(
_/)( • . •)
( >💜💜💜 हाजिर है आपका प्यारा बंकू next ep लेकर चलिए पढ़िए,,,, वरना ब्लैक मेल करना मुझे बहुत अच्छे से आता है।😎😏🤪
माहोल फिर गर्म होते महसूस कर
प्रिंसीबल सर मन में "दोनो के बीच फिर साइलेंट युद्ध न छिड़ जाए इसके लिए मुझे ही कुछ करना होगा" अब आगे,,,,
मोहिंता मेम प्रिंसीबल सर से धीरे से बोली " हा सर जल्दी कुछ कीजिए वरना ज्ञानेद्रीय सर बब्बर शेर बन दहाड़ पड़ेंगे"
प्रिंसीबल सर हैरानी से "आपने मेरी मन की बात कैसे सुन ली?"
"सर फिलहाल सबके मन को यही बात खाए जा रही है और ये सबकी शक्ल पर साफ साफ दिख रहा है" मोहिंता मेम की बात सुन प्रिंसीबल सर सबको देखे सभी के चेहरे पर 12 की जगह 13 बजे हुए थे।
प्रिंसीबल सर बोले "ठीक है ठीक है तुम सब करो जो करना है वो"
"पर सर ये सुबह ,,," ज्ञानेद्रीय सर कुछ बोलने को हुए की
प्रिंसिवल सर उनकी बात समझते हुए बोले "मैं जानता हु आप क्या कहना चाहते हैं कोई बात नहीं आइए मेरे साथ,,बच्चो तुम खेलों"
मस्तानी चहकते हुए बोली "क्यों आप लोग भी खेलिए ना हमारे साथ बहुत मजा आएगा साथ में खेलेंगे तो"
प्रिंसीबल सर बोले "नही नही हम लोग बहुत थक गए हैं हमसे नही होगा हम सोने जा रहे good night"
विजेंद्र सर कन्फ्यूज होकर "हम लोग मतलब?"
प्रिंसीबल सर समझाते हुए "मतलब हम टीचर्स लोग क्यों आप थके नही?"
मोहिंता मेम मुस्कुराते हुए "मेरा भी इन बच्चो के साथ खेलने का बड़ा मन है"
"ह हा आप बिलकुल सही कह रही मोहिंता मेम मेरा भी बड़ा मन है" विजेंद्र सर आंखों में चमक लिए फट से बोले।
"मन तो बहुत है पर,,पर मैं तो सच में बहुत थक गई हू" मोहिंता मेम अफसोस जताते हुए बोली तो वही ये सुन विजेंद्र सर का मुंह लटक गया।
कहा विजेंद्र सर मोहिंता मेम के साथ खेलने का अरमान सजा रहे थे लेकिन खुद मोहिंता मेम ने उनके सारे अरमान पर इनकार नामा फेर दिया।
उनका उतरा मुंह देख ज्ञानेद्रीय सर कुटिलता से मुस्कुराए और वो ताने के बदले ताना कसते हुए बोले " क्या हुआ ? क्या आपको बच्चो के साथ बच्चे बनने का शौक चढ़ रहा?" उसकी बात सुन सभी विजेंद्र सर को देखे जो मुस्कुरा रहें थे या अपने चेहरे पर जबरदस्ती की मुस्कान लिए थे। लेकिन उनकी हाथों की मिट्ठिया कसी हुई थी जिसपर गौर सिर्फ तीन लोग ने किया था। ज्ञानेद्रीय सर मस्तानी और प्रिंसिबल सर ने
मस्ती मन में "आखिर चल क्या रहा है?ये दोनो हमेशा बातो ही बातो में एक दूसरे को खा जाने वाली नजरों से घूर कर इंसल्ट क्यों करते रहते हैं? ज्ञानेद्रीय सर का तो समझ में आता है but विजेंद्र सर तो बिलकुल हंसमुख है पर जैसे ही ज्ञानेद्रीय सर से बात करते हैं अचानक इनका बिहेवर कैसे चेंज हो जाता है ?"
