Bandhan - 60 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 60

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 60

chapter 60 past reveal part 3 (plan and नाजायज)

यहां दूसरी तरफ 

शिवाय टैक्सी से घर जा रहा था और वह कुछ सोच रहा था उसने अपना एक हाथ  टैक्सी के शीशे पर टिकाते हुए सर को लगाता है। वह मन ही मन कुछ सोच कर ठान लेता है। उसके चेहरे पर एक चमक आती है।

कुछ समय में शिवाय घर पहुंच जाता है और अपने रूम में जाता है जहां पर दुर्गा और कार्तिक उसका इंतजार कर रहे थे। 

शिवाय उन दोनों को मन मैं चल रही बात बताता है जिसे सुनकर दुर्गा कार्तिक एक साथ चीलाते हैं....... क्याय्य्य्य 

अब आगे

जैसे-जैसे दुर्गा और कार्तिक शिवाय की बात सुनते हैं तो उनके फेस एक्सप्रेशंस वैसे-वैसे बदलते रहते हैं। 

दुर्गा शिवाय से पूछती है तुम सच में यह करना चाहते हो । क्या तुम जानते हो इसका रिजल्ट क्या निकलेगा,  यह सब करने से सिर्फ आरोही की नहीं सबकी जिंदगी तबाह होगी शिवाय। एक बार फिर से सोच लो? दुर्गा यह बात परेशानी में बोलती है। 

कार्तिक भी दुर्गा के बातों को सपोर्ट करता है, अपने दोनों दोस्तों की बात सुनकर शिवाय गंभीरता से एक वाक्य  में ही उन्हें जवाब देता है....." तुम मेरा साथ दे रहे हो या नहीं,,?

शिवाय, की बात सुनकर दुर्गा और कार्तिक के पास कोई रास्ता नहीं होता है वह अपनी पलकें झपका देते हैं ।

तो शिवाय उन दोनों को अपनी बात मानते देखकर उनसे कहता है चलो सो जाओ सुबह हमें अपना प्लान एग्जीक्यूट करना है इतना बोलकर वह तीनों वहां से चले जाते हैं।।

अस्पताल में 

शशांक डॉक्टर की बात सुनकर कशमकश में था उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह यह बात अपने मम्मी पापा को बताइए या नहीं क्योंकि वह लोग वेकेशन के लिए गए थे, तो वह अपने पेरेंट्स को परेशान नहीं करना चाहता था। वैसे भी उन लोगों को बहुत ही ज्यादा कम मौका मिलता था, वेकेशन पर जाने के लिए। तो वह उन दोनों को आरोही की तबीयत के बारे में बाता कर उन्हें परेशान नहीं करना चाहता था ।वैसे भी डॉक्टर ने कहा था कि आरोही की हालत इतनी क्रिटिकल नहीं है।

तभी उसके दिमाग में कुछ आता है तो वह अपना फोन लेकर ovary cyst की जानकारी इंटरनेट से लेता है ।

जैसे जैसे ओवरी सिस्ट के बारे में इंटरनेट पर पढ़ रहा था वैसे उसके एक्सप्रेशंस अप एंड डाउन हो रहे थे। कुछ देर बाद वह एक नतीजे पर आता है और डॉक्टर रोली के वार्ड में जाकर सर्जरी करने के लिए बोल देता है।
 जिसे देखकर डॉक्टर रोली उसे चिंता न करने के लिए बोल देती है उसके बाद वह आरोही के वार्ड में जाता है जहां तरुण पहले से ही बैठा हुआ था। 

जैसे ही तरुण को आरोही की तबीयत के बारे में पता चला वह पल गवाए बिन ही अस्पताल के लिए आ गया था और आरोही के बाजू बैठकर उसका होश आने का वेट कर रहा था।

जैसे ही तरुण, शशांक को वार्ड में आते  देखता है तो वह आरोही के कंडीशन के बारे में पूछता है जिस पर शशांक उसे सारी बात बता देता है।

शशांक की बात सुनकर तरुण परेशान हो जाता है। लेकिन शशांक ने आरोही की ट्रीटमेंट के बारे में बताया ।जिसे सुनकर उसके चेहरे पर राहत भरी सांस आती है। 

उसके बाद तरुण ने शशांक को घर जाकर आराम करने के लिए कहा पर शशांक नहीं माना और उल्टा तरुण से ही जाने के लिए कहा दीया ।यह कहकर की उन दोनों का एक साथ अस्पताल में रहना अच्छा नहीं रहेगा। अगर गलती से भी यह बात जया दादी को पता चलेगी तो वह बात का बतंगड़ बना, देगी क्योंकि उनके ख्यालात थोड़े पुराने से है।

