छठा हिस्सा ( भाग ) वक्त मे पिछे -3
•••••• दुसरी मुलाकात और नुसरत ••••••
फ्लेशबेक जारी है ....
जाहिद दुकान से निकल नूर के पिछे पिछे जाता है और उसको नाम लेकर उसको पुकारता है
जाहिद : अरे अरे नूर जी जरा सुने तो कहा भागी जा रही है जरा इधर तो देखिये .
नूर अपना नाम सुनकर पिछे मुड़ती है तो उसे जाहिद दिखाई देता है वो उसको देखकर चोक जाती है , फिर वह उसे अपने पास आता देखकर कुछ पल लिए उसमे खो जाती है ,और जाहिद उसको देखकर कर मुस्करा रहा था ,जिससे नूर थोड़ा गुस्सा दिखाती है और उसे गुस्से मे कहती है .
नूर : आप यहा आप मेरा पिछा कर रहे है क्या ? देखिये मैने आपको मना किया था ना और आप फिर भी मेरा पिछा कर रहे है और आपको मेरा नाम कैसे मालूम ,जितना मुझे याद है मैने तो नही बताया आपको मेरा नाम तो कैसे पता चला आपको बताईये जरा ?
जाहिद : अरे अरे थोड़ा सांस तो लेलो मोहतरमा एक ही बारी मै कितने सवाल कर दिये आपने, धीरे धीरे बताता हूं इतनी जल्दी क्या है कई रेल नही भागी जा रही है आपकी .
हालाकि नूर को जाहिद से दुबारा रूबरू होना अच्छा लगा था फिर भी वह उसे गुस्सा दिखाती है .
नूर : देखिये ज्यादा बने नही मै जानती हूँ आप जैसे लड़को को कोई लड़की दिखी नही और लग गये अपने काम पर मै उन लड़कियो की तरह नही जो आपके झासे मे आ जाऊंगी , वैसे भी आपको मुझसे दूर ही रहना चाहिए आपकी भलाई इसी मे है, शायद आप जानते नही मेरे बारे मे अगर जानते होते तो ऐसी गुस्ताखी कभी ना करते .
जाहिद : अरे नूर जी ऐसा तो ना कहिये मै उस तरह का लड़का नही हूं और मैने कब आपका पिछा किया मै तो आपका घर का पता जानते हुए भी आपके घर तक नही आया , मै तो बड़ा शरीफ सीधा-साधा लड़का हूं और रही आपको जानने की बात तो खुदा ने चाहा तो वो भी जान लेंगे .
नूर उसकी तरफ गुस्से से देखती है , आ गये ना अपनी औकात पर और कहते सीधा - साधा लड़का , कहा से दिखते है आप ?.... नूर कहती है .
अब नूर को यू गुस्सा देख जाहिद अपने अन्दाज बदल लेता है , वह अपने दोनो कान पकड़ ,अपने चेहरे को थोड़ा मासूम और अजीब सी सकल बना नूर से कहता है .
जाहिद : इस गुस्ताख़ के लफ्ज फिर से फिसल गये, ये गुस्ताख आप से माफी चाहता है नूर जी आपको इस तरह रोकने के और आपका वक्त जाया करने के लिए, मैने आपको यू दूर से देखा तो आपसे मिलने दौड़ पड़ा वैसी मै बन्दा बुरा नही हूं मगर ये लफ्ज कमबख्त जरा जल्दी मे रहते है, वैसे यही बाजार मे दुकान है हमारी लेडिस कपड़ो की वो देखो वो रही सामने वाली (अपनी दुकान की तरफ इशारा करते हुए ) और अगर कभी अपने लिये कपड़े खरीदने हो तो महरबानी करके हमारी दुकान पर तशरीफ ले आया करीये आपको कम दामो पर बहुत अच्छे किस्म के कपड़े मिल जायेंगे और आपके लिए माशाअल्लाह खूबसूरत सूट मिल ही जाएंगे जो आपकी खूबसूरती मे चार लगा देेंगे .