मस्ती अपने ही उधेड़बुन में गुम थी और ये चारो टीचर्स बंगले से बाहर निकल अपने रूम की तरफ जाने लगे
दरसल टीचर्स ने खास अपने लिए अलग अलग रूम बुक किया था ।
मोहिंता मेम और विजेंद्र सर good night बोलकर चले गए।
उनके जाने के बाद प्रिंसीबल सर ज्ञानेद्रीय सर से
बोले "मैं जानता हु आपको उनके देर से उठने से आपत्ति है,,सुबह तो उन्हे आप अपने तरीके से उठा सकते है पर ये सोचो हम सबने मिलकर जो ये तैयारी कितनी मेहनत से की है वो बर्बाद हो जाएगा,,ये बच्चे बस उस मेहनत को बरबाद नहीं करना चाहते समझ रहे ना आप"
ज्ञानेद्रीय सर शांत भाव से " hmm,,,ok good night सर " इतना बोल अपने रूम की तरफ बढ़ गए।
प्रिंसीबल सर उन्हे जाते हुए देखने लगे और
खुद से बोले "कैसा ठोस पत्थर बन गया है तू ज्ञानू आखिर क्या है वो राज जिसने तुझे ऐसा बना दिया कितनी कोशिश की जानने की पर हर बार नाकामियांब रहा पर कोई न मैं भी तेरे ही खोपड़ी का हु तेरे पत्थर दिल को कैसे पिघलाना है मैं अच्छे से जानता हूं मेरा आखिरी उम्मीद बहुत मज़बूत है जिसे कोई सपने में भी नही तोड़ सकता वो हटाएंगे तेरे छिपाए राज पर से पर्दा"
उनके चेहरे पर दर्द भरा लेकिन अलग ही विश्वास भरा आत्मविश्वास था वो एक टक ज्ञानेद्रीय सर को जाते देखते रहे फिर वो भी अपने रूम में चले गए।
यहां बंगले के अंदर सभी ने ट्रुथ एंड डेयर खेलने का डिसाइड किया था।
सभी हॉल में ही गोल घेरा बनाए बैठ गए।
स्ट्रॉन्ग जो बॉटल लेने गया था आते हुए "मै ले आया ये लो" और बैठकर सामने रख दिया लेकिन बॉटल नही कांच का गिलास सभी अपना सिर पीट लिए।
मस्तानी जबरदस्ती हस्ते हुए "बड़े भइया खाली गिलास क्यू लाए बाल्टी ले आते ना,,,"
सभी स्ट्रॉन्ग को मुंह बनाकर घूरते हुए "वो भी पानी भरकर"
स्ट्रॉन्ग हड़बड़ाते हुए "वो,,वो मैं बहुत ढूंढा पर बॉटल नही मिला तो यही ले आया"
राहुल उसे बेयाकिनी से घूरते हुए "चल हट झूठा,,,"
"अरे पर मैं सच,,," स्ट्रॉन्ग अपनी झूठी सफाई व्यवस्था पेश करने वाला था की उसकी बात बीच में काट कर
मनीष बोला "भाई सच बोलते हुए ऐसे हड़बड़ाते नही"
राहुल मनिष के बगल में बैठा था उसके गले में हाथ डाल कर बोला "छोड़ यार मनीष सच तो ये है ये डरपोक ढूंढा ही नहीं अकेले गया था ना इसलिए डर के मारे जो हाथ में आया ले आया"
उत्साह उत्साहित होकर "ऐसा है क्या तब तो हाथ में वो भी आ जाता तो ये उसे भी ले आता तो कितना रोमांच हो जाता ना सबकुछ"
सभी उसे कन्फ्यूज शक्ल बनाए देखते हुए "किसकी बात कर रहा "
उत्साह उत्साहित होकर डरावनी हसी हस्ते हुए"हीहीहू हु हु हाआ,,,भूत भूतनी"
धनेशी मेकअप पोत रही रिचा से
चिपक "ईई,,,मम्मीईईई" उसके ऐसे करने से लिबिस्टिक लगा रही रिचा ने होठों के जगह नाक के डायरेक्शन में लगा दिया।
उसका जोकर जैसा नाक देख सभी ठहाके मारकर हंसने लगे।
रियू शैतानी स्माइल कर "भूत भूतनी की जरूरत नहीं पड़ेगी ए है ना मेकअप पुताई की दुकान भूतनी से कही ज्यादा आगे"
मेकअप पोत रही रिचा गुस्से में तमतमा कर "क्या बोली तुम?"
"बहरी सफेद भूतनी" रियू सीधे उसके मुंह पर इंस्लट का छापा मारी।
रिचा गुस्से में भड़कते हुए "हाउ डे यू,,,तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे सफेद भूतनी बोलने की"
समजीत जो उसके बगल में बैठा था
उसे याद दिलाते हुए "उसने बहरी भी बोला" रिचा गुस्से में उसे एक थप्पड़ जड़ दी समजित गाल पर हाथ रख दूर खिसक गया और रोनी सूरत बनाकर उसे देखने लगा।
मस्तानी खिसियानी बिल्ली की तरह हस्ते हुए "गलत क्या बोला बिचारे ने जो मार दी और सही तो बोली रीयु,,,चालीस किलो सफेद चूना पोतने के बाद तो तू भूतनी के केटेगेरी में दस कदम आगे चली जाती है"
मस्ती की साइड लेते हुए राहुल भी बोला "फिर तो लगता हैं रिकॉर्ड तोड़ेगी"
जिसके जवाब में रियू मस्ती खिसियानी हसी हस्ते हुए साथ में बोली "ऐसा हुआ तो पार्टी देना मत भूलना सफेद भूतनी डार्लिग"
रिचा गुस्से में लाल हुए जा रही थी और
( _/)
( • . •)
( >💜💜💜 हे दोस्तों और उनके बच्चो 😝 आगे क्या होगा जानना चाहते तो आ जाना कुरकुरा खाते हुए next ep पढ़ने मिलते हैं जल्द ही 👻