मगर मै बस उन्हे रोता हुआ देख रहा था मुझमे हिम्मत नही थी उनसे बात करने की मुझे घूटन सी महसूस हो रही थी फिर मैने अपने आप को किसी तरह सम्भाला और मै वहा से उपर छत पर आ गया उस छोटे से गर्डन मे रखी कुर्सी पर आ कर बैठ गया मेरे पीछे पीछे रुक्सार भी ऊपर आ गई .
मै दोनो हाथो को सर पर रख दोनो कोहनियो अपने पैरो पर रख बैठा था रुकसार मेरी बगल मे रखी दूसरी कुर्सी पर बैठ गई सर्दियो शुरू हो रही थी और धूप हल्की हल्की निकल रही थी .
मै बस सोच रहा था अम्मी के बारे मे अब्बू के बारे ऐसा क्यू किया इन लोगो ने मेरे साथ मेरी क्या गलती थी चलो फूप्पो का तो समझ आता है वो मुझसे नफरत करती है मगर अम्मा तो ऐसी नही है वो तो मुझे अपनी जान से ज्यादा प्यार करती फिर भी मुझे अम्मी के बारे मे कुछ नही बताती .
रुकसार मुझे यू उदास देखकर बेचेने हो रही थी वह कुर्सी से उठी उसने मुझे गले लगाया और कहा .
रुकसार : तुम नीचे से ऊपर क्यू आ गये शाहिद ये ही तो मोका था अम्मी के बारे मे मालूम करने का और अब तो अब्बू ने भी तुमसे बात की ये तो और आसान हो जायेगा अम्मी के बारे मे जानना, अब शायद वह खुद बता दे और ये भी बता दे कि वो तुमसे क्यू इतना दूर रहते है .
शाहिद : (गुस्से से ) नही जानना मुझे कुछ किसी के बारे आखिर है कौन ये लोग मेरे जिनके बारे मे मुझे जानना चाहिए आखिर लगते क्या है मेरे मां बाप ,
क्या मां बाप ऐसे होते है जो अपनी ओलाद को यू इस तरह तन्हा छोड़ दे क्या मां बाप ऐसे होते जो अपने बच्चे को परेशान देख भी कर मुंह मोड़ ले क्या मां बाप ऐसे होते कोई उनकी उलाद को ताने मारे परेशान करे उसके बचाव मे एक लफ्ज ना कहे , नही जानना मुझे अब उनके बारे कुछ भी मै जैसे हालत मे हूँ मुझे रहने दो रुकसार मुझे और तकलीफ नही चाहिए .
और मै बोलकर रुकसार के सीने से लगाकर रोने लगा फिर मेरी नज़र सीढ़ियो की तरफ गई तो मैने देखा वहा अम्मा और उनके साथ अब्बू खड़े थे शायद उन्होने मेरी बाते सुन ली होगी .
फिर वह दोनो हमारे पास आये अम्मा ने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रखा और दूसरा मेरे पर रख उसे सहलाया और कहा .
अम्मा : बेटा शाहिद मै जानती हूं तुम तकलीफ मै जीये हो तुम्हारी जिन्दगी तकलीफ भरी रही है मैने वो तकलीफ कम करने की काफी कोशिश की पर मै नाकामयाब रही मै तुम्हारे दुखो से मे तुम्हे बाहर नही निकाल पायी मै तुमसे उसके लिए माफी मांगती हूं मेरे बच्चे मुझे माफ कर दे मुझे .
शाहिद : आप क्यू माफी मांगती हो अम्मा आप ही तो एक साहारा थी मेरा इस दुनिया मे आपके बिना मै कब का मर गया होता माफी तो जिन्हे मांगनी चाहिए उन्हे तो कोई पश्तावा नही है उन्हे तो अब भी बीवी की ही तड़प है
वो जिसे इन्होंने छोड़ दिया या फिर वो ही इन्हे छोड़ गई आखिर कोई कैसे रहे सकता है ऐसे शक्स के साथ जिन्हे किसी की परवाह नही है अच्छा हुआ जो अम्मी इन्हे छोड़ कर चली गई .
अब्बू मेरी बात सुन गुस्से से आग बबूला हो गये वो मेरे पास आये मेरे गाल पर एक थप्पड़ मारा मगर मुझे उस थप्पड़ का जरा भी बूरा नही लगा ये पहली बार था उन्होंने मुझ पर हाथ उठाया था बाप के हाथो की मार कैसी होती है मुझे आज पता चला .
अब्बू : तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई नूर और मेरे बारे मे ऐसा कहने की तुम जानते भी हो वो क्या थी मेरे लिए और मै क्या था उसके लिए , हम एक दूसरे से बेइन्ताह मोहब्बत करते थे हम एक दूसरे को अपनी जान से भी ज्यादा चाहते थे हम एक दूसरे के लिए जान भी दे सकते थे और तुम कहते हो कि वो मुझे छोड़ कर चली गई वो कभी ऐसा नही कर सकती जो बात मेरे हक मे नही हो कभी नही कर सकती वो मुझे कभी नही छोड़ सकती .
शाहिद : (गुस्से मे) तो फिर आप ने ही छोड़ा होगा उन्हे जैसे मुझे छोड़ खुद अकेले जिन्दगी बसर कर रहे हो .
