The Interesting and Exciting Story of the College Cafe in Hindi Love Stories by Abhay Marbate books and stories PDF | कॉलेज कैफे की दिलचस्प और रोमांचक कहानी

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कॉलेज कैफे की दिलचस्प और रोमांचक कहानी

🌟 कॉलेज कैफे की दिलचस्प और रोमांचक कहानी 🌟

कॉलेज की सुबह का वक्त हमेशा खास होता था। छात्रों की हलचल, किताबों की अजीब सी गंध और कैफे की चाय की खुशबू से भरा हर कोना। यह कहानी है एक खास कॉलेज कैफे की, जहाँ हर दिन नए किस्से बनते और यादें बुनती जाती थीं।

वो कॉलेज का कैफे था – “कॉफी कॉर्नर” – जहाँ हर छात्र की कहानी जुड़ी थी। सफेद दीवारें, लकड़ी की मेजें, और दीवारों पर लगे रंग-बिरंगे पोस्टर्स इस कैफे को और भी आकर्षक बनाते थे। सुबह से शाम तक यहां की हल्की-फुलकी हलचल चलती रहती थी। कुछ छात्र पढ़ाई में व्यस्त रहते, तो कुछ अपने दोस्तों के साथ चाय की चुस्कियाँ लेते हुए गप्पें लड़ाते।

अंकित एक होशियार और शर्मीला लड़का था। उसकी आदत थी हर रोज़ सुबह जल्दी उठकर कैफे में जाकर अपनी कॉफी के साथ किताबें पढ़ना। उसकी जिंदगी में किताबें और सपने थे, लेकिन दोस्ती में थोड़ा पीछे रह जाता था। कैफे में उसकी यह आदत सभी ने पहचान ली थी। एक दिन, कैफे में उसकी नज़र पड़ी थी एक नए चेहरے पर – स्वाति। स्वाति एक चुलबुली, स्मार्ट और हंसमुख लड़की थी, जो कॉलेज में अपनी मस्तियों के लिए जानी जाती थी। उसके कपड़ों की सजीवता और मुस्कान में एक अलग ही चमक थी।

स्वाति रोजाना कैफे में आकर अपने दोस्तों के साथ बैठती। लेकिन उस दिन कुछ अलग था। उसकी नजरें अंकित पर पड़ीं। उसने हल्की मुस्कान दी और कहा, “तुम हमेशा किताबों में ही क्यों खोए रहते हो?” अंकित थोड़ा हिचकिचाया पर फिर मुस्कान देकर बोला, “क्योंकि ये किताबें मुझे उन सवालों का जवाब देती हैं, जिनका जवाब असली दुनिया में मिलना मुश्किल है।”

स्वाति को यह जवाब बड़ा दिलचस्प लगा। वह हर दिन अंकित के पास आने लगी। दोनों की बातचीत धीरे-धीरे दोस्ती में बदलने लगी। स्वाति ने अंकित को कैफे के कुछ अनजाने कोनों में घुमाया, जहाँ उन्होंने अपने सपनों, पसंद-नापसंद और कॉलेज की छोटी-छोटी बातें शेयर कीं। कैफे का हर कोना उनके लिए एक यादगार जगह बन गया। कभी उनकी हंसी की गूंज उस कैफे की दीवारों पर गूंजती, तो कभी अंकित की चुप्पी में स्वाति ने उसके दिल की बातें पढ़ लीं।

समय के साथ स्वाति और अंकित के बीच एक खास बंधन बन गया। स्वाति ने अंकित को अपने ग्रुप की मस्ती में शामिल किया। अंकित ने भी स्वाति को अपनी गंभीर दुनिया की सादगी से परिचित कराया। एक दिन स्वाति ने अंकित से कहा, “क्यों न हम दोनों मिलकर इस कैफे में एक छोटी सी इवेंट रखें? जिससे हर कोई अपनी बात रख सके, मस्ती कर सके और नई दोस्तियां बना सके।”

अंकित की आंखें चमक उठीं। दोनों ने मिलकर इवेंट की योजना बनाई। उन्होंने कैफे में रंग-बिरंगे बल्ब सजाए, म्यूजिक सिस्टम सेट किया और अपने दोस्तों को बुलाया। इवेंट के दिन कैफे की दीवारें उत्साह और ऊर्जा से भर गईं। हर कोई अपनी-अपनी कला प्रस्तुत कर रहा था – कविता, गाना, नाटक और कॉमेडी। स्वाति और अंकित की जोड़ी सबसे प्यारी लग रही थी। दोनों ने मिलकर एक प्यारी कविता पढ़ी, जिसमें उनके कॉलेज के दिन, कैफे की यादें और दोस्ती की मिठास समाई थी।

इवेंट का अंत हुआ एक शानदार धमाके के साथ। सबने तालियां बजाई और एक-दूसरे को गले लगाया। अंकित और स्वाति की दोस्ती अब सबकी मिसाल बन गई थी। उन्होंने साबित कर दिया कि दोस्ती में मजा, सादगी और समझदारी का मेल सबसे खास होता है।

समय बीतता गया। कॉलेज खत्म होने के दिन अंकित और स्वाति ने वादा किया कि चाहे जिंदगी का सफर कितना भी लंबा हो, उनकी दोस्ती की मिठास हमेशा बनी रहेगी। वह कैफे – “कॉफी कॉर्नर” – हमेशा उनके दिलों में एक खास जगह बनकर रहेगा।

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