नूर को जाहिद क्या बोल रहा था उससे ज्यादा उसने अजीब अजीब सकल बनाई थी उस पर ही ध्यान था जिसे वो देखकर मन्द मन्द मुस्कुरा रही थी उसे बस उसकी आखरी लाईन सुनाई पड़ी जिसका वह जवाब देती है .
नूर : जी नही हमे नही चाहिए आपके अच्छे किस्म के कपड़े हम ऐसे ही बेहतर है , और आपने अभी तक नही बताया मेरा नाम कैसे जानते है ?
जाहिद : अरे नूर वो क्या है ना आपका नाम तो तब ही पता चल गया था ना जब आपको घर पर छोड़ा था आपकी अम्मी जोर से पुकारी थी आपका नाम नूर बेटी कहा थी इतनी देर कैसे लगा दी आने मे तभी सूना मेने .
नूर : तो इस तरह मालूम पड़ा मैने सोचा कि .
जाहिद : कि मै कोई जासूस हूँ और आपकी जासूसी कर रहा हूं , तोबा तोबा मै और जासूस खुदा माफ करे , मै कोई जासूस वासुस नही हूं नूर जी ऐसा मत सोचिये .
नूर उसकी आंखो मे देखती उसकी आंखो मे एक अलग ही चमक थी नूर ना जाने क्यू उसमे खोने लगी थी .
तो कैसे सोचे आपके बारे मे... नूर ने कहा
जाहिद : कुछ भी जो आपको अच्छा लगे बस कहे दीजिये .
नूर ने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया वह अपने आप पर काबू पाना चाह रही थी .
जाहिद : वैसे आपका नाम तो मुझे मालूम पड़ गया पर आपने नही पूछा मेरा नाम ?
नूर : मै भला क्या करूंगी आपका नाम जानकर मुझे क्या काम आपसे ?
जाहिद : कोई काम ना सही मगर कभी फिर मुलाकात हुई आपसे वैसे भी दो मुलाकाते तो हो चूकि है आपसे और खुदा ने चाहा तो हम फिर से मिलेंगे तो नाम तो पता होना चाहिए .
तो आप मुझसे फिर से मुलाकात करना चाहते है ... नूर ने कहा .
जाहिद : कौन नही चाहेगा भला आपसे मुलाकात करना इतनी खुबसुरत हो आप चांद सा रोशन चेहरा है आपका इतनी खुबसुरत आंखे है वो भी निली निली और इतनी मिठी आवाज है आपकी ,आह सुनकर दिल को कितना सुकुन मिलता है आपका आपका ये लिबास आपको और खु ब सु र त बनाता है आप पर हर रंग अच्छा लगता है,
मुझे तो लगता है खुदा ने बहुत ही फुर्सत से बनाया है आपको , आपको देखकर लगता है कि ख्वाब किसी का जो हकिकत हो चला है, और लगता है परियो के शहर से एक परी आयी है जिसने इस जहा को अपने नूर से रोशन कर दिया और उसके नूर मै हम बहे चले है ,तो बताये भला कौन नही मिलना चाहेगा आप जैसी खुबसूरत परी से .
नूर अब जाहिद की बातो से पिघलने लगी थी उसकी बतो ने उस पर जादू कर दिया था वो ना चाहते हुए भी उसे सुनना जा रही थी , उसका दिल धड़कने लगा था तो वह उससे पूछती है .
नूर : ठीक है जरा तो बताईये क्या नाम है आपका ?
जाहिद : ये हुए ना बात , बन्दे को जाहिद कह कर पुकारते है लोग वैसे पूरा नाम मेरा मिर्जा जाहिद बेग है .
नूर : तो जाहिद जी
जाहिद : अरे नही जी मात लगाईये आप सिर्फ जाहिद कहे तो भी अच्छा लगेगा मुझे .
नूर : तो चलीये मै आपको जाहिद ही बुलाऊंगी अगर फिर कभी मुलकात हुई .
