THE ULTIMATE SYSTEM - 6 in Hindi Spiritual Stories by SAURABH GUPTA books and stories PDF | THE ULTIMATE SYSTEM - 6

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THE ULTIMATE SYSTEM - 6

शिवा के जीवन में अब सब कुछ बदल रहा था एक समय पर जो छात्र उसकी हंसी उड़ाते थे अब वही उसकी तारीफ कर रहे थे और शिक्षक भी अब उसकी ओर अलग नजरों से देखने लगे थे लेकिन यह बदलाव सिर्फ शुरुआत थी शिवा के सामने अब असली चुनौतियां आने वाली थीं।
सुबह जब शिवा उठा तो सिस्टम ने बिना कोई चेतावनी दिए खुद को एक्टिव किया और बोला होस्ट आज तुम्हें स्कूल से बाहर एक खास मिशन पर भेजा जाएगा यह मिशन सिर्फ तुम्हारी बुद्धिमत्ता नहीं बल्कि तुम्हारे आत्मबल और निर्णय शक्ति की परीक्षा भी लेगा।
शिवा चौंका लेकिन तैयार था उसने कहा सिस्टम बताओ मुझे क्या करना है सिस्टम बोला आज स्कूल के बाद शहर के एक पुराने पुस्तकालय जाना है वहां एक रहस्यमयी ऊर्जा का स्रोत सक्रिय हुआ है यह ऊर्जा द अल्टीमेट सिस्टम की ओर आकर्षित हो रही है लेकिन ध्यान रहे वहां खतरा भी हो सकता है इसलिए सतर्क रहना।
शिवा ने सर हिलाया और स्कूल के लिए निकल पड़ा।
स्कूल में शिवा ने आज भी अपने टास्क पूरे किए सभी दोस्त उसके साथ थे राकेश और हिमांशु ने कहा शिवा आजकल तो तू रॉकेट बन गया है उड़ता ही जा रहा है शिवा मुस्कराया और बोला अभी तो शुरुआत है आगे तो ऊंचाइयां और भी हैं।
शाम होते ही शिवा पुस्तकालय की ओर चल पड़ा रास्ते में उसका मन थोड़ा डगमगाया क्योंकि यह पहली बार था जब वह किसी अज्ञात जगह अकेले जाने वाला था लेकिन सिस्टम की आवाज ने उसे ढांढस बंधाया होस्ट डरो मत क्योंकि जो डर गया वह हार गया।
पुस्तकालय एक सुनसान जगह पर था वहां पहुंचते ही शिवा ने महसूस किया कि चारों ओर हवा कुछ भारी हो गई है अंदर घुसते ही उसकी नजर एक पुरानी सी किताब पर पड़ी जिस पर लिखा था शक्ति की उत्पत्ति शिवा ने किताब उठाई तभी एक तेज रोशनी हुई और उसकी आंखें बंद हो गईं।
जब वह आंखें खोलता है तो खुद को एक अलग ही जगह पर पाता है जहां सब कुछ धुंधला है तभी सामने एक अजीब आकृति आती है जो कहती है तुम यहां क्यों आए हो यह जगह सिर्फ उन्हें दिखती है जो खुद को पहचानने की राह पर हों।
शिवा बोला मैं बस सीखना चाहता हूं समझना चाहता हूं खुद को और अपनी शक्ति को।
उस आकृति ने कहा तब सुनो हर शक्ति के साथ जिम्मेदारी आती है और जिम्मेदारी की कीमत साहस होता है क्या तुम तैयार हो शिवा ने बिना झिझक कहा हां मैं तैयार हूं।
अचानक वह जगह गायब हो जाती है और शिवा फिर से पुस्तकालय में होता है लेकिन अब उसके हाथ में वही किताब है और अंदर लिखा है अगली शक्ति के द्वार का रहस्य इस पुस्तक में छिपा है लेकिन इसे खोलने के लिए तुम्हें एक परीक्षा पास करनी होगी।
