🌸 सनम तेरी कसम 🌸
भाग – 1
ज़िंदगी में कुछ पल ऐसे होते हैं जो हमारी पूरी ज़िंदगी को बदल देते हैं। वही पल अरमान और सिया की मोहब्बत की दास्तान की शुरुआत भी बने।
अरमान एक सीधा-सादा, शर्मीला-सा लड़का था। कॉलेज में उसकी पहचान हमेशा एक शांत और पढ़ाकू स्टूडेंट के रूप में थी। लड़कियाँ उससे बातें तो करतीं, लेकिन वह कभी खुलकर मुस्कुराता तक नहीं था।
दूसरी तरफ़ थी सिया – एक चंचल, मासूम और ज़िंदगी से भरी हुई लड़की। उसकी मुस्कान से पूरी क्लास रौशन हो जाती थी। दोस्तों से हंसी–ठिठोली, प्रोफेसरों से मज़ाकिया बातें करना, डांस और म्यूज़िक का शौक – यही उसकी पहचान थी।
दोनों का कोई मेल-जोल नहीं था, लेकिन तक़दीर ने उनकी राहें मिलाने की ठान रखी थी।
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भाग – 2
वो दिन कॉलेज का सबसे हसीन दिन था – फेयरवेल पार्टी।
सिया ने लाल रंग की ड्रेस पहनी थी, इतनी खूबसूरत लग रही थी कि हर किसी की नज़र उसी पर अटक गई। दूसरी ओर, अरमान ने ब्लैक सूट पहना था, लेकिन वह कोने में खामोश बैठा था।
सिया की नज़र जब अरमान पर पड़ी, तो उसने पहली बार उसे गौर से देखा। उसकी खामोशी, उसकी आँखों की गहराई सिया को किसी किताब की तरह लगी जिसे पढ़ने का मन करता है।
सिया ने हिम्मत जुटाई और उसके पास जाकर कहा –
“हेलो मिस्टर, हमेशा चुपचाप क्यों रहते हो? कभी मुस्कुराना सीखा है या नहीं?”
अरमान थोड़ा हिचकिचाया, लेकिन उसकी हल्की-सी मुस्कान सिया को बहुत प्यारी लगी।
और यहीं से उनकी दोस्ती की शुरुआत हुई।
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भाग – 3
दोस्ती धीरे-धीरे मोहब्बत में बदलने लगी।
सिया हर सुबह अरमान को “गुड मॉर्निंग” मैसेज भेजती, और अरमान पूरे दिन उसी मैसेज को बार-बार पढ़ता।
लाइब्रेरी में साथ पढ़ना, कैंटीन में चुपके से कॉफी शेयर करना, बारिश में बिना छतरी भीग जाना – ये पल उनकी ज़िंदगी की सबसे खूबसूरत यादें बन गए।
अरमान बहुत बार कहना चाहता था – “सिया, मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ” – लेकिन उसकी झिझक उसे रोक देती।
दूसरी तरफ़, सिया भी उसके दिल को पढ़ चुकी थी, पर वह चाहती थी कि अरमान खुद पहल करे।
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भाग – 4
लेकिन मोहब्बत की राहें कभी आसान नहीं होतीं।
एक दिन अचानक सिया के घर से शादी का रिश्ता आया।
उसके पापा ने साफ़ कहा –
“सिया, अब तुम्हारी पढ़ाई पूरी हो गई है। अगले महीने तुम्हारी सगाई कर देंगे।”
सिया हक्का-बक्का रह गई। उसकी आँखों में आँसू थे। उसने अरमान को कॉल किया और रोते हुए बोली –
“अरमान… मुझसे वादा करो, चाहे कुछ भी हो जाए, तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे।”
अरमान ने कांपते हुए जवाब दिया –
“सिया, सनम तेरी कसम… मैं तुझे कभी अकेला नहीं छोड़ूँगा।”
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भाग – 5
अरमान ने पहली बार अपने दिल की बात कह दी।
उसने सिया का हाथ पकड़कर कहा –
“मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ… दिल से, जान से। तुम मेरी ज़िंदगी हो।”
सिया की आँखों से आँसू बह निकले, लेकिन होंठों पर मुस्कान थी। उसने भी कहा –