जाहिद : ( खुशी से)अजी अब तो रोज मुलाकात होगी आप से वैसी भी आपके घर का रास्ता मालूम है मुझे तो अब तो आना जाना लगा ही रहेगा उधर .
नूर गुस्से से अपनी आंखे बड़ी कर जाहिद की ओर देखती है तो जाहिद उसे गुस्से घूरता देख बात बदल देता है .
जाहिद : अरे नही मै कहा जाने वाला उधर मुझे तो यहा दुकान से ही कहा फुर्सत है अब्बा बहुत बढ़िया फसा दिये है
दुकान पर पुरा दिन निकल जाता है अब तो सिनेमा गये हुए भी कई रोज हो गये है .
नूर : बेहतर रहेगा आप उधर से ना गुजरे .
जाहिद : अच्छा मोहतरमा अपका हुक्म सर आंखो पर .
जाहिद को नूर से बाते करके अच्छा लग रहा था वो पहली बार किसी लड़की इस तरह बात कर रहा था वो कुछ देर और बात करना चाहता था मगर वो अब्बा को दूर से स्कूटर पर आता देख लेता है तो जल्दी से नूर को खुदा हाफिज कर दुकान पर लोट जाता है .
जाहिद : ( जल्दी जल्दी मे बोलता है)अच्छा नूर जी अब चलता हूं दुकान पर लड़का अकेला है तो मुझे जाना होगा
अच्छा खुदा हाफिज फिर मिलेंगे ,और जल्दी से वहा से भाग लेता है .
नूर उसको यू जाता देख सोचती है, अब इसको क्या हो गया ... नूर कहती है .
उसे छोड़ो तुम्हे क्या हुआ मेरी बच्ची नूर इस आवाज को पहचानती है , इस आवाज को सुने एक अरसा हो गया , वह उस आवाज का पिछा करती है वो आवाज उसके पिछे से आयी थी उसने पिछे घूम कर देखा तो वहा कोई नही था तो उसने नजर इधर उधर दोड़ाई तो उसे वहा एक छत पर एक औरत दिखाई दी दिखने मे वो औरत बहुत खुबसुरत थी उसके लम्बे खुले बाल उसकी नीले रंग की आंखे उसकी रहस्यमय मुस्कान उसके होठ उसे खुबसुरत बना रहे थे .
उसने काले और लाल रंग का लिबास पहना था वो उपर से नूर को देखकर मुस्कुरा रही थी नूर उसको यू देखकर चोक गई .
फिर वह औरत एकाक उस छत से नूर के पास आ गई फिर उस औरत ने नूर का हाथ पकड़ा और फिर उस जगह एक चमक सी उठी और वो दोनो वहा से गायब हो गई आस पास के लोगो को तो पता ही नही चला वहा क्या हुआ वो बस अपने कामो मे मशरूफ थे .
फिर वह दोनो एक सूनसान सी जगह पहुंचे यह एक पथरीला टीला और खुला मैदान था वहा दूर दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा था बस वो ही दोनो थी .
उस औरत ने नूर ओर देखा और उसे चेहरे के भाव बता रहे थे कि वो नूर से खफा है और फिर उस औरत ने नूर पर जादूई हमला कर दिया उसके मुंह से निकलता हवाओ का बवंडर नूर की ओर आया वो उस बवंडर मे फस कर नूर उपर हवा गोल गोल घुमाने लगी, नूर ने अपने आप को उस बवंडर से आजाद कराया वह जमीन पर आ गिरी फिर वह खड़ी हुई उस औरत को देखकर कहा .
ये आप क्या कर रही है ? ... नूर ने कहा .