सिस्टम ने कहा होस्ट यह तुम्हारा अगला मिशन है और इसके बाद तुम्हें एक नई अनोखी स्किल मिलेगी जो तुम्हें भविष्य के दुश्मनों से लड़ने के लिए तैयार करेगी।
शिवा ने किताब को ध्यान से पढ़ा और देखा उसमें कुछ संकेत हैं जिनका संबंध उसकी निजी भावनाओं और उसके अतीत से है वह समझ गया यह परीक्षा सिर्फ बाहरी नहीं बल्कि उसके अंदर के डर उसकी कमजोरी और संदेह को भी चुनौती देने वाली है।
अब उसके सामने एक और राह थी एक नया संघर्ष और एक नई खोज जो उसके सिस्टम को और मजबूत बनाएगी लेकिन यह सब आसान नहीं होगा और शायद वह अकेला भी होगा।
लेकिन शिवा अब पीछे हटने वालों में से नहीं था वह जान चुका था कि यह सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि उसकी यात्रा का अगला चरण है।
शिवा पुस्तकालय से निकला तो उसके हाथ में वो रहस्यमयी किताब थी जो अब उसके अगले मिशन की चाबी थी रास्ते में चलते हुए उसके मन में कई सवाल उठने लगे सिस्टम ने कहा होस्ट तुम्हारे मन में जो सवाल हैं उनके जवाब इसी किताब में छिपे हैं लेकिन इन्हें पढ़ने के लिए तुम्हें पहले अपने मन की एक परीक्षा पास करनी होगी ये परीक्षा कोई साधारण परीक्षा नहीं होगी इसमें तुम्हें अपने डर से आंखें मिलानी होंगी और अपनी सबसे बड़ी कमजोरी से लड़ना होगा।
शिवा अपने घर पहुंचा और चुपचाप किताब को अपने कमरे में रख दिया उसने खाना खाया मां काव्या ने पूछा बेटा आज पढ़ाई कैसी रही शिवा ने मुस्कराकर कहा मां बहुत कुछ सीखा आज और आगे भी सीखता रहूंगा मां ने उसके सिर पर हाथ फेरा और सिया ने पीछे से आकर उसे गले लगा लिया भैया आप हमेशा इतने अच्छे क्यों होते हो शिवा ने सिया को गोद में उठाया और बोला क्योंकि मुझे तुम्हारा साथ मिला है।
रात के समय जब सब सो चुके थे तब शिवा ने किताब खोली और जैसे ही पहला पन्ना पलटा उसके कमरे की दीवारें बदलने लगीं उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे वह किसी और ही जगह पहुंच गया है चारों ओर अंधेरा और सिर्फ एक टिमटिमाती हुई रोशनी में एक आइना दिखा उस आइने में उसका खुद का चेहरा नहीं बल्कि वो सब दृश्य दिखाई दे रहे थे जहां उसे अपमानित किया गया था मोंटी और लोकेश की बातें टीचर्स का नजरअंदाज करना दोस्तों का मजाक उड़ाना और खुद का खुद पर से विश्वास खो देना।
सिस्टम ने कहा होस्ट यह आइना तुम्हारे अतीत का प्रतीक है जब तक तुम इसे स्वीकार नहीं करोगे तुम आगे नहीं बढ़ सकते शिवा ने आंखें मूंद लीं और कहा हां ये सब मेरे साथ हुआ था लेकिन अब मैं कमजोर नहीं हूं अब मेरे पास एक लक्ष्य है और मुझे अपने आप पर भरोसा है जैसे ही उसने ये कहा आइना टूट गया और उसके सामने एक चमकदार द्वार खुल गया।
सिस्टम बोला बहुत अच्छा होस्ट तुमने पहला मानसिक अवरोध पार कर लिया है अब अगली परीक्षा तुम्हारे आत्मविश्वास की होगी अगले दृश्य में शिवा खुद को एक बड़े स्टेडियम में पाता है जहां हजारों लोग उसकी परीक्षा देख रहे होते हैं उसे एक मंच पर खड़ा कर दिया जाता है और सामने एक बोर्ड दिखाया जाता है जिसपर कठिन से कठिन सवाल लिखे होते हैं ये सवाल पढ़ाई से लेकर जीवन के अनुभवों तक से जुड़े होते हैं।
