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( > 💜💜💜 ओए होए मेरे यारो और दिलदारो हाजिर है आपका प्यारा यार बंकू next ep लेकर चलिए दिलखोल कर पढ़िए।🤩💜💜💜
सुनिता जी खुद से बतियाते हुए वो किचन से बाहर निकल हॉल में आई तो हैरान रह गई। अब आगे,,,
सभी लड़के कचरे के समान सोए पड़े थे। सुनिता जी हैरानगी भरी नजरों से उनको देख बोली "ये सब भी सोए हुए हैं,, शायद बहुत ज्यादा थक गए हैं और जाहिर सी बात है सफर से आए है पूरी ट्रिप इंजॉय किए होंगे भला कौन बेवकूफ सोने में अपना मजा वेस्ट करेगा"
सुनिता जी मनीष के पास आई और उसे प्यार से उठाते हुए बोली "मनीष,, मनु उठ बेटा खाना बन गया उठ" मनीष आंखे मिचते हुए उठ गया।
तो सुनिता जी बोली "जा सबको उठा कर फ्रेश होने के लिए बोल दे और तू भी हो जा"
"खाना बन गया मम्मी जी" मनीष जम्हाई लेते हुए पूछा।
तो सुनिता जी बोली "हा बन गया बस पराठे बनाने रह गए सोची आखिर में बनाऊंगी अगर पहले ही बना के रख देती तो ठंडा हो जाता और खाने का स्वाद भी फीका पड़ जाता चल अब अपने काम चोर दोस्तों को जगा मैं मस्ती को देखती हु"
"Ok मम्मी जी" इतना बोल मनीष लग गया अपने काम पर और सुनीता जी चली अपनी प्यारी बेटी को जगाने।
सुनिता जी रूम में पहुंची तो देखा रियूमा और मोहिंता मेम नीचे फर्श पर पड़ी कहरार रही है और फिर अपनी बेटी मस्तानी को देखा जो उल्टे पुल्टी बेड पर पसर कर आराम से खर्राटे भर रही है। ये नजारा देख उन्हे समझते देर नहीं लगी की क्या हुआ होगा।
आखिर रियू जब भी उनके घर आती और मस्ती के साथ उसके बेड रूम में रहती और बेड शेयर करते दोनों तो मस्ती नींद में बेड पर पुरा हक जमाने लग जाती उसे आदत है ऐसे सोने की ओर उसकी इस आदत के कारण कभी रियू से पिट जाती तो कभी अपनी प्यारी हिटलर मम्मी से और लगता हैं अभी बस पीटने वाली है।
सुनिता जी मोहिंता मेम को आराम से उठाई और चिंता से बोली "आप ठीक है ना मेम कही बहुत ज्यादा चोट तो नही लगी,," मोहिंता मेम बोलने को हुई की सुनिता जी बोल पड़ी "या फिर कही आपकी कमर की हड्डी तो नही टूट गई? हे भगवान आप बोलो हॉस्पिटल चलते है,,"
"अरे सुनीता जी सुनिए तो,,," मोहिंता मेम फिर बोलने वाली थी की उनकी बात काट सुनिता जी फिर बोली "रियू जल्दी से एंबुलेंस को फोन कर उन्हे बोलना एमरजेंसी है चल चल जल्दी कर"
रियू और मोहिंता मेम सर पीट ली की वो उनकी बात सुन ही नही रही।
अभी वो और कुछ बोलती की रियूमा फट से चिल्लाते हुए बोली "मम्मी जीईई,,, मेम की बात तो सुन लीजिए एक बार"
सुनिता जी चुप रह गई और मोहिंता मेम की ओर देखी जो बिल्कुल सही सलामत लग रही थी और उनके चेहरे एक्सप्रेशन चिंता वाले थे।
"चिता मत कीजिए सुनिता जी मैं इतनी भी नाजुक कली नही हु,, बिल्कुल ठीक हु मै आप बिल्कुल फिक्र ना करे" सुनिता जी को चुप देख मोहिंता मेम अपनी बात खत्म की।
वही उनकी बात सुन सुनीता जी भी राहत की सास लेते हुए बोली "चलो तब सब ठीक है वरना मैं तो डर ही गई थी मुझे तो ये लग रहा था कही डर के मारे हार्ट अटैक ना आ जाए भगवान का शुक्र है की आप सही सलामत है"