शशांक की बात सुनकर तरुण को कहीं ना कहीं सही लगता है तो वह उसकी बात मानकर वहां से चला जाता है । वह जाने से पहले तरुण से कहता है कि वह सुबह जल्दी आएगा और शशांक को अपना और आरोही का ध्यान रखने के लिए बोल देता है।

आज की रात आरोही की जिंदगी की चैन की आखिरी रात थी क्योंकि उसके जिंदगी में आज के बाद शायद ही चैन नसीब होगा। कल सुबह की पहली किरण आरोही की किस्मत में शिवाय नाम का तूफान दस्तक देगा। जो उसकी जिंदगी को तहस-नहस कर देगा।

जहां आरोही दवाइ की वजह से चैन की नींद ले रही थी ।वही कोई और बिस्तर पर आने वाली कल के बारे में सोचकर करवट बदल रहा था।

नेक्स्ट मॉर्निंग 

आज की सुबह किसी की जिंदगी में रोशनी लाने वाली थी। तो किसी की जिंदगी को अंधेरे से भरने वाली थी। 

(शिवाय, दुर्गा, कार्तिक )यह तीन तिगड़ी, सुबह होते ही हॉस्पिटल आ चुकी थी और आरोही की तबीयत के बारे में जानकारी ले रहे थे तो उन्हें पता चला कि शशांक सर्जरी के लिए मान गया है। कुछ देर में ही आरोही की सर्जरी होगी या यह बोल सकते हैं कि कुछ देर में ही शिवाय आरोही की किस्मत बदल देगा।

सर्जरी की जानकारी लेने के बाद यह तीन तिगड़ी एक कोने में आते हैं। 

" तुम्हें कैसे पता था कि शशांक सर्जरी के लिए मान जाएगा ,,दुर्गा ने धीमी आवाज में जासूस की तरह सवाल किया।

दुर्गा की बात को पूरी तरह से इग्नोर करते हुए शिवाय उन दोनों को देखते हुए बोला हमें फर्स्ट स्टेप लेने की अब कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमारे बिना कुछ कर ही शशांक सर्जरी के लिए मान गया है।
 अब हम लोग हमारे प्लेन का दूसरा स्टेप पर ध्यान देंगे। उसकी बातों में पूरा विश्वास था उसकी आंखों में एक जुनून था। जिसकी आग में सिर्फ उसकी या आरोही  कि नहीं आगे बहुत लोगों की जिंदगियां झूलसने वाली थी।

वह लोग तीनों अपना बात खत्म करते हैं। 

 डॉक्टर रोली के वार्ड में जाते हैं। उन तीनों को एक साथ आते देखकर डॉक्टर को लगा कि यह लोग आरोही को लेकर चिंता कर रहे होंगे इसलिए वह मुस्कुराकर तीनों को चिंता नहीं करने के लिए बोल देती है और यह बोलती है कि यह सर्जरी कोई बड़ी सर्जरी नहीं है ना इसमें कोई कॉम्प्लिकेशन है सो वह लोग परेशान ना हो इसे आरोही को कोई तकलीफ भी नहीं होगी वह एक हफ्ते के अंदर ही रिकवर कर भी लेगी। 

यह बोलकर वह चुप हो जाती है और सामने तीनों को देखते हैं जो सोफे पर बैठकर  एक टक उनकी बातें सुन रहे थे।

लेकिन उन्हें जल्दी एहसास हुआ की इस वक्त वार्ड , कुछ ज्यादा ही तनाव भरा हो गया है। जिसे महसूस कर कर‌, वो उन तीनों को देखती हैं जिनके चेहरे पर कोई भाव नहीं था पर उनके आंखों में कुछ था जो उन्हें डरा रहा था। पर वह क्या था उन्हें समझ नहीं आ रहा था।
 
"आंटी आपको हमारा एक काम करना होगा" कार्तिक ने एक डेंजरस टोन में कहा। इस वक्त वो, फनी कार्तिक नहीं लग रहा था ।
जो सबको हंसाता रहता था और खुद भी किसी जोकर की तरह हंसता रहता था।

उसकी बात सुनकर एक पल के लिए रोली के माथे पर सिलवट(finelines) का परत आता है। लेकिन वह अपने आप को यह बोलकर मानाती है कि वह कुछ ज्यादा ही सोच रही हैं। 

वह अपने सर को झटक कर कार्तिक से प्यार से बोली "बोलो बेटा...... क्या करना है? अपनी आंटी से कुछ मत छुपाओ अगर मेरे बस में होगा तो मैं जरूर करूंगी। वह कार्तिक से स्नेह से बोली लेकिन वह नहीं जानती थी कि जो काम कार्तिक उनसे करने के लिए कहेगा वह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा गुनाह होगा। जिसके पश्चाताप से वह कभी नहीं निकल पाएगी।