सिस्टम ने कहा होस्ट इन सभी सवालों के जवाब तुम्हारे भीतर हैं अपने दिमाग पर भरोसा करो शिवा ने आंखें बंद कीं और एक एक करके सभी सवालों को हल करता गया हर सवाल के साथ उसके मन की शंका कम होती गई और आत्मविश्वास बढ़ता गया जब उसने आखिरी सवाल का उत्तर दिया तो मंच पर तालियों की गूंज सुनाई दी और चारों ओर प्रकाश फैल गया।
अब वह फिर से अपने कमरे में था और किताब का दूसरा पन्ना अपने आप पलट गया उसमें लिखा था तुम्हारा आत्मविश्वास ही तुम्हारी सबसे बड़ी शक्ति है इसका उपयोग केवल अच्छाई के लिए करो तभी किताब से एक तेज रोशनी निकली और शिवा के दिमाग में एक नई स्किल ट्रांसफर हो गई यह स्किल थी फोकस विजन जिससे वह किसी भी चीज पर पूरी एकाग्रता के साथ ध्यान केंद्रित कर सकता था चाहे वह पढ़ाई हो खेल हो या किसी की मदद करना।
सिस्टम ने कहा होस्ट यह स्किल तुम्हें जीवन में हर कदम पर काम आएगी लेकिन ध्यान रखना इसका दुरुपयोग मत करना शिवा ने सिर हिलाया और बोला मैं जानता हूं ये सब मुझे क्यों मिल रहा है ताकि मैं दूसरों की मदद कर सकूं खुद को साबित कर सकूं और इस सिस्टम की ताकत को सही दिशा में ले जा सकूं।
अगली सुबह जब शिवा स्कूल पहुंचा तो जिया मेहरा ने पूछा शिवा आजकल तुम्हारे चेहरे पर अलग ही चमक है सब कुछ ठीक तो है शिवा ने हल्के से मुस्कराते हुए कहा हां सब ठीक है बस कुछ नया सीख रहा हूं जिया ने कहा अच्छा है जो सीख रहा है उसे दूसरों को सिखाना भी मत भूलना शिवा ने कहा बिल्कुल नहीं।
उसी दिन एक प्रोजेक्ट का ऐलान हुआ जिसमें क्लास के सभी बच्चों को दो दो के ग्रुप में काम करना था शिवा को जिया के साथ जोड़ा गया मोंटी और लोकेश ने पीछे से तंज कसा अब तो शिवा पढ़ाई में भी हीरो बन गया है कहीं उड़ न जाए लेकिन शिवा ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और जिया से बोला चलो हम आज से ही काम शुरू करते हैं।
जिया ने कहा चलो शिवा अब तुम्हारे अंदर वो आत्मविश्वास है जो पहले नहीं था और यही तुम्हारी असली ताकत है शिवा ने सिर झुकाया और सोचा ये सब सिर्फ मेरे सिस्टम की वजह से नहीं है बल्कि मेरी मेहनत और विश्वास की भी जीत है।
शाम को जब वह घर लौटा तो सिस्टम ने उसे एक नया नोटिफिकेशन दिया होस्ट तुम्हारा लेवल बढ़ गया है अब तुम लेवल टू पर पहुंच चुके हो तुम्हारी ऊर्जा शक्ति और मेमोरी क्षमता बढ़ गई है साथ ही तुम्हें एक बोनस स्किल भी मिलेगी लेकिन वह तभी खुलेगी जब तुम अपनी अगली परीक्षा पास करोगे।
शिवा अब जान चुका था कि यह यात्रा आसान नहीं होने वाली लेकिन वह अब डरता नहीं था उसके पास अब न केवल एक शक्तिशाली सिस्टम था बल्कि एक मजबूत मन और दिल भी था जो हर चुनौती का सामना करने को तैयार था।