एक नौजवान युवक तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते हुए जंगल से लगे रास्तों से होते हुए जा रहा था। हल्की हल्की बुंदा - बांदी ने मौसम को सुहाना बना रखा था।
वो लड़का देखता है कि कोई बूढ़ा आदमी उससे लिफ्ट मांगने के लिए हाथ से इशारा कर रहा है कार रोकने के लिए।
वह लड़का कार रोक देता है एक बूढे आदमी और मौसम की नजाकत को देखते हुए। वो उस बूढ़े आदमी को लिफ्ट दे देता है।
वह लड़का पूछता है अंकल आपको कहां छोड़ना है। बूढ़ा कहता है बस यह हाईवे पार करते ही थोड़ा आगे जाना है।
अंधेरे में वह बूढ़ा ठीक से दिख नहीं रहा था। फिर भी उसका हुलिया कुछ ज्यादा ठीक ठाक नहीं था। सफेद रंग के कुर्ते में वह बूढ़ा एक डायरी हाथ में लेकर बैठा था। उस बूढ़े की ढाडी देखकर ऐसा लग रहा था ना जाने कब से उसने ढाडी बनवाई नहीं है। बढ़े हुए नाखूनों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कब से ना काटे हो।
वह लड़का उस डायरी में रखे गुलाब को देखते हुए कहता है यह गुलाब आप अपनी पत्नी के लिए लेकर जा रहे है।
हां आज हमारी मैरिज एनिवर्सरी है। यह गुलाब और मेरी यह डायरी, आज मैं अपनी पत्नी को देना चाहता हूं। वह इस डायरी को हमेशा से पड़ना चाहती थी पर मुझे यह कभी नहीं पसंद था कि कोई भी मेरी डायरी पढे।
वह लड़का खुश होते हुए कहता है यह अच्छी बात है कि आप इतना खूबसूरत तोहफा अपनी पत्नी को देने वाले है।
आप को घर पहुंचने की जल्दी होगी फिर तो, वह लड़का कार की स्पीड बढ़ाते हुए कहता है। बूढ़ा कहता है, हां मुझे कब से इंतजार है कि कोई मुझे घर पहुंचा दें।
वह लड़का कहता है आजकल लोग भी कैसे हो गए हैं किसी को लिफ्ट देने से भी कतराते है।
वह बूढ़ा एक फीकी मुस्कान के साथ मुस्कुरा देता है।
बूढ़ा कहता है मुझे यहीं उतरना है।
लड़का कहता है पर अभी हाईवे तो पार भी नहीं हुआ है।
बूढ़ा कहता है नहीं तुम मुझे यहीं उतार दो मुझे अब आगे नहीं जाना।
लड़का ठीक है कहता हुआ कार को साइड लगाने लगता है उसका चेहरा सामने की तरफ़ होता है। कार साइड लगा कर जैसे ही वह अपनी साइड वाली सीट पर देखता है वहां कोई नहीं होता।
वह लड़का एकदम से डर जाता है। बिना दरवाज़ा खोले बूढ़ा कहां गायब हो गया। उसकी नजर उस डायरी पर पड़ती है जो उस बूढे के हाथ में होती है।
वो लड़का उस डायरी को उठाता है और देखता है उसमे रखा गुलाब जो अभी कुछ देर तक तो खिला हुआ था अचानक कैसे मुरझा गया।
उस लड़के को बूढ़े के अचानक गायब हो जाने और गुलाब के मुरझा जाने पर डर लगने लगता है। वह कार स्टार्ट करके वहां से निकल जाता है।
कुछ दूर जाकर वह उस डायरी को खोलता है, उसमे एक पता लिखा होता है। वह लड़का सोचता है उसे इस डायरी को इस पते पर पहुंचा देना चाहिए।
वह लड़का डायरी लेकर उस पते पर पहुंचता है। दरवाज़ा खटखटाता है। एक बूढ़ी औरत बाहर निकलती है और पूछती है कौन हो तुम।
