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( >💜💜💜next ep लेकर हाजिर आपका बंकू 😁 पढ़िए और मेरा दिल में जगह बनाइए 😘💞
"अब जो मैं बोला मान मेरी बात या फिर,,," अब आगे,,,
मनीष अपनी बात पुरी करता की
मस्तानी मुंह बनाकर "ठीक है ठीक है कर रही हू ना ज्यादा हुकुम मत झाड़" ये बोल वायर जोड़ दी अचानक गेम स्टार्ट होते ही राहुल चिहुंक कर गिर पड़ा।
और इस आवाज से सभी राहुल की ओर देखने लगे
बोले "ये अचानक क्या हुआ तुझे???"
"कुछ नहीं गेम खेलते ध्यान नहीं दिया और मेरा पैर फिसल गया" राहुल साफ झूठ बोला।
मस्तानि मनीष भी सामने आए मनीष उसे हाथ देकर उठाया वही मस्ती riyu अपनी हसीं कंट्रोल किए खड़े थे। और बाकी सब कन्फ्यूज हुए जा रहे थे की ऐसे सीट पर बैठे बैठे कैसे पैर फिसल गया । सब इसी कन्फ्यूजिंग में थे की
प्रिंसिबल सर की आवाज आई "चलो सब जाओ अपने अपने रूम में बहुत खेल लिए गेम"
ये सुन सभी हैरान रह गए।
"लगता है सर कॉलेज की तरह यहां भी अपने रूल कानून से बंदी बनाकर रखेंगे" मस्तानी मुंह बनाकर बोली तो
सभी उसकी हा में हा मिलाकर चेहरा लटकाए बोले "हमे भी यही लग रहा"
सभी का चेहरा लटका हुआ देख मनीष राहुल रियू स्ट्रॉन्ग और बाकी टीचर्स सर पीट कर प्रिंसिबल सर को घूरने लगे। और सभी उन्हे एक साइड में ले जाकर
"क्या हुआ ? ऐसे क्यों देख रहे? मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या?" प्रिंसिबल सर कन्फ्यूज शक्ल बनाते हुए बोले।
मनीष उनके कान में फुसफुसाकर "सर ये क्या कर रहे आप,,,"
प्रिंसिबल सर नासमझी से "क्या ? ऐसा क्या कर दिया मैं?"
रियुमा मुंह बनाकर उन्हे घूरते हुए "उन्हे सिर्फ रूम में भेजना है लेकीन आप है की किसी खलनायक की तरह Order देकर सबका मजा किरकिरा कर रहे" उसकी बात सुन प्रिंसिबल सर उसे आखें चढ़ा कर घूरे।
"सर बच्चे हैं नादान है जबतक प्यार भरे दो शब्द नही सुनेंगे इनके चेहरे पर मायूसी छाई रहेंगी प्लीज थोड़ा प्यार से भी बोल दिया कीजिए" मोहिंता मेम प्यार से समझाते हुए बोली।
"मोहिंता मेम सही कह रही हैं सर" मोहिंता मेम की हा में हा मिलाकर विजेंद्र सर बोले।
तो ज्ञानेद्रिय सर उन्हे आग उगलती नजरों से घूरने लगे और मन में बोले "वो हमेशा सही ही कहती क्योंकि उसका दिल साफ है तू ही साला छल कपट का मुखौटा पहना इंसान हैं"
"हम जानते है आपसे नही होगा पर कम से कम ऐक्टिंग ही कर लेते" राहुल हाथ बांधे बोला।
इससे पहले प्रिंसिबल सर कुछ बोलते स्ट्रॉन्ग बीच में कूदते हुए बोला "या फिर ए भी आपके बस की बात नही"
सभी स्टूडेंट आपस मे खुसूर फुसुर कर रहे थे तो वही मनीष राहुल रियू के साथ सभी टीचर्स प्रिंसिबल सर के समझा रहे थे या कहे सिर्फ ज्ञान दे रहे थे और वही प्रिंसिबल सर सभी को घूरे जा रहे थे।
सब की कीच कीच सुन वो झल्लाते हुए चीखे "बस हो गया,,," सभी सहम कर रह गए और उनकी तरफ आखे बड़ी बड़ी कर देखने लगे।
सभी स्टूडेंट डर गए की उनकी बाते कही प्रिंसिबल सर ने सुन तो नहीं ली और अब कोई पैनिसमेंट ना देदे सभी हड़बड़ाए हुए बोले "क्या हो गया सर ? अरे सर हम तो मजाक कर रहे थे ट्रिप में तो बहुत मजा,,अरे डबल मजा आ रहा"
"हा और,,,और अब बहुत मज़े कर लिए जाते है अपने रूम में थोड़ा,,,मे मेंरा मतलब फूल आराम करने ok गुड नाईट सभी टीचर्स टेक केयर" सभी ये बोल वहा से खिसक लिए।
