Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 25 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 25

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 25

इधर साहिल खाना बनाकर तैयार कर लेता है और सिमरन को सर्व करता है। तभी सिमरन बोलती है कि;

सिमरन - तुम भी तो बैठो न साहिल! साथ में खाना खाते है। 

साहिल - नही, तुम पहले टेस्ट करके बताओ कि कैसा बना है? 

सिमरन - अब कोई मजाक नही साहिल! तुम बैठोगे, तो मैं खाना खाऊंगी, वरना नही! सिमरन ने थोड़ा नाराजगी से कहा। साहिल को सिमरन इस वक्त बहुत क्यूट लगती है तो वो उसके गालों को खींचते हुए बोलता है कि;

साहिल - अच्छा ठीक है बाबा,  और सिमरन के पास वाली चेयर पर बैठकर, खुद के लिए भी खाना ले लेता है। 

साहिल के ऐसे छुने से सिमरन को एक अलग सी फीलिंग आती है, और वो अपने हाथों को अपने खुद के गालों पर लगाकर साहिल के touch को फील करने लगती है। तभी साहिल का ध्यान सिमरन पर जाता है, तो वो पूछता है कि;

साहिल - क्या हुआ सिमरन? क्या सोच रही हो? खाना अच्छा नही बना है क्या? 

तभी उसे तानिया का मैसेज आता है, तो साहिल का ध्यान उस ओर चला जाता है। और वो तानिया को रिप्लाई दे देता है कि वो थोड़ी देर में आ रहे है। तब तक सिमरन मन में खुद को ही बोलती है कि क्या सिमरन, कैसा अजीब behave करती है तू, पागल कही की! और फिर बोलती है कि;

सिमरन - साहिल, खाना वाकई में बहुत टेस्टी बना है। थैंक्यू मेरे लिए इतना अच्छा खाना बनाने के लिए! 

साहिल - तुम्हे सच में अच्छा लगा ना खाना, तो अब तुम्हे जब भी खाने का मन हो मेरे हाथ का, बस ऑर्डर कर देना! बंदा आपकी खिदमत में हाजिर हो जाएगा! सिमरन को यह सुनकर बहुत अच्छा लगता है। वो मन में सोचती है कि साहिल सच में कितना अच्छा है, उसके लिए आज उसने अपने हाथों से खाना बनाया है। यह बात सोच सोचकर ही सिमरन को बहुत अच्छा लग रहा था। तभी साहिल बोलता है कि;

साहिल - तुमने खाना खा लिया हो सिमरन, तो हम थोड़ी देर टैरिस पर चले?

सिमरन - हां, बिल्कुल चलो, लेकिन अभी तुम्हे टैरिस पर क्या काम है? 

साहिल - ऐसे ही! बस घूमकर आते है। तुम अब ज्यादा सवाल मत पूछो और चलो! यह बोलते ही साहिल, सिमरन का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ टैरिस की तरफ ले जाता है। इससे पहले वो तानिया को मैसेज तो कर ही देता है। टैरिस पर तानिया और ईशान भी सिमरन के इंतजार में दरवाजे के पास ही खड़े होते है।  जैसे ही सिमरन और साहिल दरवाजे के पास पहुंचने वाले होते है, तो साहिल थोड़ा पीछे हो जाता है और सिमरन आगे जाकर दरवाजा खोलती है। उसके टैरिस का दरवाजा खोलते ही उसके ऊपर फूल गिरने लगते है, जिसे तानिया और ईशान ने पहले से सेट किया था। (इसी में उनकी मेहनत दिख जाती है, क्योंकि टैरिस पर ऊपर फूल रखकर मैनेज करना सच में मुश्किल होता है। और उन्होंने यह सब खुद किया था, बिना किसी एक्सपर्ट की मदद के! ) सिमरन तो अचानक अपने ऊपर फुल गिरते देखकर बहुत अच्छा लगता है और उसके चेहरे पर खुशी आ जाती है। 

तब तक साहिल भी अंदर आ जाता है और फिर सभी साथ में सिमरन को बर्थडे सॉन्ग गाकर बर्थडे विश करते है। सिमरन कुछ नही बोलती है पर यह सब देखकर  उसकी आंखों में खुशी के आंसु आ जाते है। और उसके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। और वो फिर सबकी तरफ देखती है और पूछती है कि;

सिमरन - आप सभी को मेरा बर्थडे कैसे पता चला, मुझे खुद याद नही था! 