वह लड़का उस डायरी को उस बूढ़ी औरत के सामने कर देता है। वह औरत डायरी देखती है और कहती है ये तो मेरे पति की डायरी है तुम्हे कहां से मिली।
वह लड़का कहता है वह इसे मेरी कार में भूल गए थे। बूढ़ी औरत कहती है लेकिन उन्हे मरे हुए तो बीस साल हो चुके है वो एक एक्सिडेंट में मारे गए थे।
वह लड़का यह सुनकर बहुत डर जाता है अभी कुछ घंटे पहले वह एक आत्मा के साथ सफर कर रहा था।
वह लड़का हिम्मत बांधते हुए कहता है वो इस डायरी को अपनी पत्नी को देना चाहते थे।
वह बूढ़ी औरत जो दिखने में खुद भी काफी डरावनी लग रही थी। वह उस लड़के से वह डायरी ले लेती है।
वह लड़का डायरी देकर जाने लगता है। एक बार पीछे मुड कर देखता है, अभी जिस घर का दरवाज़ा उसने खटखटाया था, वो उसे एक खंडहर जैसा लगता है। वह तो टूटा फूटा पड़ा हुआ था और ना ही वहां कोई लाइट थी अब। उसे अहसास होता है कि वह एक कब्रिस्तान में खड़ा हुआ है। उसे अपने चारो तरफ कब्रें ही दिखाई देने लगती है
लड़का अब दहशत से भर जाता है, उसका दिल खौफ से भर जाता है क्योंकि वह आधी रात को कब्रिश्तान में खड़ा होता है। वह वहां से भागने लगता है। एक बार और पीछे मुड़कर देखता है, वही बूढ़ा एक बूढ़ी औरत के साथ होता है और वह दोनो एक दूसरे को गले से लगे हुए होते है, जैसे बरसो बाद मिले हो।
वो दोनो उस लड़के की तरफ देखते है और मुस्कुराते है।
तभी एक दूसरी कब्र से हाथ बाहर आता है और उस लड़के के पैरों को पकड़ लेता है। लड़का उससे पैर छुड़वाता है और तेज स्पीड में भगने लगता है। उसे पेड़ पर लटकी हुई एक चुड़ैल नजर आती है।
भागते भागते एक पत्थर से टकरा कर गिर जाता है। तभी कुछ डरावनी आवाजे सुनाई पड़ती है और अपने आपको बहुत सारी प्रेत आत्माओं के बीच घिरा हुआ पता है।
वह उन सबको देखकर दहशत से भर जाता है और आंखे बन्द करके चीखता है। कुछ देर बाद जब उसे कोई आवाज़ नहीं सुनाई देती और किसी के अपने पास ना होने का अहसाह होता है तो वह अपनी आंखे खोलता है। जैसे ही वह आंखे खोलता है अपने आपको पास कब्रिस्तान के बाहर पाता है। वह जल्दी से उठता है और अपनी कार की तरफ भागता है। उसकी नजर एक बार उस कब्रिस्तान पर पड़ती है जहां वह देखता है उन दोनों बूढ़े दंपती को जो अब भी उसे देखकर मुस्कुरा रहे होतें है।
वह लड़का अपनी कार जल्दी से स्टार्ट करता है और वहां से निकल जाता है।
वह बूढ़ा उस लड़के से कहता है तुम पहले वह व्यक्ति जो जिसने इस डायरी को सही पते पर पहुंचाया है। इससे पहले जिसने भी मुझे लिफ्ट दी वह सब मारे गए थे।
वह चीखते हुए अपने बिस्तर से उठता है। रात के करीब तीन बज रहे होते है। कितना डरावना सपना था। नहीं यह कोई सपना नहीं था। आज भी वह किस्सा उसे सपनों में भी उसे खौफ से भर देता है। याद करता है आज तो उसकी भी मैरिज एनिवर्सरी है।
किसी को भी बिना सोचे समझे लिफ्ट ना दें और अनजाने पतों पर भी बिन सोचे समझे ना जाएं। एक बात और अपनी अच्छाई को कभी ना छोड़े। आपकी अच्छाई हमेशा आपको बचाएगी।
~लिफ्ट~