वो औरत फिर मुस्कुराई और नूर पर फिर से हमला कर दिया , उसने अपने हाथो की हथेलियो को नूर की तरफ किया उससे सफेद रंग की रोशनी निकलने लगी जो सीधे जा लगी नूर के बदन पर लगने लगी ,उसक का बदन जलने लगा नूर ने अपने हाथो से उस सफेद रोशनी को रोका तो उस औरत ने फिर से बहुत ज्यादा तेज उस सफेद रोशनी को उस पर छोड़ा जो फिर से नूर को जलाने लगी नूर को अब गुस्सा आने लगा था उसने उस रोशनी को रोकने के लिए अपनी जादूई ताकत से अपने शरीर की चारो तरफ एक कवच बनाया और फिर से उस औरत से कहा .
नूर : अब बस कीजिये आप मुझे गुस्सा दिला रही है .
औरत : पर तुम्हे गुस्सा कहा आ रहा है मेरी बच्ची तुम तो सही से गुस्सा कर भी नही पा रही हा हा हा .
और फिर जोर से हसकर नूर पर और हमले करती है .
अब नूर का पारा चढ़ गया उसे बहुत गुस्सा आ रहा था तो वह अपने आप को उस औरत से लड़ने की ठानती है और फिर अपने दोनो हाथो की हथेलियो को अपनी पेट की नाभी पर रख देती फिर उसके अन्दर से नीली रोशनी निकलती है और लिबास बदल जाता जो सफेद सुनहरे रंग का था .
फिर नूर उस औरत पर अपने हाथो से निकलने वाली वो रोशनी से उस पर हमला करती है जिसे देखकर वो औरत बहुत खुश होती है और फिर दोनो बीच लड़ाई शुरू हो जाती है ये लड़ाई जोरो पर चल रही थी और दोनो अपनी अपनी ताकत का पूरा इस्तेमाल कर रही थी कभी हवा मे तो कभी जमीन पर फिर नूर ने एक खतरनाक हमला उस औरत पर किया वो जमीन पर जा गिरे और गिरकर उस औरत ने कहा .
औरत : चलो अब बस करते है तुम वाके ही नही भुली अपनी जादूई ताकत का इस्तेमाल करना .
नूर : आप से ही सिखा है नुसरत .
फिर दोनो एक दूसरे को यूही खड़े खड़े घूरते है और खामोश रहते है नूर उस औरत को लगतार देख रही थी उस औरत को उसने एक अरसे के बाद देखा था उसे देख कर उसकी आंखे नम भी होने लगी थी और फिर उससे रुका नही गया तो वह उस औरत के गले जा लगी और आंसू बाहाने लगी और फिर उससे पूछती है .
नूर : नुसरत आप यहा और इतने अरसे बाद मेरे सामने क्यू आयी है ?
नुसरत : हा मेरी बच्ची मै यहा तुम्हारी मां की बहन और तुम्हारी वो क्या कहते है इंसानी लोग हा खाला तुम्हारी खाला तुम्हारे सामने है तुम्हे खुशी नही हो रही .
नूर : कैसी हो आप और कहा थी आप इतना अरसा ?
नुसरत : मेरा छोड़ो अपना बताओ मेरी बच्ची तुम कैसी हो और तुम्हे क्या हुआ जो एक इंसान से दिल लगाने लगी .
नूर : ऐसा कुछ नही है वो बस मै उससे बात कर रही थी .
नुसरत : देखा मैने कैसे तुम उसकी बातो मे खोई थी तुम्हे मुस्कुराते देखा उसके चेहरे को देखकर लगता है तुम्हारे दिल मे उस इंसान के लिए मोहब्बत पनपने लगी है .
नूर : ऐसा नही नुसरत मै तो बस उसका अहसान चुकाना चाहती थी उसकी मदद के बदले लेकिन वो उससे पहले ही भाग गया वहा से .
नुसरत : अगर ऐसा नही है तो बेहतर है तुम्हारे लिए ये इंसान धोकेबाज होते है इनसे मौहब्बत एक सजा होती है और मै नही चाहती कि तुम उसे सजा के काबिल बनो .
नुसरत : मगर मै इंसानो के बीच पली बढ़ी हूँ उन इंसानो ने मुझे बहुत मौहब्बत दी जिसका अहसान मै कभी नही चुका पाऊंगी .
