Rahashyo ki Parchhai - 8 in Hindi Thriller by Diksha Dhone books and stories PDF | रहस्यों की परछाई - 8

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रहस्यों की परछाई - 8

Episode 8: गुप्त मार्ग और अगला जाल

दीवार के भीतर बने उस गुप्त passage में घुसते ही आरव और नैना दोनों ने राहत की साँस ली। पीछे society का masked warrior रह गया था, लेकिन उसकी गूँज अब भी उनके कानों में बज रही थी—
“तुम सच्चाई से भाग नहीं सकते… हम हर जगह हैं।”

पासेज़ की हवा नम और बर्फ़ जैसी ठंडी थी। दीवारों से पानी की बूंदें लगातार टपक रही थीं और जमीन पर कीचड़ बन रही थी। torch की रोशनी में दोनों के साये लंबे होते जा रहे थे।

“आरव,” नैना ने धीमे स्वर में कहा, “क्या तुम्हें लगता है यह रास्ता हमें बाहर ले जाएगा या किसी और trap में?”
आरव ने गहरी साँस ली। “मुझे नहीं पता… लेकिन अगर society ने इसे बनाया है तो इसमें खतरा ज़रूर होगा। हमें चौकन्ना रहना होगा।”


कुछ कदम आगे बढ़ने पर नैना की नज़र दीवारों पर बने अजीब symbols पर पड़ी।
“ये symbols… पहले से थोड़े अलग हैं,” उसने ध्यान से देखते हुए कहा।
आरव ने torch पास लाकर देखा—symbols धुंधली नीली रोशनी से चमक रहे थे।

अचानक एक symbol से चिंगारी जैसी रोशनी निकली और ज़मीन हिलने लगी।
“रुको! यह एक trigger है,” नैना चिल्लाई।

जैसे ही उन्होंने पीछे हटने की कोशिश की, फर्श पर बने पत्थरों के बीच से नुकीले भाले बाहर निकल आए। पूरा रास्ता एक deadly trap में बदल चुका था।

आरव ने तुरंत नैना का हाथ पकड़ा और दोनों दीवार से सट गए।
“ये सिर्फ़ pressure points नहीं हैं… ये symbols खुद activation का काम कर रहे हैं,” नैना ने तेजी से कहा।
“मतलब हमें इस पूरे रास्ते को symbols decipher करके ही पार करना होगा,” आरव ने उत्तर दिया।


नैना ने parchment और अपनी diary निकाली।
“यहाँ तीन repeating patterns हैं—अगर मैं सही हूँ, तो हमें सिर्फ़ वही tiles छूने होंगे जिनके symbols society के oath को दर्शाते हैं।”

“और अगर तुम गलत हुई?” आरव ने घबराकर पूछा।
नैना ने उसकी आँखों में देखा। “तो शायद यह हमारी आखिरी गलती होगी।”

दोनों ने सावधानी से कदम बढ़ाना शुरू किया। हर बार नैना symbol को decode करती और आरव उसी पर पैर रखता। बाकी tiles deadly spikes से भरे हुए थे।

कई मिनटों की मेहनत के बाद वे अंततः trap corridor पार कर गए। नैना ने राहत की साँस ली।
“लगता है यह society हर visitor को परखना चाहती है।”
आरव ने गंभीर स्वर में कहा, “या शायद वे ये message देना चाहते हैं कि सच्चाई तक पहुँचने का रास्ता सिर्फ़ मौत से होकर गुजरता है।”



Trap corridor के बाद passage एक विशाल गुफा में खुला।
गुफा इतनी बड़ी थी कि torch की रोशनी भी उसकी छत तक नहीं पहुँच पा रही थी।
यहाँ असामान्य सन्नाटा था—इतना गहरा कि अपनी साँसों की आवाज़ भी अजनबी लग रही थी।

गुफा के बीचों-बीच एक विशाल पत्थर की संरचना थी, जो किसी ancient altar जैसी लग रही थी। उस पर अजीब markings और काले रंग का तरल बह रहा था।

नैना ने altar को देखकर कहा, “यह blood rituals जैसा लगता है… शायद society अपने नए सदस्यों का initiation यहीं कराती होगी।”
आरव ने altar को छूने से मना किया। “रुको, यह जगह किसी भी तरह का psychological illusion हो सकती है।”

