🌸 माज़ी वाली क्यूट 🌸
कॉलेज की वो पहली बारिश, जब हवा में मिट्टी की खुशबू घुली हुई थी, तभी उसकी ज़िंदगी में एक ऐसी मुलाक़ात हुई, जिसने सबकुछ बदल दिया।
आरव हमेशा से शांत, सीरियस और थोड़ा रुखा-सा लड़का माना जाता था। दोस्तों के बीच उसकी पहचान थी – "यार, ये तो बस पढ़ाई के लिए बना है, इश्क़-वश्क़ इसके बस की बात नहीं।" लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
क्लास के पहले दिन ही, एक लड़की नीले रंग की छतरी लिए अंदर आई। उसके चेहरे पर वो मासूमियत थी जो किसी को भी पलभर में खींच ले। उसकी मुस्कान मानो पूरे क्लासरूम को रोशन कर दे।
वो थी माही – छोटी-सी, हंसमुख और नटखट लड़की।
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पहली नोकझोंक
क्लास में जब टीचर ने सीट बदलने को कहा तो आरव और माही को एक ही बेंच पर बैठना पड़ा।
माही ने तुरंत कहा –
“देखो, मुझे बोर मत करना। मुझे पढ़ाई से ज्यादा बातें करना अच्छा लगता है।”
आरव ने बिना उसकी तरफ देखे कहा –
“तो फिर गलत इंसान के पास बैठ गई हो। मैं तुम्हें एंटरटेन करने नहीं आया।”
माही हंस पड़ी –
“वाह, कितने रूखे हो! लेकिन ठीक है, अब तो दोस्ती करनी ही पड़ेगी।”
उसकी जिद और क्यूटनेस देखकर आरव को भी हंसना पड़ा। और वहीं से उनकी छोटी-छोटी नोकझोंक शुरू हो गई।
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दोस्ती से आगे
माही हर वक्त चहकती रहती। क्लास में नोट्स नहीं बनाती, लेकिन आरव के सारे नोट्स उससे ले लेती।
एक दिन आरव ने तंग आकर कहा –
“तुम्हें पता है, तुम्हारे बिना भी मेरी लाइफ़ बहुत अच्छी चल रही थी।”
माही ने शरारती अंदाज़ में कहा –
“झूठ! तुम्हारी लाइफ़ तो बोरिंग थी। मैं ही रंग भरने आई हूँ।”
आरव चुप रह गया, क्योंकि कहीं न कहीं ये सच था। माही की हंसी उसके दिन की सबसे प्यारी आवाज़ बन चुकी थी।
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पहली फीलिंग
कॉलेज का फेस्ट था। माही ने पिंक ड्रेस पहनी थी। पहली बार आरव ने उसे अलग नज़रों से देखा।
दिल धड़कने लगा। उसे खुद पर गुस्सा आया – “ये क्या हो रहा है? मैं क्यों इसे बार-बार देख रहा हूँ?”
माही ने उसकी हालत भांप ली और मज़ाक करते हुए बोली –
“कितना देखोगे? मुझे नज़र लग जाएगी।”
आरव शरमा गया और चुप हो गया। लेकिन उस दिन से उसे एहसास हुआ कि ये सिर्फ दोस्ती नहीं है… ये कुछ और है।
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इज़हार की मुश्किल
आरव दिल से माही को पसंद करने लगा था। लेकिन बोल नहीं पा रहा था। उसे डर था कि कहीं दोस्ती भी न टूट जाए।
एक दिन लाइब्रेरी में माही ने कहा –
“तुम इतने चुप-चुप क्यों रहते हो? तुम्हारे दिल में बहुत कुछ छुपा है, ना?”
आरव ने नज़रें झुका लीं।
माही ने हंसते हुए कहा –
“ठीक है, जब तक खुद नहीं बताओगे, मैं इंतज़ार करूँगी।”
ये सुनकर आरव का दिल भर आया। शायद माही भी उसी का इंतज़ार कर रही थी।
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बारिश वाला दिन
एक दिन तेज़ बारिश हो रही थी। कॉलेज से निकलते वक्त माही की छतरी टूट गई। आरव ने अपनी छतरी उसके ऊपर कर दी।
माही ने धीरे से कहा –
“जानते हो, मुझे हमेशा से बारिश बहुत पसंद है… क्योंकि बारिश में इंसान अपना सच छुपा नहीं पाता।”
आरव ने हिम्मत जुटाकर कह ही दिया –
“माही… मुझे तुम पसंद हो। शायद बहुत ज्यादा।”
माही की आंखों में चमक आ गई। उसने हंसते हुए कहा –
“आखिरकार! मुझे तो पहले दिन से पता था। और तुम्हें क्या लगा था, मैं तुम्हारे नोट्स फ्री में ले रही हूँ?”
दोनों हंस पड़े और उस दिन से उनकी कहानी ने नया मोड़ लिया।
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प्यार की क्यूट लड़ाइयाँ
अब दोनों कपल थे, लेकिन उनकी लड़ाइयाँ और भी मज़ेदार हो गईं।
माही हर बात पर गुस्सा करती –
“तुम मुझे टाइम क्यों नहीं देते?”
आरव कहता –
“अरे मैडम, टाइम तो तुम्हारे बिना भी मेरे पास नहीं है।”
और फिर माही रूठ जाती। लेकिन आरव हमेशा उसे उसकी "फेवरेट चॉकलेट" देकर मना लेता।
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माज़ी वाली यादें
सालों बाद जब दोनों की शादी हो गई, तो भी उनकी यही क्यूट नोकझोंक चलती रही।
एक शाम, बालकनी में बैठकर माही ने कहा –
“याद है, तुम मुझे कितना इग्नोर करते थे?”
आरव हंसते हुए बोला –
“और याद है, तुम कितनी ज़िद्दी थी? लेकिन सच कहूं, तुम्हारे बिना मेरी लाइफ़ अधूरी थी।”
माही मुस्कुराई –
“तो मान लो, माज़ी वाली क्यूट मैं ही थी जिसने तुम्हारी लाइफ़ बदल दी।”
दोनों हंस पड़े और उस हंसी में उनकी पूरी ज़िंदगी की मिठास घुल गई।
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✨ कहानी का संदेश ✨
प्यार हमेशा बड़े इज़हार से नहीं, बल्कि छोटी-छोटी क्यूट बातों से ज़िंदा रहता है। माज़ी वाली छोटी-सी क्यूट यादें ही हमें ज़िंदगी भर मुस्कुराने का कारण देती हैं।
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