नुसरत : तुमने इंसानो का असली रूप नही देखा है मगर मैने देखा है इंसानो का असली रूप वो कितने जालीम होते है वो कितने धोकेबाज होते है और अब मुझे अब भी उन इंसानो पर यकिन नही है जो इतने अरसे से पाल रहे है .
नूर : तो फिर क्यू छोड़ा था आपने मुझे उनके पास आप ही तो लेकर आयी थी ना मुझे उनके पास तो फिर भी यकिन क्यू नही है आपको उन पर ?
नुसरत : ये मेरा फैसला नही था ये तुम्हारे मां बाप का फैसला था तुम्हे उन लोगो को सोपना उन्होंने मुझसे वादा लिया था
जो मैने पूरा कर दिया .
नूर : तो फिर आप ने मुझे अकेला कैसा छोड़ा उन लोगो बीच आप तो मेरा हमसाया बन सकती थी आप भी तो रह सकती थी मेरे साथ उनके बिना जाने तो फिर आप ने ऐसा क्यू नही किया ,क्या आपको मेरी कोई परवाह नही है ?
नुसरत : मैने कहा ना मे इंसानो के बीच नही रहे सकती और रही बात तुम्हारी परवाह की तो इसी वजाह से मे यहा हूँ
मै तुम्हे आगह करने आयी हूँ आगे आने वाले खतरे के लिए
मै चाहती हूँ तुम तैयार रहो वो वक्त आने वाला है जब वो तुम्हारे सामने होगा और फिर तुम जानती हो ना तुम्हे उसका सामना करना होगा .
नुर : हा नुसरत मुझे इल्म है इस बात का उसका ही तो मुझे इन्तेजार है मुझे अपने मा बाबा का बदला लेना है उस शैतान से जो ना तो इंसान है ना ही जीनो की कोम का है वो तो बस एक शैतान है जो सोदा करता है हम जिनातो से और फिर उन्हे मार कर जादूई ताकतो को हासिल करता है और अपने आप को और ताकतवर बना लेता है लेकिन मै जिस दिन उससे टकराऊगी मै उसे बकसूगी नही जान से मार डालूंगी उस शैतान को ये मेरा वादा है आपसे नुसरत .
नुसरत : मुझे तुमसे येही उम्मीद है नूर तुम उन जादूई ताकतो का और इसतेमाल करना सीखो जो तुम्हारे कबिले के उन साथ करामाती जीनो के बदन के हिस्से से हासिल की गई है , जो किसी भी ताकतवर जीन को खत्म करने के लिए काफी है .
नूर : वो जादुई ताकत मेरे अन्दर है लेकिन मै उन जादूई ताकत का इस्तेमाल नही कर पा रही हूँ मैने बहुत कोशिश की लेकिन नाकाम रही ऐसा लगता है जैसे वो जादुई ताकत मेरे लिए नही है उनका कोई और हकदार है .
नुसरत : लेकिन नूर तुम्हारा कबिला खत्म हो चुका है तुम उस कबीले का आखरी हिस्सा हो उस जादूई ताकत पर केवल तुम्ही एक हकदार हो आज नही तो कल तुम्हे उन्हे इस्तेमाल करना सीखना पड़ेगा नही तो वो शैतान हम जीनो की हर कोम को खत्म कर देगा और हम उसका कुछ नही बिगाड़ पायेंगे .
नूर : मै अपनी पूरी कोशिश करूंगी नुसरत उस शैतान से बदला जो लेना है , (बहुत तेज चिल्लाकर ) मै तुझे छोड़ोगी नही जादूगर जोहरान मै तुझसे बदला लूंगी अपने मां बाबा का मै तुझसे से बदला लूंगी हमारे कबिले को खत्म करने का मै तुझे जहन्नुम से भी बूरी सजा दूंगी ये मेरा वादा है .
वहा से कही दूर कोई था जो जो उसकी बातो को सुनकर बहुत खुश होता .
कहानी जारी है ......✍️