🌸 जब तेरी याद आएगी 🌸
हर शाम की तरह सूरज ढल रहा था। शहर की गलियों में हल्की हल्की रौनक थी, पर मेरे दिल की दुनिया एक अजीब सी उदासी में डूबी हुई थी। मैं उस बेंच पर बैठा था जहाँ हम अक्सर साथ बैठते थे। चाय की दुकान से आती उस मीठी आवाज़ की तरह तेरी हँसी की यादें मेरे कानों में गूंज रही थीं। तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लग रहा था।
हमारी कहानी एक छोटे से कॉलेज की लाइब्रेरी से शुरू हुई थी। तू पहली बार आई थी, हाथ में किताबें लिए हुए, आँखों में सपनों की चमक लिए। मैं अपनी दुनिया में खोया हुआ था, लेकिन तेरी मुस्कान ने मेरी दुनिया को रोशन कर दिया था। धीरे-धीरे बातें बढ़ीं, मिलना-जुलना बढ़ा, और फिर दोस्ती का वो सिलसिला शुरू हो गया, जो फिर प्यार में बदल गया।
तेरी मासूमियत, तेरी नादान बातों में एक अलग ही मिठास थी। कॉलेज के गलियारों में हम साथ चलते, एक-दूसरे की बातें सुनते, ख्वाब बुनते। तेरे साथ बिताया हर पल मेरे लिए अनमोल था। तेरी आँखों की गहराई में मैं खुद को खो देता था, और तेरी मुस्कान की मिठास से मेरी सुबहें जगमगाने लगतीं।
लेकिन, जैसे हर कहानी में एक मोड़ आता है, वैसे ही हमारी कहानी में भी एक ऐसा मोड़ आया। मेरी पढ़ाई का सिलसिला खत्म होने वाला था, और तेरी आँखों में भी एक चिंता की परछाई दिखने लगी थी। एक दिन तू चुपचाप मुझसे मिली और कह बैठी, "तुम्हें आगे बढ़ना है, अपने सपनों को पूरा करना है। मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी, पर मैं नहीं चाहती कि मेरे साथ रहने से तुम्हारा भविष्य रुके।"
तेरी यह बात सुनकर मेरा दिल टूट सा गया। तेरे बिना जिंदगी का सोच पाना मुश्किल था। पर तेरी खुशी मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण थी। मैंने वादा किया कि मैं तेरे बिना भी अपनी मंजिल तक पहुँचूंगा। और फिर हम अलग हो गए। तेरे जाने के बाद वो दिन भी अजीब थे। हर एक जगह तेरी यादें मेरे साथ चलती थीं। तेरी हँसी की गूंज मेरे कानों में, तेरी बातें मेरी ज़ुबान पर।
समय बीतता गया। मैंने अपने करियर में कदम रखा, हर मुश्किल को पार किया। पर तेरी यादें हमेशा मेरे दिल के कोने में छुपी रहीं। कभी-कभी अचानक से तेरी तस्वीर मेरे सामने आती, तेरी हँसी की वह मधुर ध्वनि कानों में गूँजने लगती, और मैं खुद को रोक नहीं पाता था।
एक दिन अचानक मुझे तेरी एक चिट्ठी मिली। पत्ते का किनारा थोड़ा फटा हुआ था, पर तेरे शब्दों में वही पुरानी मोहब्बत की खुशबू थी। तू लिखती थी, "जितना भी दूर चले जाना, जितनी भी ऊँचाइयाँ छू लेना, जब भी तेरी आँखें बंद होंगी, मैं तेरे दिल के सबसे करीब रहूंगी। तू मेरा वो अनकहा सपना है, जिसे मैं हमेशा सजाकर रखूंगी।"
वो चिट्ठी पढ़ते ही मेरी आँखें भर आईं। मैं समझ गया कि हमारा प्यार समय की बेड़ियों में बंध कर भी अमर रह गया था। अब मैं हर दिन बस यही सोचता था कि कब मैं तेरी यादों की गलियों में फिर से खो जाऊं।
एक दिन, वर्षों बाद, हम फिर मिले। किसी गलती, किसी किस्मत के चलते। पर इस बार हमारी नजरें खाली नहीं थीं। उन्होंने एक-दूसरे की गहराई को पहचान लिया था। तू मुस्काई, और मैंने अपनी सारी कहानियों की पन्नियाँ तेरे सामने खोल दीं। तेरी आँखों में भी कुछ अनकहे जज़्बात थे, जो वर्षों की दूरी को पिघला रहे थे।
हमने फिर से अपनी दोस्ती को, अपने प्यार को नए सिरे से संजोया। एक साथ बिताए हर पल की क़ीमत समझते हुए, हमने यह वादा किया कि अब कभी दूर नहीं जाएंगे। उस दिन मैंने महसूस किया कि सच्चा प्यार वक्त की कसौटी पर खरा उतरता है। जब तेरी याद आएगी, तो मैं उस पल को जी लूंगा, और तू भी उसी पल की मिठास में खो जाएगी।
तेरी यादें अब मेरे जीवन का एक हिस्सा बन चुकी थीं। हर सुबह तेरे नाम से शुरू होती, हर रात तेरी ख्वाहिश में खत्म होती। और मैं हर दिन खुद से यह कहता – "जब तेरी याद आएगी, तो मैं मुस्कुरा दूंगा। क्योंकि तू मेरी ज़िन्दगी की सबसे खूबसूरत याद है।"
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