अब उस भूत बंगले के बड़े से हॉल में सिर्फ मनीष राहुल रियु स्ट्रॉन्ग और सभी टीचर्स थे जो एक दूसरे को देख प्रिंसिबल सर की ओर रूख किए तो वही प्रिंसिबल सर बुत बने खड़े बाहर जाने के बड़े दरवाज़े को जो बंद होने जा रहा था ऐसे घूर रहे थे जैसे आखों से ही उसमे छेद कर देंगे।
वो मन में बोले "मैं इन सबको खा थोड़ी ना जाता जो ऐसे खिसक लिए"
फिर सभी टीचर्स को देख "आप लोगो का दिया ज्ञान किसी और दिन यूज करूंगा अभी टाइम कम है इसलिए बिना रुके काम जारी रखना,,,चलो जल्दी शुरू करते हैं"
कोई कुछ नही बोला बस मुंडी हा में हिला दिए।
यहां रूम में पहुंच सभी की जान में जान आई सभी ऐसे सास ले रहे थे जैसे साक्षात यमराज के प्रकोप से बच के भाग आए हो अब बिचारे प्रिंसिबल सर तो अपनी बात प्यार से बोलने वाले थे उन सबसे अब उनकी आवाज ही इतनी भारी और रौबदार है तो इसमें उनकी क्या गलती।
सभी अपने रूम को इंजॉय कर रहे थे । हालाकि सबका रूम एक जैसा था लेकिन बहुत अलग और चौका देने वाले चीजों से मैंटन किया गया था रूम को जरूरत की सारी चीजे थी। जिनका मजा वो दिल खोलकर ले रहे थे।
इसी तरह समय बीतता गया और किसी को पता ही नहीं चला।
समय 11:55 बजे
एक बार फिर सभी घनघोर अंधेरे में नहा गए थे। और अच्छी बात ये थी की इस बार किसी के भी आखों पर काली पट्टी नही बांधी गई थी। और घड़ी की आती टिक टिक आवाज से सभी अच्छे से समझ गए की बंगले के अंदर ही हॉल में खड़े है।
"थैंक्स गॉड इस बार काला कपड़ा नही बांधा पर इतना अंधेरा क्यों है? लाइट क्या झक मारने गई है? " मस्ती एरिटिड होते हुए बोली ।
"लगता हैं बिजली चली गई" उत्साह ने कहा
तो उसका दोस्त समजित बोला "हा भाई वो तो कब की चली गई"
समजीत गलतीन उम्र,18 दिल का साफ अरे इतना साफ इतना साफ की आईना दिख जाए और जिसको ना दिखे उसको ये खुद दिखा दे और कोई भी बात गलत समझना इसका खानदानी गुण है और वो गुण तो आप just अभी देख ही चुके है।
"मुझे बहुत डर लग रहा मनीष" धनेषि डरते हुए बोली तो उसी के पास में खड़ी मस्ती जो गुस्से में उबल रही थी इधर उधर हाथ फैलाने लगी ये सोच की एक थप्पड़ इस छिपकली को भी पड़ जाए और हुआ भी कुछ ऐसा ही बस धनेशि के साथ उसकी फ्रैंड रिचा को भी मुफ्त में प्रसाद मिल गया।
"कौन है,,,?कौन है,,,?" धनेशी रिचा एक साथ घबराते हुए चिल्लाई।
मस्तानी और उत्साह को छोड़ सभी डर से सहम गए।
"अरे चिल्लाना बंद करो,,,इंतजार करते हैं अभी आ जायेगी बिजली " उत्साह ऊंची आवाज में बोला।
समजीत इमोशनल होकर "भाई संभाल अपने आप को बिजली कॉलेज छोड़ दी वो तुझसे प्यार करती ही नहीं थी क्यू आयेगी वो?"
"चुप साले,,, मै लाइट वाली बिजली की बात कर रहा किसी लड़की की नही" उत्साह झल्लाते हुए बोला ।
"Ooh ऐसा क्या फिर तो मैं बेकार में इमोशनल झाड़ दिया" समजीत की बात सुन सभी हस पड़े।
तभी अचानक एक कड़क आवाज आई "खी खी खी दात दिखाना हो गया हो तो सब सामने की ओर देखो वरना दात के साथ आखें भी निकाल लूंगा"
ये सुन सभी झटके से उस ओर देखे,,,,,
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( >💜💜💜😱 हे भगवान शिव शिव शिव कौन है ये धमकी देने वाला? मेरी तरह आप भी जानने के लिए उत्साहित है न फिर मिलते हैं जल्द ही next ep में by by टाटा दोस्तों 💜💜💜