तभी अचानक गुफा में फुसफुसाहट गूँजने लगी। आवाज़ें चारों ओर से आ रही थीं, मानो सैकड़ों लोग एक साथ धीमे स्वर में मंत्र पढ़ रहे हों।

“आरव, क्या तुमने भी सुना?”
“हाँ… और मुझे डर है कि हम अकेले नहीं हैं।”


गुफा की दीवारों पर अजीब आकृतियाँ उभरने लगीं। यह छायाएँ थीं—mask पहने हुए figures की परछाइयाँ, जो धीरे-धीरे altar की तरफ बढ़ रही थीं।

नैना ने घबराकर कहा, “ये असली लोग हैं या hallucination?”
आरव ने torch दीवार पर डाली, लेकिन जैसे ही रोशनी पड़ी, परछाइयाँ और भी गहरी हो गईं।

अचानक altar से एक चीख निकली, मानो किसी आत्मा को कैद किया गया हो।
नैना के हाथ काँप गए। “ये लोग सिर्फ़ council नहीं… ये किसी supernatural शक्ति से भी जुड़े हैं।”

आरव ने दाँत भींचते हुए कहा, “मतलब society सिर्फ़ politics नहीं खेल रही… यह कहीं ज्यादा बड़ा खेल है।”


गुफा से बाहर निकलने का सिर्फ़ एक ही रास्ता दिख रहा था—एक संकरा द्वार।
जैसे ही दोनों अंदर दाखिल हुए, उन्होंने खुद को एक maze में पाया।

यह maze पत्थर की दीवारों से बना था, लेकिन हर मोड़ पर उन्हें अलग-अलग दृश्य दिखने लगे।
कभी आरव को लगा कि वह अपने बचपन के घर में है, कभी नैना को लगा कि वह अपने माता-पिता की कब्र पर खड़ी है।

“ये hallucinations हैं!” नैना चिल्लाई।
“हाँ, यह maze हमारे दिमाग से खेल रहा है,” आरव ने जवाब दिया।

उन्होंने एक-दूसरे का हाथ कसकर पकड़ लिया ताकि भ्रम में अलग न हो जाएँ।
“याद रखो,” नैना ने कहा, “सिर्फ़ symbols ही हमें बाहर का रास्ता दिखाएँगे।”

दीवारों पर हल्की रोशनी से symbols चमक रहे थे। नैना ने उन्हें decode करना शुरू किया और धीरे-धीरे maze से बाहर निकलने लगे।


कई मिनटों की जद्दोजहद के बाद वे अंततः maze से बाहर निकले।
सामने एक छोटा chamber था। chamber की दीवार पर society का insignia उकेरा हुआ था—एक मुखौटे वाली आँख, जिसके नीचे लिखा था:
“जो देखता है, वही तय करता है।”

नीचे एक लकड़ी का संदूक रखा था। आरव ने सावधानी से उसे खोला। अंदर एक पुरानी diary थी।

नैना ने पन्ने पलटते हुए कहा, “यह… society के किसी founding member की diary लगती है। इसमें लिखा है कि यह council सिर्फ़ shadows को control नहीं करती थी… बल्कि इस शहर के rulers, पुलिस और यहाँ तक कि universities तक उनके influence में थे।”

आरव ने हैरान होकर कहा, “मतलब… जो भी सत्ता में है, वह इन Whisperers की कठपुतली है?”
नैना ने diary बंद की और गंभीर स्वर में कहा, “हाँ। और यह सिर्फ़ शुरुआत है। इस diary में और भी secrets होंगे।”


अचानक chamber की दीवारें काँपने लगीं। ऊपर से पत्थर गिरने लगे।
आरव चिल्लाया, “ये जगह collapse हो रही है! हमें बाहर निकलना होगा।”

दोनों diary उठाकर भागे, लेकिन passage की रोशनी धीरे-धीरे बुझ रही थी।
पीछे गूँजती हुई आवाज़ आई—
“तुमने forbidden secrets छू लिए हैं… अब बचकर नहीं निकल पाओगे।”

Torch की लौ काँप रही थी। हवा भारी और मौत जैसी ठंडी हो चुकी थी।
आरव और नैना दौड़ते रहे, लेकिन उन्हें पता था—अब society उन्हें सिर्फ़ intruders नहीं समझेगी, बल्कि सबसे बड़े खतरे की तरह देखेगी।

और यहीं episode समाप्त होता है—एक नए रहस्य, diary के खुलासे और आसन्न खतरे के साथ।