❤️ Bewafa Ishq ❤️
कहते हैं प्यार इंसान की ज़िंदगी को बदल देता है। ये किसी को जन्नत सा एहसास देता है तो किसी की ज़िंदगी को नरक बना देता है। अर्जुन की ज़िंदगी भी कुछ ऐसी ही कहानी है – सच्चे प्यार और दर्दनाक Bewafa Ishq की।
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पहली मुलाक़ात
अर्जुन एक छोटे से कस्बे का लड़का था। शांत स्वभाव, सपनों से भरी आँखें और दिल में मासूमियत। कॉलेज में दाख़िला लेते ही उसकी मुलाक़ात रिया से हुई। रिया पूरे कॉलेज की जान थी – हंसमुख, स्मार्ट और खूबसूरत। अर्जुन ने जब पहली बार उसे देखा तो उसकी आँखें ठहर गईं।
कभी सोचा भी नहीं था कि वो लड़की उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा हिस्सा बन जाएगी। धीरे-धीरे दोस्ती हुई, मैसेजेस, कॉल्स और घंटों की बातें। वक्त गुजरते-गुजरते दोस्ती ने प्यार का रूप ले लिया।
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प्यार का सफ़र
अर्जुन रिया के लिए कुछ भी कर सकता था। वो उसकी हर छोटी-बड़ी ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश करता। कॉलेज के हर फंक्शन, हर इवेंट में दोनों साथ नज़र आते। दोस्तों की नज़रों में वो “परफेक्ट कपल” बन चुके थे।
रिया भी शुरू-शुरू में अर्जुन को बेहद चाहती थी। उसके साथ हँसती, रोती और सपने देखती। अर्जुन ने तो पहले ही तय कर लिया था – “मेरी दुल्हन सिर्फ़ रिया होगी।”
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बदलते रिश्ते
लेकिन कहते हैं ना, वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता। कॉलेज के आखिरी साल में रिया की मुलाक़ात उसके बचपन के दोस्त कबीर से हुई, जो विदेश से पढ़ाई करके लौटा था। कबीर हैंडसम, अमीर और स्मार्ट था। रिया का ध्यान धीरे-धीरे अर्जुन से हटकर कबीर पर जाने लगा।
अब रिया अर्जुन से कम मिलने लगी। कॉल्स का जवाब देर से देती, बहाने बनाने लगी। अर्जुन ने कई बार पूछा –
“रिया, सब ठीक तो है?”
रिया मुस्कुराकर कह देती – “हाँ अर्जुन, सब ठीक है। बस पढ़ाई का थोड़ा दबाव है।”
लेकिन दिल की आवाज़ दिल ही समझता है। अर्जुन को महसूस होने लगा कि उसका प्यार कहीं और जा रहा है।
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सच्चाई का सामना
एक शाम अर्जुन ने हिम्मत जुटाकर रिया से मिलने बुलाया। दिल धड़क रहा था, आँखों में सवाल थे।
“रिया, क्या तुम अब भी मुझसे प्यार करती हो?” – अर्जुन ने कांपते हुए पूछा।
रिया चुप रही। उसकी आँखें झुकी हुई थीं। उस खामोशी में हजारों जवाब छुपे थे।
अर्जुन की आँखें नम हो गईं। उसने गहरी सांस लेते हुए कहा –
“मैंने तुम्हें पूरे दिल से चाहा था, रिया। मैंने तुम्हें अपने ख्वाबों की रानी बनाया था। लेकिन शायद मेरी किस्मत में Bewafa Ishq ही लिखा था।”
रिया की आँखों से भी आँसू बह निकले, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। अर्जुन चला गया… हमेशा के लिए।
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टूटे दिल से नई शुरुआत
वो रात अर्जुन की ज़िंदगी की सबसे लंबी रात थी। दिल टूट चुका था, सपने बिखर चुके थे। लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने अपने दर्द को अपनी ताक़त बना लिया।
वक्त गुजरा… अर्जुन ने मेहनत की, अपने करियर पर ध्यान दिया। धीरे-धीरे वो कामयाबी की सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। आज उसका नाम, इज्ज़त और पहचान थी।
कभी-कभी सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें देखकर रिया सोचती –
“काश मैंने उस सच्चे प्यार को समझा होता… काश मैंने अर्जुन को नहीं खोया होता।”
लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।
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इश्क़ की हकीकत
अर्जुन आज भी रिया को याद करता है, लेकिन अब वो यादें उसकी कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी ताक़त बन चुकी हैं। उसने सीखा कि प्यार हमेशा वफ़ा नहीं होता, कभी-कभी Bewafa Ishq भी इंसान को इतना मजबूत बना देता है कि वो पूरी दुनिया जीत ले।
उसने आख़िरी बार अपनी डायरी में लिखा –
“प्यार खूबसूरत है, लेकिन हर कोई उसे निभा नहीं पाता। मैं खुश हूँ कि मैंने किसी को सच्चे दिल से चाहा… भले ही बदले में मुझे बेवफाई मिली।”
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