“अरमान, मैं भी तुमसे बेइंतहा प्यार करती हूँ।”
दोनों ने गले लगकर उस पल को हमेशा के लिए यादगार बना लिया।
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भाग – 6
लेकिन मुश्किलें अभी ख़त्म नहीं हुई थीं।
सिया के घरवाले उसकी शादी की तैयारी में जुट गए।
अरमान की हैसियत उतनी नहीं थी कि वो सिया के पापा से जाकर उसे माँग सके।
वो गरीब परिवार से था, नौकरी ढूँढ रहा था, और अभी अपने पैरों पर पूरी तरह खड़ा भी नहीं हुआ था।
सिया के पापा को जब उनकी मोहब्बत का पता चला, तो उन्होंने ग़ुस्से में कहा –
“अगर तुमने अरमान से शादी की तो हमसे हमेशा के लिए नाता तोड़ देना।”
सिया को दो राहों में खड़ा कर दिया गया – एक तरफ़ उसका परिवार, दूसरी तरफ़ उसका प्यार।
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भाग – 7
सिया ने अरमान से कहा –
“अरमान, मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती। लेकिन मैं अपने परिवार को भी छोड़ नहीं सकती। अब मैं क्या करूँ?”
अरमान ने उसके माथे को चूमते हुए कहा –
“सिया, मोहब्बत सिर्फ़ पाना ही नहीं, निभाना भी है। अगर तेरे परिवार की खुशी मेरी क़ुर्बानी से है, तो मैं तैयार हूँ।”
सिया रोती रही, अरमान उसे चुप कराता रहा।
लेकिन दोनों जानते थे कि उनका दिल सिर्फ़ एक-दूसरे के लिए धड़कता है।
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भाग – 8 (क्लाइमेक्स)
सगाई वाले दिन, सिया का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।
वो मंडप में बैठी थी, पर उसकी आँखें सिर्फ़ अरमान को ढूँढ रही थीं।
अचानक बिजली चली गई और हल्का अँधेरा छा गया।
सिया को लगा शायद अरमान आ गया है।
और सचमुच, दरवाज़े पर अरमान खड़ा था।
उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन चेहरे पर अजीब-सी हिम्मत थी।
वो चिल्लाया –
“सिया… अगर आज मैंने तुझे खो दिया, तो ज़िंदगीभर खुद को माफ़ नहीं कर पाऊँगा। सनम तेरी कसम… तू मेरी है और हमेशा मेरी रहेगी।”
पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया।
सिया बिना सोचे-समझे उठ खड़ी हुई, अपने गहने और चुनरी फेंककर अरमान की तरफ़ दौड़ी और उसके गले लग गई।
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भाग – 9 (अंत)
सिया के पापा ग़ुस्से में थे, लेकिन अपनी बेटी की आँखों में सच्चा प्यार देखकर पिघल गए।
उन्होंने कहा –
“अगर तुम दोनों एक-दूसरे से इतना प्यार करते हो, तो मैं तुम्हारे रास्ते में रुकावट नहीं बनूँगा।”
और उस दिन अरमान और सिया का प्यार मुकम्मल हो गया।
दोनों ने कसम खाई –
“हम हमेशा साथ रहेंगे, चाहे ज़िंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों न हो।”
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🌹 उपसंहार 🌹
अरमान और सिया की कहानी सिर्फ़ कॉलेज की एक लव स्टोरी नहीं रही, बल्कि “सनम तेरी कसम” नाम की एक अमर दास्तान बन गई।
क्योंकि मोहब्बत जब सच्ची होती है, तो उसे कोई ताक़त नहीं हरा सकती।
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💌 अगर यह कहानी दिल को छू गई हो तो अंत में बस इतना कहना – Story pasand aaye to follow jarur kare.