रियू छोटा सा मुंह बनाकर "मम्मी जी इतना हाइपर क्यू हो रही हो मेम बिल्कुल ठीक है डोंट वरी आपको उनकी इतनी चिंता हो रही मेरी भी करो मैं भी गिरी हु"
"बेटी रियू तुझे नही पता जब ये लड़की 10 साल की थी ना तो अकेले रूम में सोने से डरती थी इसलिए मैं इसके साथ सोती थी वो पहली रात थी जब इसने अपनी मा को बेड से गिराकर बेदखल कर दिया था मेरी कमर में बहुत गहरी चोट आई थी ऐसा लग रहा था कमर की हड्डी ही टूट गई एक महीने हॉस्पिटल बेड पर पड़ी थी मैं " सुनीता जी ने अपनी आप बीती खत्म की।
मोहिंता मेम हैरानी से बोली "Ooh,,अब समझी आप क्यों इतना डर गई थी मेरे नीचे गिरने पर,,, खैर आप बिल्कुल चिंता मत करिए मैं बिल्कुल सही हु"
सुनिता जी मुस्कुराकर बोली "अच्छी बात है चलिए अब आप फ्रेश हो जाइए खाना रेडी है"
मोहिंता मेम ये सुनकर दुविधा में पड़ गई वो बोली "सुनिता जी मैं फ्रेश हो जाती लेकिन मेरे कपड़े,,,"
रियूमा बोली "क्या हुआ मेम क्या आप ट्रिप पर कपड़े ले जाना भूल गई थी? मैं नोटिस की हू ट्रिप पर पुरे टाइम आपने यही साड़ी पहन रखी है"
"नही रियू वो बात ये है की जब मैं वहा अपने रूम में गई और बैग से अपनी साड़ी निकाली तो देखा वो फटी हुई थी इसलिए नहीं बदली" मोहिंता मेम उन्हे पुरी बात बताई।
"ओह ये बात है हा ऐसी प्रॉब्लम तो हम औरतो के साथ होती रहती हैं और उसका सेल्यूशन भी हम औरतो को ही निकालना पड़ता है कोई बात नहीं आप मेरी साड़ी पहन लीजिए" सुनीता जी मुस्कुराकर बोली । मोहिंता मेम उन्हे ऐसे देखी जैसे उन्होने कुछ गलत सुन लिया हो
तभी रियू बोली "Don't vary मेम अगर आप को कोई प्रोब्लम नही है तो आप मम्मी जी की साड़ी पहन
सकती हैं "
मोहिंता मेम हैरानी से "सच में,,?"
"हा हा क्यू नही बिलकुल पहन सकती है आप मेरी बंदअक्कल बेटी को ज्ञान देती हैं तो क्या मैं आपके लिए इतना नही कर सकती चलिए मेरे रूम में वहा फ्रेश हो जाना" सुनीता जी उनका हाथ पकड़ बोली और लें जानें लगी।
दोनो जाने लगती हैं की सुनिता जी रुक कर पीछे मुड़ कर रियू से बोली "बेटी रियू सुन,,,"
रियू बोली "हा मम्मी जी बोलिए"
तो सुनीता जी तिरछी स्माइल कर "इस कुंभकरण की नानी को अपने स्टाइल में उठा दे और दोनो जल्दी फ्रेश होकर डाइनिंग टेबल पर आ जाओ"
रियू उनके कहने का मतलब समझ गई और वो भी तिरछी स्माइल कर बोली "Ok मम्मी जी समझ गई"
सुनीता जी बोलीं "चलिए मोहिंता मेम" और दोनो रूम से बाहर निकल गई।
सुनीता जी के रूम में
सुनीता जी मोहिंता मेम को पसंद करने के लिए पुरी आरमारी भर की साड़ीया दिखा रही थी तो वही मोहिंता मेम बिन पलक झपकाए उन्हे देखे जा रही थी।
उन्हे ऐसा लग रहा था वो साड़ीयो के मॉल में आ गई है।
उन साड़ीयो को देख वो समझ गई सुनीता जी को साड़ीयो का बेहद शौक है।
इन सबके अलावा उनके दिमाग में एक और सवाल घूम रहीं थी तो मोहींता मैम ने पुछ लिया बोली "सुनीता जी एक बात पूछूं,,,?"
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( > 💜💜💜क्या पूछेगी मेम? जानने के लिए बने रहे स्टोरी के साथ मिलते हैं जल्द ही next ep में by by जिंगुर यारो 🤪💜💜💜