Dhumketu - 8 in Hindi Fiction Stories by mayur pokale books and stories PDF | धूमकेतू - 8

Featured Books
Categories
Share

धूमकेतू - 8

भाग 8


वीर ने अपने बाजुओं को कसते हुए कहा—

"उन लोगों के लिए आर्मी की क्या ज़रूरत? हम चार ही काफी हैं... बल्कि मैं तो अकेला ही सबको खत्म कर सकता हूँ।"
उसके चेहरे पर आत्मविश्वास से ज़्यादा घमंड झलक रहा था।

रणजीत ने उसकी आँखों में देखा, लेकिन कुछ नहीं कहा।
स्क्रीन पर तेज़ी से बदलते डेटा को वह डिकोड कर रहा था। सामने विशाल डिजिटल बोर्ड पर लक्षद्वीप के C21 आइलैंड की तस्वीरें, नक्शे और उपग्रह चित्र उभर रहे थे।

रणजीत ने गहरी सांस भरते हुए कहा—
"ये मिशन आसान नहीं है। दुश्मन सिर्फ हथियारों से लैस नहीं, बल्कि उन्हें सपोर्ट करने वाली ताकतें बहुत बड़ी हैं। हमें सिर्फ जीतना नहीं है, बल्कि उनके पीछे खड़े असली मास्टरमाइंड तक पहुँचना है।"

अजय, मीनाक्षी और रोहित गंभीरता से सुन रहे थे। वीर ने हल्की मुस्कान दी, जैसे उसे ये सब ज़रूरत से ज़्यादा समझाइश लग रही हो।


---

🚁 उड़ान की शुरुआत

हेलीकॉप्टर के ब्लेड आसमान को चीरते हुए शोर मचाने लगे। चारों स्ट्राइकर्स अंदर बैठे थे, आसमान से समुद्र की नीली लहरें नीचे दौड़ रही थीं।

वीर ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा—
"एक बात समझ नहीं आई। उस जमाल को जिंदा पकड़ने का आदेश क्यों है? वहीं खत्म कर देना चाहिए उसे।"

अजय ने तुरंत उसकी ओर देखा और कहा—
"क्योंकि सरकार जानना चाहती है कि जमाल के पीछे कौन है। इतनी फंडिंग, इतना सपोर्ट... ये किसी अकेले आदमी का काम नहीं।"

वीर ने होंठ भींचे, लेकिन कुछ नहीं बोला।


---

🧪 प्रोफेसर का रहस्य

इधर, प्रोफेसर गांधी हाईटेक को अपनी सीक्रेट लैब में ले आया था।
वहाँ नीली रोशनी से अंधेरा काँप रहा था। विशालकाय कांच के टैंकों में अजीब जीव बंद थे। किसी का शरीर इंसान जैसा, चेहरा शेर जैसा। किसी के हाथी जैसे कान, तो किसी के शरीर पर सांप की खाल। वे सब मानो भूख और पागलपन से तड़प रहे थे।

हाईटेक ने दंग होकर कहा—
"ये सब... क्या है?"

प्रोफेसर की आँखें चमक उठीं।
"मेरी सालों की मेहनत। इंसान और जानवरों का DNA मिलाकर बनाई गई हाइब्रिड सेना।"

हाईटेक ने अविश्वास से पूछा—
"लेकिन... इसका फायदा?"

प्रोफेसर ज़ोर से हँस पड़ा—
"फायदा? सोचो... एक ऐसा योद्धा जिसमें इंसान की बुद्धि और जानवर की शक्ति दोनों हों। रणभूमि में ऐसे सैनिक अजेय होंगे। अनेक ने मेरी रिसर्च को ठुकरा दिया था, लेकिन अब... अब ये सेना रणजीत और उसकी दुनिया को मिटा डालेगी।"

हाईटेक ने गंभीर स्वर में कहा—
"मुझे लगा था तुम्हारा बदला सिर्फ रणजीत से है। लेकिन तुम तो पूरी दुनिया को गुलाम बनाने का सपना देख रहे हो।"

प्रोफेसर ठंडी हँसी हँसा—
"कलियुग में नेक इरादे रखने वाला दो वक्त की रोटी को तरसता है। राज करना है तो बेईमान होना पड़ेगा।"


---

🌴 मिशन की शुरुआत

C21 आइलैंड पर रात का सन्नाटा फैला हुआ था।
हेलीकॉप्टर धीरे से जंगल के बीच उतरा। अजय ने हाथ के इशारे से कहा—
"सब अपनी-अपनी पोजीशन लो। हमें नहीं पता दुश्मन कितने हैं। हर कदम सोच-समझकर।"

मीनाक्षी ने जवाब दिया—
"यस कैप्टन।"

