❤️ "उसका नाम फ़रज़ाना था" ❤️
1. पहली मुलाक़ात
रज़ा चौक, लखनऊ।
गर्मी का मौसम, लेकिन हवा में इत्र की हल्की-सी खुशबू थी। अयान, जो शहर में नया-नया आया था, अपने कॉलेज का पहला दिन शुरू करने जा रहा था। ऑटो से उतरते ही उसकी नज़र एक लड़की पर पड़ी।
सफेद हिजाब, किताबों से भरा बैग, और आंखों में अजीब-सा सुकून।
वो लड़की सामने से गुज़री, पर अयान के कदम थम गए।
क्लास में पहुंचने पर पता चला कि वही लड़की उसकी क्लासमेट है — फ़रज़ाना।
2. दोस्ती की शुरुआत
शुरुआती दिनों में दोनों बस "हाय" और "हेलो" तक सीमित थे। लेकिन एक दिन लाइब्रेरी में दोनों का आमना-सामना हुआ। फ़रज़ाना को एक बुक चाहिए थी जो टॉप शेल्फ पर रखी थी। अयान ने बिना कुछ कहे किताब निकालकर उसके हाथ में दे दी।
"थैंक्यू," उसने हल्की-सी मुस्कान के साथ कहा।
उस मुस्कान में कुछ था… जैसे वक्त थम गया हो।
धीरे-धीरे बातें बढ़ने लगीं। प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, कैंटीन में चाय… और अब दोनों की दोस्ती सबकी नज़रों में आ चुकी थी।
3. दिल की बात
एक दिन कॉलेज के गार्डन में, बारिश के बाद की ठंडी हवा में अयान ने हिम्मत जुटाई।
"फ़रज़ाना, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ…"
वो चुपचाप उसकी तरफ देखती रही।
"मुझे नहीं पता ये कब हुआ, लेकिन मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ… शायद… प्यार करने लगा हूँ।"
फ़रज़ाना का चेहरा बदल गया। उसने धीमी आवाज़ में कहा,
"अयान… तुम अच्छे हो, लेकिन… हम अलग दुनिया से हैं। मेरा मज़हब, मेरा घर, मेरी जिम्मेदारियां… ये सब तुम्हें समझना होगा।"
अयान ने बिना हिचक के कहा, "प्यार मज़हब नहीं देखता, बस दिल देखता है।"
4. मुश्किलें
जैसे-जैसे उनका रिश्ता गहरा होता गया, घर वालों को भनक लग गई।
फ़रज़ाना के भाई ने सख्त लहजे में उसे चेतावनी दी — "उस लड़के से दूरी बना लो, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा।"
उधर अयान के घर में भी विरोध शुरू हो गया — "एक मुस्लिम लड़की से शादी? हमारी बिरादरी क्या कहेगी?"
लेकिन दोनों ने तय किया कि वो एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे।
5. इम्तिहान
एक शाम, फ़रज़ाना रोती हुई अयान से मिली।
"मेरे घर वाले मेरी शादी कहीं और तय कर रहे हैं… अगले महीने निकाह है।"
अयान का दिल टूट गया, लेकिन उसने उसका हाथ थामते हुए कहा,
"अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें अभी ले जाऊंगा… कहीं दूर, जहां बस हम हों।"
फ़रज़ाना चुप रही, फिर बोली — "मैं भागना नहीं चाहती, लेकिन मैं तुम्हारे बिना भी नहीं रह सकती।"
6. फैसला
अगले दिन, अयान फ़रज़ाना के घर वालों से मिलने पहुंचा।
उसने साफ कहा — "मैं फ़रज़ाना से निकाह करना चाहता हूँ। मैं उसके मज़हब और रिवाज़ का सम्मान करूंगा।"
पहले तो माहौल गरमा गया, लेकिन अयान की सच्चाई और इरादों ने दिल छू लिया। फ़रज़ाना के वालिद ने एक शर्त रखी — "निकाह इस्लामी तरीके से होगा, और फ़रज़ाना अपने तौर-तरीके नहीं छोड़ेगी।"
अयान ने बिना सोचे मान लिया।
7. हैप्पी एंडिंग
दो महीने बाद, पुरानी हवेली में, गुलाबों और चमेली की खुशबू के बीच, अयान और फ़रज़ाना का निकाह हुआ।
फ़रज़ाना ने हिजाब में, और अयान ने शेरवानी में, एक-दूसरे को "क़ुबूल है" कहा।
लोग कहते हैं, प्यार सिर्फ़ कहानियों में जीतता है… लेकिन उस दिन, लखनऊ की गलियों में, एक हकीकत ने भी जीत हासिल की।
"गुलाबों और चमेली की खुशबू के बीच, जब अयान और फ़रज़ाना ने एक-दूसरे की आंखों में देखा, तो लगा जैसे सारी लड़ाइयाँ, सारे डर, सब हार मान गए हों।
उस दिन, लखनऊ की पुरानी गलियों में, मोहब्बत ने मज़हब को नहीं, बल्कि इंसानियत को अपना सबसे बड़ा धर्म बना दिया।" ❤️