अब्बू : तुम मुझे बहुत गुस्सा दिला रहे हो शाहिद ये ना मै फिर से तुम पर हाथ उठाने लगू .
शाहिद : तो उठाईये ना ये ही तो मै चाहता हूं कि आप मुझ पर हाथ उठाये बाप का प्यार ना सही बाप का गुस्सा तो देख लूंगा फिर मुझे यकिन हो जायेगा कि मेरे सर पर अभी तक बाप का हाथ है और अनाथ नही हूँ .
मेरी बात सुन कर उनके कदम थम गये वो जहा थे वही रूक गये, उन्हे ये बात सुनकर एक बड़ा झटका लगा वह मुझे देखने लगे उनकी आंखो से आंसू बह निकले शायद उनको अपने किये पर अब पश्तावा हो रहा था मै उनकी आंखो मे देख सकता था वो अपने आप को मन ही मन कोश रहे थे .
फिर अम्मा ने उन्हे वही कुर्सी पर बैठने को कहा वो मेरे पास आई उन्होंने मुझे कहा .
अम्मा : नही ऐसा नही है मेरे बच्चे तेरे अब्बू ने तुझे कभी अकेला नही छोड़ा वो अलग बात है उसने तुझे बाप की तरह प्यार नही किया मगर वो हर मर्तबा तेरे साथ तेरे बिना जाने
उसने तुझे दूर से ही मगर बाप का प्यार दिया इस बात की मै गवाह हूँ .
शाहिद : तो फिर ऐसी क्या नोबत आ गयी थी अम्मा की एक बाप अपने बेटे से दूर रहे कर प्यार करना पड़ रहा है और ऐसा क्या हुआ कि एक औरत को अपने शोहर को छोड़ जाना पड़ता है ऐसा क्या हुआ कि फूप्पो जिनका मेने आज तक बूरा नही सोचा वह कोई मोका नही छोड़ती मुझे नीचा दिखाने का उन्हे इतनी नफ़रत क्यू है मुझसे बताइये ना अम्मा ऐसा क्या हुआ है .
तुम्हारी मां की वजाह से तुम्हारी उस चुडैल मां की वजाह से पीछे से आवाज आई ये फूप्पो की आवाज थी उनके साथ जैबा भी थी .
फूप्पो : तुम्हारी मां की वजाह से मेरे भाई की ऐसी हालत हुई है तुम्हारी मां की वजाह से हमारी घर की सारी खुशिया तबाह हो गई .
अम्मा : गुलनाज चूप कर जा ओर आगे नही .
फूप्पो : नही अम्मी आज मुझे बता लेने दो इसकी मां कौन थी उसने हमारे साथ क्या किया .
अम्मा : नही गुलनाज नही उसने कभी कुछ गलत नही किया हमारे साथ और उसने मना किया था इसे सच बताने के लिए तो खुद के बस अब रूक जाओ .
शाहिद : किसने मना किया था अम्मा और क्या बताने के लिए ?
फूप्पो : तुम्हारी अम्मी नूर ने मना किया था जानते वो कौन थी ?
अम्मा : नही गुलनाज नही .
फूप्पो : तुम्हारी अम्मी कोई इंसान नही थी वो एक जीन थी वो औरत जिसे तुमने सपने मे देखा वो इंसानो के बीच रहे रही एक जीन थी .
मै उनकी बात सुनकर वही जम गया उनकी बात सुनकर मुझे बहुत धक्का लगा मैने ये तो नही सोचा ऐसा भी हो सकता है कि मेरी मां इंसान ही नही वो एक जीन हो सकती है .
मेरी तरह रुक्सार और जैबा की भी वो ही हालत थी जो मेरी थी .
रुकसार : ये क्या कहे रही है मुमानी आप भला ऐसा भी हो सकता है क्या कोई जीन और इंसान .
रुक्सार इतना ही बोल पायी थी कि फूप्पो बोल फिर बोल पड़ी .
फुप्पो : हां हो सकता उस जीन औरत ने मेरे भाई से निकाह किया और फिर ये तेरा शोहर उस जीन की औलाद ये हुआ ,और इतना ही उस जीन औरत ने मेरे अब्बा को भी नही बक्शा उन्हे उसकी असलियत पता लग गई थी तो उन्हे मार डाला सीढ़ियो से गिराकर .
अब्बू का गुस्सा अब फूट चुका था उन्होने जिस कुर्सी पर वो बैठे थे उसे उठा पीछे दिवर पर दे मारा और फूप्पो के आकर गुस्से से बाले .
अब्बू : बस करो गुलनाज नूर ने किसी को नही मारा वो किसी की जान नही ले सकती थी वो तो लोगो की मदद करती थी वो बेशक एक जीन थी लेकिन उसके अन्दर एक इंसान से ज्यादा इंसानियत थी , और वैसे भी वो तो खुद पल पल मर रही थी उसने तो अपनी सारी जादूई शक्ति को अपने से अलग कर लिया था वो भी अपने बच्चे के लिए और मेरे लिए हमारे परिवार के लिए वो भला कैसे मार सकती है अब्बा को जो खुद अपनी सारी शक्ति खो चुकी हो जो खुद मोत के मुंह मे खड़ी हो , मेरी नूर किसी की जान नही ले सकती .
और फिर वह बालकनी मे खड़े होकर पिछली यादो मे चले गए .
काहानी जारी ... आगे की कहानी फलेशबेक चलेगी