टीम सावधानी से बढ़ने लगी। अचानक उन्हें एक आतंकी दिखा, पीठ किए खड़ा था, बंदूक लिए गश्त कर रहा था।

अजय ने धीमी आवाज़ में कहा—
"रोहित, चेक करो और लोग हैं या नहीं।"

रोहित सरकते हुए आगे गया। थोड़ी देर बाद उसने इशारे से बताया कि वहाँ सिर्फ वही एक आदमी है।

लेकिन वीर से रहा नहीं गया। उसकी आँखों से अचानक तेज़ लेज़र बीम निकली और आतंकी का सिर चीर दिया।

अजय गुस्से से फुसफुसाया—
"मारने का भी तरीका होता है वीर! ज़रा सा निशाना चूकता तो सब अलर्ट हो जाते।"

वीर झल्लाकर बोला—
"तो क्या हर बार तुम्हारे आदेश का इंतज़ार करें?"

अजय भी भड़क गया—
"तुम बहुत ज़्यादा बोलने लगे हो।"

मीनाक्षी तुरंत बीच में आई—
"बस करो दोनों! हम मिशन पर हैं, झगड़े पर नहीं।"


---

🔥 घात

काफी देर तक वे जंगल में घूमते रहे, लेकिन और कोई आतंकी नजर नहीं आया। तभी झाड़ियों से हल्की सरसराहट सुनाई दी। अगले ही पल... दर्जनों आतंकी चारों तरफ से निकलकर सामने आ गए।

पलक झपकते ही स्ट्राइकर्स घिर गए। लगभग 150–200 आतंकी, बंदूकें ताने खड़े थे।

धीरे-धीरे उनके बीच से एक विशालकाय आदमी बाहर निकला। लंबा, ताकतवर, आँखों में आग—जमाल।

वह बंदूक लोड करता हुआ बोला—
"तुम्हें लगा हेलीकॉप्टर से आओगे, उतरोगे और हमें खबर भी नहीं होगी? ये इलाका मेरा है। यहाँ किसी देश का कानून नहीं चलता। यहाँ सिर्फ जमाल चलता है।"

उसने हाथ उठाया और आदेश दिया—
"फायर!"


---

⚔️ युद्ध की आग

तेज़ गोलियों की बौछार जंगल को हिला गई।
मीनाक्षी घुटनों के बल बैठ गई और हाथ ज़मीन पर पटका। चारों के चारों हल्की नीली रोशनी की ढाल में घिर गए। गोलियाँ टकराकर ढाल से झरनों की तरह गिर रही थीं।

लेकिन लगातार हमले से ढाल कमज़ोर होने लगी। अजय हवा में उड़ा और दुश्मनों पर टूट पड़ा। वह बिजली की गति से बंदूकें छीनकर दूर फेंकने लगा।

अब आतंकी हथियारों के बिना थे, मगर उनका हौसला टूटा नहीं। वे चारों ओर से दौड़ पड़े।

मीनाक्षी धुंध की तरह दौड़ रही थी। उसके मुक्के और लात इतनी तेज़ थीं कि दुश्मन को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
वीर ने एक जोरदार मुक्का मारा, और दस फुट दूर दुश्मन दीवार से टकराकर गिर पड़ा।
रोहित के हाथों से नीली ऊर्जा निकली, वह हर प्रहार में दुश्मन को उड़ाता जा रहा था।
अजय आसमान में घूम-घूमकर वार करता, कभी दुश्मन को पकड़कर जमीन से भिड़ा देता, कभी हवा में ही गिरा देता।


---

💥 बलिदान

जमाल ने देखा उसकी पूरी फौज बिखर रही है। गुस्से में उसने अपनी बंदूक सीधी अजय पर तान दी।

रोहित ने खतरा भाँप लिया। उसने छलांग लगाकर अजय के सामने खुद को ढाल बना लिया।

धाँय!!!

गोली रोहित के सीने को चीरती हुई निकल गई।
वह ज़मीन पर गिर पड़ा।

"रोहित!" अजय चीख उठा।

वीर की आँखें खून से भर गईं। उसने गरजकर एक ऐसा पंच जमाल को मारा कि वह दस फुट दूर जा गिरा, घायल और बेसुध।

जंगल में सन्नाटा छा गया।
सिर्फ रोहित की भारी साँसें और टीम की घबराहट बाकी रह गई।


---



अब सवाल था—क्या रोहित बच पाएगा?
क्या जमाल सच बताएगा कि उसके पीछे कौन है?
और प्रोफेसर व हाईटेक की नई “हाइब्रिड आर्मी” का पहला हमला कब होगा?

जवाब... अगले एपिसोड में।


---

✍️ लेखक – मयूर