तानिया - यह सब ईशान ने हमे बताया था, और ये प्लानिंग भी ईशान की ही थी। 

साहिल - हमारे साले साहब को अपनी बहन को सरप्राइज जो देना था। साहिल, ईशान के कंधे पर हाथ रखकर बोलता है।

ईशान - अरे, पहले अंदर तो आओ दीदी, फिर सारी इन्वेस्टिगेशन करना! और वो सिमरन का हाथ पकड़कर उसे टैरिस पर आगे लाता है। और वो दोनो बातें करते हुए आगे जा रहे थे!

साहिल और तानिया उन दोनो को ऐसे खुश देखकर बहुत खुश हो रहे थे। और वो भी उनके साथ चलते है। फिर तानिया बोलती है कि;

तानिया - अरे, केक तो काटो पहले, उसके बाद मजे करेंगे! 

उसके बाद ईशान और साहिल जाकर केक लेकर आते है। सिमरन उसे देखते ही इमोशनल हो जाती है क्योंकि यह उसका फेवरेट फ्लेवर का केक था, और उसने उससे पहले ऐसे कभी अपना बर्थडे सेलिब्रेट नही किया था। उसे याद आता है कि जब भी उसका बर्थडे आता था, उसके मम्मी पापा को कोई न कोई काम होता ही था बाहर, और वो हर बार सॉरी बोलकर उसके बर्थडे पर साथ में भी नही होते थे। किरण दिखावे के लिए कभी कभी उसे खुश करने के लिए डांस और गाना गा देती थी, छोटा सा कोई गिफ्ट भी दे देती थी। ईशान तो बाहर ही रहता था, तो वो सिर्फ फोन पर ही विश कर पाता था। पार्टी तो वैसे भी कोई नही देता था सिमरन के बर्थडे पर, क्योंकि उसे उसके घरवाले छुपाकर रखना चाहते थे। यहां तक कि सिमरन कभी किसी पार्टी में शामिल भी नही हुई थी। उसका मन तो बहुत होता था लेकिन अपने पैरेंट्स की बात मानकर वो कभी बाहर दुनिया के सामने नही आई! सिमरन इन्ही सब खयालों में खोई हुई होती है तभी साहिल देखता है कि सिमरन कही खोई हुई लग रही है तो वो सिमरन के पास जाकर बस अपना हाथ उसके गालों पर रखता है, जिससे सिमरन अपने ख्यालों से बाहर आती है और साहिल की तरफ देखती है। तो साहिल उसे आंखों से इशारा करता है और उसे कंसोल करने की कोशिश करता है। साहिल समझ गया होता है कि हो न हो, सिमरन पक्का अपना पास्ट याद करने लग गई होगी! वो उसे हिम्मत देने की कोशिश करता है। 

इधर सिमरन जैसे ही साहिल का हाथ अपने गालों पर महसूस करती है, तो वो अपने ख्यालों से बाहर आती है। तभी वो साहिल को तरफ देखती है तो उसे उसकी आंखों में देखते ही हिम्मत आती है, और वो अपने आप को अकेला फील नही करती है। अब सिमरन और साहिल दोनो एक दूसरे की आंखों में देख रहे होते है, तभी ईशान, जो कि knife देने के लिए सिमरन को बुलाने वाला होता है, वो देखता है कि दोनो एक दूसरे में ही खोए हुए है। यह देखकर वो सबसे पहले तानिया को इशारा करता है, जो केक पर कैंडल्स लगा रही होती है। जैसे ही तानिया भी उन दोनो को देखती है, तो पहले तो मुस्कुराती है। उसके बाद खांसकर उनका ध्यान इधर करती है। 

जैसे ही साहिल और सिमरन, खांसने की आवाज सुनते है तो उनका ध्यान तानिया और ईशान पर पड़ता है। तो साहिल अपना हाथ सिमरन के गालों से हटा देता है और दोनो थोडे से दूर हो जाते है। यह देखकर ईशान और तानिया अपनी हंसी रोक नही पाते है और हंस देते है। 

क्रमश: