफ्ट था तो पहले नही बता सकती थीं कम से कम मजे से जाते हम रूम तक,,पर तुम्हे तो सबको परेशान करने में मजा आता ना"
"हा मजा आता मुझे,,,बोल क्या उखाड़ लेगी तू मेरा?" मस्तानी कमर पर हाथ रख बड़े रौब से घुरकर बोली। तो धनेशी चुप रह गई।
"जिसको अपने रूम से शिकायत है वो अभी बोल दे" मस्तानी की बात सुन राहुल बोला "क्यों दूसरा रूम मिल जाएगा?"
"नही लात मारकर निकाल दिया जाएगा और वो सीधा घर जाके गिरेगा,,,अबे रूम शेयर करने को बोले मतलब बाकी के रूम अभी ठीक से रेडी नही है समझा" मस्ती भड़कते हुए बोली।
"तो क्यों फालतू सवाल पूछ रही" सभी मुंह बनाए बोले।
मस्ती सीरियस होकर "सच बताऊं,,," उसका इतना कहना था की सभी गौर से उसकी ओर ध्यान देते है की जरुर कोई सिरियस बात होगी।
लेकिन मस्ती तो आखिर मस्ती थी अचानक वो खिसियानी हसी हंसकर " मजे के लिए" उसके जवाब पर सभी सिर पीटते रह गए उसके सिवा करते ही क्या?
"लेकिन शिकायत तो सच में है ये सभी का रूम एक जैसा क्यू है पहचानने में दिक्कत नहीं होगी क्या?" स्ट्रॉन्ग अपनी बात रखा तो सभी उसे ऐसे देखे जैसे वो कोई मानसिक रोगी हो।
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( >💜💌💜हा तो दोस्तो स्ट्रॉन्ग को क्यू सब घूर रहे ये जानेंगे हम next ep में बने रहे मेरे साथ,,, क्युकी क्युकी क्युकी तू मेरी जान,,,,ओ मेरी जान,,,तू ही मेरी जान,,,😘
😂😂😂😂मिलते हैं जल्द ही by by टाटा