तो दुर्गा डॉक्टर से अपने प्लान के बारे में बता देती है जिसे सुनकर रोली को बहुत  गुस्सा आता है। वह उनका प्लान सुनकर उन लोगों को थप्पड़ मारना चाहती थी पर क्या कर पाती नहीं मार सकती थी क्योंकि वह अस्पताल में सिर्फ एक एंप्लॉय थी।

रोली ; "तुम लोग पागल हो गए हो क्या? 
यह क्या बकवास कर रहे हो । पर तुम लोग चाहते हो कि मैं इस घटिया प्लेन में तुम लोगों का साथ दू
तुम्हें समझ आ रहा है ,अपने गुस्से को शांत करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाती है..... चलो मैं यह मान लेती हूं कि तुम लोगों ने आज मुझे कुछ नहीं कहा और ना ही मैंने कुछ सुना है और इस बात को यही रफा दफा कर दो।

रोली की बात सुनकर और ऊपर से उन इतनी ज्यादा गुस्से में देखकर जो पोकर फेस दुर्गा और कार्तिक ने बनाया था उसे पर हल्की-हल्की शीखन 
दिखाई दे रही थी। 

पर शिवाय के चेहरे पर कुछ नहीं था बस उसके आंखों में एक पक्का इरादा था जो सामने वाले को अपनी घुटनों पर लाने को मजबूर कर सकता था।

जब शिवाय देखता है कि डॉक्टर उसकी बात नहीं मान रही तो वह उसके सामने एक फाइल फेंक देता है।

एक बार आप इस फाइल पर नजर भर के देख लीजिए फिर अपना जवाब देना। शिवाय ने एक टूक जवाब दिया।

वह फाइल देखकर ऊपर से शिवाय की बात सुनकर कार्तिक और दुर्गा के चेहरे पर वापस कॉन्फिडेंस आ जाता है। और वह टुकुर-टुकुर होली को देख रहे थे।

रोली  को पहले से ही शिवाय से नेगेटिव  वाइब आती थी ।अब उसे ऐसा लग रहा था कि वह शाश्वत यमदूत के सामने है।

 वो! शिवाय की आंखों में नहीं देख पाती है और उसकी आंखों की तपिश को बर्दाश्त नहीं कर पाती और मजबूरी में उसे फाइल को उठाकर पढ़ने लगती है ।

जैसे-जैसे वह पढ़ रही थी वैसे-वैसे उनके चेहरे पर डर की भव साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। उनकी पकड़ फाइल पर कसती जा रही थी ,उनकी होंठ थरथरा रहे  थे।
 
इस फाइल में डॉक्टर के हस्बैंड के काले कारनामे थे, उनके हस्बैंड फार्मास्यूटिकल शॉप चलाते थे और उसमें इलीगल ड्रग्स भी बेचते थे और कुछ एक्सपायरी ड्रग्स ,लो क्वालिटी के ड्रग्स भी भेजते थे।

आंटी ! सोचिए अगर यह बात मीडिया वालों को पता चली तो वह आपके हस्बैंड का क्या हाल करेंगे और उनकी जो चंद पाल की जिंदगी है वह जेल में कटेगी दुर्गा नौटंकी भारी अंदाज में बोलती है ‌।वह एक टीवी शो की शातिर विलन लग रही थी
अपनी एक हाथ की उंगलियों को गोल-गोल किसी वैंप की तरह घूमते हुए अपनी बात को आगे बोलती है अगर यह बात किसी को भी पता चली तो वह आपको ब्लैकमेल कर सकता है या आप लोगों की जिंदगी को तबाह कर सकता है ऊपर से अंकल की और आपकी मेडिकल लाइसेंस को रद्द भी करवा सकता है। 

जरा सोचिए आंटी आपको बस एक छोटा सा काम करना है उस कम के बदले में आपके राज को हम राज रखेंगे। वह अपना चेहरे पर एक तिरछी स्माइल लाकर अपनी बातों को खत्म कर देती है।

दुर्गा की बात सुनकर डॉक्टर के पास बोलने के लिए कुछ नहीं बचता है क्योंकि वह भी अपने पति के बारे में जानती थी ।उन्होंने कितनी बार उन्हें इल्लीगल काम करने के लिए मना कर रही थी पर वह सुनते नहीं थे। जिसका खामियाजा उन्हें आज भरना पड़ेगा।

वह उन लोगों की बात सुनकर और फाइल को देखकर एकदम से लडकाडकर गिरती है और उन तीनों से मिन्नत करती है कि वह यह बात किसी को ना बताएं वह अपने पति को गलत रास्ते से लाएगी ,उनके आंखों में बेइंतहा से आंसू बह रहे थे। वह उन तीनों के सामने अपने हाथ जोड़कर विनती भरी आवाज में बोलती है। 

कार्तिक को उनकी ऐसी हालत देखकर बहुत बुरा लगता है लेकिन वह कुछ नहीं कर सकता था। उसके जिंदगी में दुर्गा और शिवाय के अलावा कोई भी इंपॉर्टेंट इंसान नहीं था यहां तक की उसके माता-पिता भी उसके लिए उन दोनों से बढ़कर नहीं थे।
वह बहुत मुश्किल से अपने इमोशंस को कंट्रोल कर रहा था। 

जब डॉक्टर यह देखी है कि वह लोग उसकी बात नहीं मान रहे तो वह ठाकर कर अपने पति की खातिर उन लोगों की बात मान लेती है। 
 
उनको अपनी बात मानते देखकर शिवाय अपने पॉकेट से 5 करोड रुपए का चेक निकाल कर उन्हें देता है और उनसे कहता है कि जो आज बात हुई है वह इस चार दीवार में ही रहना चाहिए अगर यह बात इस चार दिवार से बाहर गई तो उनकी जिंदगी जहन्नुम से भी बतर कर देगा।

इतना बोलकर वह वहां से चला जाता है। उसके पीछे कार्तिक भी जाता है क्योंकि वह अपनी आंटी की ऐसी बेबसी भारी हालत नहीं देख पा रहा था।

उन दोनों के जाते ही दुर्गा डॉक्टर को अच्छे से समझाती है कि उन्हें क्या करना है जिस पर डॉक्टर बिना मन ही हां बोल देती है। उसके बाद दुर्गा भी वहां से बड़ी स्टाइल से चली जाती है। 

कुछ समय बाद 
आरोही की सर्जरी शुरू हो गई थी , डॉ होली मन ही मन आरोही से माफी मांगते हुए अपनी सर्जरी को शुरू कर देती है। 

कुछ देर बाद सर्जरी पूरी होती है और वह ऑपरेशन थिएटर से बाहर आती है। उन्हें बाहर आते देखकर तरुण और शशांक उनसे आरोही क्या तबीयत के बारे में पूछते हैं। 

अब ठीक है सर्जरी सक्सेसफुली हो गई है बस एक हफ्ते तक वह अस्पताल में अच्छे से ट्रीटमेंट ले तो वह एक हफ्ते के अंदर ही रिकवर हो जाएगी इतना बोलकर वह वहां से जाने लगती है पर तभी दुर्गा उनसे पूछती है कि आंटी आप शोर होना की सर्जरी बहुत अच्छे से हुई है? उसका टोन कुछ अजीब सा था जो डॉक्टर समझ रही थी। 

जिस पर डॉक्टर घबराकर अपना सर ऊपर नीचे करती है उनके माथे पर ठंडा पसीना बह रहा था। वह वहां से जल्द से जल्द जाना चाहती थी।

"यह क्या सवाल कर रही हो,,? तरुण हल्के गुस्से में पूछता है।

दुर्गा एक नकली मुस्कुराहट देते हुए बोलिए मैं बस कंफर्म करना चाहती थी कि सर्जरी 100% सक्सेसफुल हो गई है और आगे कभी आरोही को फिर से कोई प्रॉब्लम ना हो।

उसकी बात सुनकर तरुण के पास बोलने के लिए कुछ नहीं रहता है वह चुप हो जाता है। डॉक्टर उन सबको एक्सक्यूज मी बोलकर वहां से चली जाती है। 
उनके जाते ही नर्स अंदर (ऑपरेशन थिएटर)से आरोही को नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट करने के लिए बाहर ला रहे थे।
आरोही को नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट करते देखकर तरुण और शशांक आरोही के स्ट्रक्चर के पीछे जाते हैं। 
वही हमारी यह तीन तिगड़ी डॉक्टर के वार्ड में जाते हैं।

 प्रेजेंट में 

उन लोगों की बात सुनकर वनराज को बेइंतहा ही गुस्सा आ रहा था, अगर उसका बस चलता तो तो वह इन तीनों की शरीर से चमड़ी को निकाल देता था पर क्या कर पाता यह तीनों तो उसकी कमजोरी थी। गुस्से से वनराज की माता की नसे फटने वाली थी उसे इतना ज्यादा गुस्सा आ रहा था वह अपनी मुट्ठी बनाकर अपने स्टडी टेबल पर जोर से मार देता है। जिसकी वजह से स्टडी टेबल की कांच टूट कर ऑफिस के चारों ओर बिखर जाती है और वनराज के हाथों से खून बहने लगता है। 

