Tum wo Shaam ho - 9 in Hindi Love Stories by Rekha Rani books and stories PDF | तुम वो शाम हो - 9

Featured Books
Categories
Share

तुम वो शाम हो - 9

---

🏙️ भाग 1: एक सुबह, एक प्रस्ताव

पेरिस की एक हल्की धूप वाली सुबह थी।  
मिहिका खिड़की के पास बैठी थी, अपनी स्केचबुक में एक अधूरी तस्वीर बना रही थी — एक घर, जिसमें दो खिड़कियाँ थीं लेकिन दरवाज़ा नहीं।

अयान ने उसके पास आकर कहा:  
> “अगर हम इस तस्वीर को पूरा करें… तो क्या तुम मेरे साथ एक नाम बाँटना चाहोगी?”

मिहिका चौंकी —  
> “तुम शादी की बात कर रहे हो?”  
अयान मुस्कराया:  
> “मैं साथ की बात कर रहा हूँ — नाम तो बस एक दस्तावेज़ है।”

---

💭 भाग 2: उलझनें

मिहिका ने माँ की डायरी फिर से खोली —  
उसमें एक पन्ना था:  
> “अगर कोई तुम्हें नाम देने से पहले तुम्हें समझे… तो वो साथ देने लायक है।”

वो सोचती रही —  
- क्या वो तैयार है?  
- क्या उसकी कला, उसकी आज़ादी, इस रिश्ते में समा पाएगी?

विराज की यादें भी आईं — वो दोस्त जिसने उसे उड़ना सिखाया था।

---

🖌️ भाग 3: दीवार पर जवाब

मिहिका ने दीवार पर एक नई स्केच बनाई —  
एक दरवाज़ा, जिसके दोनों तरफ दो खिड़कियाँ थीं।  
नीचे लिखा:  
> “अब दरवाज़ा खुला है।”

अयान ने वो देखा — और समझ गया।

---

📜 भाग 4: दस्तावेज़ नहीं, दस्तक

दोनों ने तय किया — कोई बड़ी शादी नहीं, कोई शोर नहीं।  
बस एक छोटी सी रजिस्ट्रेशन, और एक वादा।

रजिस्ट्रेशन ऑफिस में मिहिका ने कहा:  
> “मैं तुम्हारा नाम नहीं ले रही… मैं तुम्हारे साथ चल रही हूँ।”

अयान ने जवाब दिया:  
> “और मैं तुम्हारे रंगों में जी रहा हूँ।”

---

🎉 भाग 5: एक शाम, एक जश्न

शाम को दोनों ने अपने दोस्तों को बुलाया —  
रीमा, विराज, और कुछ पुराने साथी।

कोई सजावट नहीं — बस दीवारें, स्केच, और एक छोटा सा मंच।

मिहिका ने एक कविता पढ़ी:  
> “तुम वो शाम हो… जो अब मेरी सुबह बन चुकी है।”

अयान ने एक मोनोलॉग किया:  
> “नाम वो नहीं जो दस्तावेज़ों में हो… नाम वो है जो दिल पुकारे।”

---

🌌 भाग 6

रात को दोनों छत पर बैठे — वही जगह जहाँ पहली बार साथ की बात हुई थी।

मिहिका ने कहा:  
> “अब डर नहीं लगता… क्योंकि अब हम एक हैं।”

अयान ने जवाब दिया:  
> “अब तुम सिर्फ मेरी कहानी नहीं… मेरी पहचान हो।
---

🌅 भाग 7: सुबह की उलझन

मिहिका की आँखें खुलीं — कुछ अलग महसूस हुआ। वो आईने में खुद को देखती है — चेहरे पर एक अजीब सी चमक, लेकिन थकावट भी।

अयान ने पूछा:  
> “सब ठीक है?”  
मिहिका ने मुस्कराते हुए कहा:  
> “शायद कुछ नया शुरू हो रहा है।”

---

🧪 भाग 8: टेस्ट और यकीन

डॉक्टर की रिपोर्ट आई — मिहिका गर्भवती है।  
अयान ने रिपोर्ट देखी — कुछ पल चुप रहा, फिर बोला:  
> “तो अब हमारी कहानी में एक नया किरदार जुड़ने वाला है।”

मिहिका की आँखों में आँसू थे — डर और खुशी साथ-साथ।

---

🏡 भाग 9: घर की तैयारी

दोनों ने मिलकर एक कमरा सजाना शुरू किया —  
दीवार पर स्केच, खिड़की पर हल्के रंग के पर्दे, और एक छोटा सा पालना।

अयान ने कहा:  
> “ये कमरा सिर्फ बच्चे के लिए नहीं… ये हमारे नए जीवन के लिए है।”

---

💬 भाग 10: विराज की वापसी

विराज अचानक पेरिस आया —  
उसने मिहिका को देखा, और कहा:  
> “तुम बदल गई हो… पहले तुम उड़ती थीं, अब तुम जड़ें बना रही हो।”

मिहिका ने जवाब दिया:  
> “कभी-कभी उड़ने के लिए ज़मीन पर टिकना ज़रूरी होता है।”

विराज ने उन्हें एक तोहफ़ा दिया — एक छोटा सा म्यूज़िक बॉक्स, जिसमें एक माँ और बच्चा नाचते हैं।

---

🧘 भाग 11: डर और भरोसा

मिहिका को एक रात डर लगा —  
क्या वो एक अच्छी माँ बन पाएगी?  
क्या उसकी कला अब पीछे छूट जाएगी?

अयान ने उसका हाथ थाम कर कहा:  
> “तुम्हारी कला अब साँसें लेगी — एक नए जीवन के रूप में।”

---

🌠 भाग 12: समापन

एपिसोड के अंत में —  
मिहिका छत पर बैठी है, अपने पेट पर हाथ रखे हुए।  
अयान उसके पास आता है — दोनों चुप हैं, लेकिन आँखों में एक कहानी है।

मिहिका कहती है:  
> “अब तुम वो शाम नहीं… तुम वो सुबह हो, जो मेरी दुनिया को रोशन करेगी।”

---

✨ writer: Rekha Rani