bandhan pyaar ka - 45 in Hindi Fiction Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 45

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बन्धन प्यार का - 45

और नरेश पत्नी और माँ के साथ इंग्लैंड वापस आ गया था।फिर जिंदगी अपने उसी ढर्रे पर चल पड़ी।नरेश और हिना सुबह ऑफिस क़े लिये निकलते और शाम को ही लौटते।शनिवार और इतवार की दोनों की छुट्टी रहती।
एक दिन हिना ने नरेश को बताया,"मेरे दिन चढ़ गए है।"
"मतलब?"नरेश ने पूछा था।
"इतना भी नही समझते क्या?"हिना बोली थी
""नही।"
"मैं प्रेग्नेंट हूँ।"
"तो यह बात है"नरेश बोला,"तुम माँ बनने वाली हो।"
"हां।"और नरेश ने हिना को गोद मे उठा लिया था
औऱ हिना के प्रेग्नेंट होने पर सास उसका पूरा ख्याल रखने लगी।खाने पीने और आराम का ध्यान रखती थी।हिना की मम्मी को भी बता दिया था पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नही प्रकट की।हह हिना ने ऑफिस जाना बंद कर दिया था।वह घर से ही काम करने लगी थी।
नरेश, हिना का नियमित  चेक अप करा रहा था।हर टेस्ट क़े बाद डॉक्टर नार्मल बता रहे थे, लेकिन डिलीवरी नॉर्मल नही हुई।और हिना ने ऑपरेशन के बाद एक बेटे को जन्म दिया था।
हिना कि सास ने फोन करके हिना कि माँ को नानी बनने की सूचना देते हुए कहा,"बहन अब सारा गुस्सा खत्म करो और यहाँ आ जाओ।हिना तुन्हे बहुत याद करती है।"
सलमा सब कुछ सुनती रही पर एक भी शब्द नही बोली थी।जिस समय फोन आया, उस समय सलमा की पड़ोसन नजमा पास में बैठी थी।वह बोली,"किसका फोन था?"
"हिना की सास का।"
"क्या कह रही थी?"
"हिना के बेटा हुआ है।""यह तोखुशी की बात है।नसीब वालो को ही यह दिन देखने को मिलता है।"नजमा ने खुशी जाहिर की थी।
"तुझे बुलाया होगा?"
"हा उस काफिर से शादी करके बेटा पैदा कर लिया।मेरे मना करने पर भी उससे निकाह कर लिया।"
"अब फालतू मैं बेटी को क्यो कोस रही है ।अब निकाह हो गया1।बेटा भी हो गया।बेटी की खुशी में ही तेरी खुसी है।"और काफी देर तक वह समझाती रही।
सलमा बेहद नाराज थी बेटी से।औऱ वह जाना नही चाहती थी।रात को नींद में अचानक उसे आवाज सुनाई दी
नानी
और वह चोंक गई
वह रात भर सो नही पाई।साइन।म
सोने की कोशिश करती तो नातिन सपने में चली आती और कहती,"नानी तुम नही आओगी?"
और पूरी रात उसे सपने आते रहे।सुबह वह नजमा से बोली,"रात को अजीब सपना आता रहा।"
क्या?"नजमा ने पूछा
"रात को
और उसने सपने वाली बात बता दी
"अब जिद्द मत कर चली जा
नजमा ने उसे समझाया था और उसे भी यह सही लगा।उसने हिना को फोन करके बेटी के समाचार लिए तब सास ने हिना के हाथ से फोन ले लिया और बोली,"बेटी के पास नही आओगी?""आ रही हूँ
और नरेश ने अपनी सास का टिकट बुक करा दिया और वह एक दिन लंदन के लिए रवाना हो गई।
और नरेश अपनी सास को लेने के लिए एयरपोर्ट गया था।जैसे ही सास बाहर आई
"मम्मी
औऱ नरेश सास को अपने साथ ले आया।रास्ते मे नरेश की बात सुनकर वह  चुप रही
"अम्मी--अपनी माँ को देखकर लिपटकर रो पड़ी
और नरेश ने  अपनी सास क़े पेर छुए और उन्हें घर ले आया था 
मम्मी
और सब खुश थे।जब दो दिन बाद हिना की माँ बोली,"अब चलूंगी।"
"कहाँ?"तब हिना कि सास बोली।
"अपने देश पाकिस्तान।"
"वहां कौन है अपना?"
"कोई नही।"वह बोली।
"फिर क्यो जा रही हो।यही रहो।"नरेश की माँ बोली।
"बेटी के घर।"वह हिचकुचाई।
"बेटे के घर।दामाद भी तो बेटा ही होता है।
और वह ठहर गई।

समाप्त