जिसकी वजह से यह तीन तिगड़ी परेशान हो जाते हैं। और उसके करीब जाने लगते हैं पर वनराज ने अपनी इस खून भारी हाथ  से रूकने का इशारा करता हैं।
 वनराज की आंखों में बेबसी झलक रही थी, वह अपनी आंखों को शिवाय को तरफ करते हुए बोला "ऐसी क्या दुश्मन की थी तेरी आरोही से जो तूने उसके साथ इतना घटिया हरकत किया? तूने एक बार भी नहीं सोचा तेरी हरकत का क्या निष्कर्ष होगा। 

आखिर ऐसी क्या बात थी जो शिवाय अपने ही हाथों से अपने प्यार की नफरत की आग में बलि चढ़ाई। वनराज की बातें शिवाय को चुप रहे थे पर वह जानता था कि जो वनराज कह रहा है वह 100% सही है। वनराज की बात सुनकर शिवाय अपनी नजरों को झुका लेता है। 

जब वनराज यह देखात है कि शिवाय अभी नहीं बताया कि उसने आरोही के साथ ऐसा क्यों किया आखिर उस आरोही से नफरत क्यों थी? तो उसके दिमाग में कुछ आता है और वह शिवाय से बोलता है।

अच्छा तुझे सच नहीं बताना है तो मत बता अब यह सच तुझे आरोही खुद पूछेगी आखिर तू उसे क्यों नफरत करता है? आज ही में सबको यह सच बता दूंगा कि संवि और आर्य की बायोलॉजिकल मां आरोही है। अब आरोही ही अपने साथ हुए गलत का जवाब लगी तुझे और साथ में अपने बच्चों को भी। 

जब शिवाय वनराज की बात सुनता है तो वह अपनी आंखों को बड़ी करते हुए वनराज को देखा है जैसे कहना चाहता हूं कि नहीं भाई मत करना। 

वनराज शिवाय के इशारे को नजरअंदाज करते हुए जा रहा था क्योंकि वह जानता था कि अगर वह शिवाय से सवाल करेगा तो वह नहीं बतायेगा इसलिए उसने शिवाय की दुखती नस पर हाथ रख दिया था। (संवि और आर्य) 

जब शिवाय यह देखता है कि वनराज उसकी बात नहीं मान रहा है तो वह चिल्ला कर बोला" क्योंकि आरोही ,सक्षम की बेटी है,,।

वनराज की जाते हुए पैर एकदम से शिवाय की बात सुनकर रुक जाते हैं और वह पलट कर बेयाकिनी से शिवाय को देखने लगता है।

वनराज को अपनी तरफ देखते-देकर शिवाय ने कहा सही सुना भाई आपने आरोही उसे घटिया आदमी (सक्षम)की बेटी है जिसने हमारे परिवार को बिखेर दिया था जिसने मेरे मम्मी पापा को छीन लिया था।

वनराज कहता है यह कैसे हो सकता है मुझे लगता है तुम्हें कोई गलतफहमी हो गई है आरोही तो मिस्टर एंड मिसेज शर्मा की बेटी है यह कैसे हो सकता है। 
मुझे कोई गलतफहमी नहीं हुई है भाई मैं सच बोल रहा हूं और वह भी पूरे सबूत के साथ में यह बोल सकता हूं कि आरोही उसे घटिया आदमी की बेटी है,जिसने हमसे हमारा सब कुछ छीन लिया था। शिवाय ने कहा।।।।।

पर यह कैसे हो सकता है अगर आरोही सक्षम की बेटी है तो वह एमआर एंड एमआरएस शर्मा की बेटी कैसे हुई? वनराज कन्फ्यूजन से सवाल करता है।
 एक्चुअली आरोही सक्षम की नाजायज औलाद है। यह बात सुनकर तो वनराज को 1800 वोल्ट का झटका लग गया था।।।।

अब कहानी में आगे क्या होगा जाने के लिए पड़ी है अगला चैप्टर ‌
कहानी में बहुत सारे नए-नए इंटरेस्टिंग ट्विस्ट एंड टर्न्स आएंगे। 
आपको आज का एपिसोड कैसा लगा यह भी जरूर बताना रिव्यू देना मत भूलना प्लस हो सके तो कॉन से सपोर्ट करना। 
तब तक के लिए बाय टेक केयर.... हां मेरी नई कहानी पढ़ना मत भूलना..