Three best forever - 41 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 41

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 41

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( >💜💜💜Next epलेकर हाजिर है यारों का यार,,आपका बंकू होनहार,,
पाच मिनट की स्टोरी जल्दी आगे पढ़ो यार,,,

मस्ती उसकी एक्टिंग देख खी खी हंसकर बोली "मौका मिलता तो करती है ना? " अब आगे,,,,

रियू उसे आंखे चढ़ाकर घूरती है फिर उसे घूरते हुए ही उसके मुंह के पास आकर बोली "बिल्कुल भी नही करती क्युकी तू गधी कुंभकरण की नानी बन कर सोई थी और हमे बेड से बेदखल कर हमारी नींद की ऐसी की तैसी कर दी बदला लेना तो बनता है ना"  ये सुन मस्ती का मुंह फिर गुब्बारे की तरह फूल गया।

रियू उसे देखी वो बहुत प्यारी लग रही थी वो हस पड़ी और उसका फूला गाल खींचते हुए बोली "ठीक है ठीक है अबकी बार कोशिश करूंगी की अपना खतरनाक तरीका न अपनाऊ,,,"

मस्ती अब भी उसे मुंह फुलाए नाम मुंह सिकोड़ घुर रही थी जैसे कह रही हो "हर बार ऐसा ही बोलती है तू" 

उसकी बात समझकर भी रियू अनजान बनते हुए
बोली "मुंह फुलाना बंद कर अब चल जल्दी फ्रेश हो जा वरना ठंडा खाना खिलाएगी मम्मी जी" 

"अरे हा यार सही बोल रही,,चल मै हो जाती फ्रेश पहले फिर तू हो जाना" ये बोल मस्ती जल्दी से कबर्ड से कपड़े लेकर बाथरुम में घुस गई। 
पाच मिनट में फ्रेश होकर आई और फिर रियू घुस गई वो भी पाच मिनट में फ्रेश होकर आ गई। 

फिर दोनो बाहर निकल हॉल में आए तो देखा पांचों लड़के खामोशी से गोल घेरा बनाए बैठे थे। और एक दूसरे का मुंह देखें जा रहे थे। 
दोनो कुछ समझ नहीं पाए तो उनकी तरफ़ बढ़ गई।

रियू मस्ती एक दूसरे को देखी और फिर उनकी ओर देख साथ में बोली "ए क्या चल रहा ? तुम लोग पंचायत लिए क्यों बैठे हो?" 

उनकी आवाज सुन सभी चिहुंक उठे और पीछे पलट कर देखें। 
रियू मस्ती को देख सब राहत की सास लेते हुए बोले "थैंक गॉड" 

रियू बोली "हम गॉड नही इंसान हैं"  

"तू बस अपना बता मैं तो इनकी भगवान ही हु" मस्ती घमंड से बोली तो उसकी बात सुन सभी हैरान उसे देखने लगे तो वही रियूमा उसे पीठ पर एक मुक्का जड़ दी मस्ती पीठ सहलाते हुए दात दिखा दी।

स्ट्रॉन्ग घबराए हुए बोला "वो इतनी शांति में तुम दोनो की मिक्स आवाज सुन डर गए थे इसलिए गॉड को थैंक्यू बोले की तुम दोनो ही हो ना की कोई भूत प्रेत" 

तो उत्साह बोला "लेकिन मैं इसलिए डरा की तुम दोनो हो ना की कोई भूत प्रेत " 

रियू मस्ती एक दूसरे को देख डेंजर स्माइल किए फिर उसे देख साथ में बोले "अच्छा है डर के रह हमसे तेरा ही फायदा है वैसे बाकि सर कहा है?" 

मनीष ने कहा "प्रिंसीबल सर और विजेंद्र सर छत वाले बाथरुम में फ्रेश हो रहे और ज्ञानेद्रीय सर सोए हुए हैं" 

तो राहुल बोला "हा वो देखो अब तक सोए है कौन उठाए जाकर? यही फैसला कर रहे थे हम लोग की,,," 

उसकी बात काट कर समजीत बोला "की तुम दोनो अचानक पीछे टपक कर डरा दिए" 

रियू उनकी बात इग्नोर कर पूछी "तुम लोग फ्रेश हुए,,,?" 

मनीष बोला "अब तक तो नहीं " 

राहुल मुंह बनाए बोला "बाथरुम खाली होगा तभी तो होंगे ना" 

तभी उत्साह ऊची आवाज में बोला "अबे देख दोनों सर आ गए फ्रेश होकर " सभी उस ओर देखें प्रिंसिबल सर और विजेंद्र सर सीढ़ियों से नीचे उतर कर उनकी तरफ़ ही आ रहे थे।
उन्होने ने पहले ज्ञानेद्रीय सर को देखा फिर बाकी सबको 

प्रिंसिबल सर पांचो लड़को की शक्ल देख समझ गए क्या बोलने वाले हैं वो सब उनसे इससे पहले की कोई कुछ बोलता वो ही बोल पड़े "तुम पांचों जाओ उपर,,," 

उनकी आधी बात सुन राहुल गलत समझ लिया और हैरान उन्हे देखने लगा।

राहुल रोनी सूरत बनाए बोला "सर अभी तो हमने कुछ बोला भी नहीं और आप इतनी बड़ी सजा,,," 

राहुल की बिना हाथ पैर वाली बात सुन सभी सर पीट लिए। 

रियू गुस्से में भड़की "चुप बेअकल उल्टे दिमाग़ के गधे पहले सर की पुरी बात सुन ले फिर अपनी तोते जैसी नाक घुसेड़ना" ये सुन मस्ती की हसीं छुट गई। तो वही राहुल का मुंह बन गया।

प्रिंसिबल सर राहुल को घूरते हुए बोले "मैंने ऊपर छत वाले बाथरुम में फ्रेश होने को बोला है,, कुछ भी अनाप शनाप सोचने से पहले पुरी बात सुन लेना चाहिए " 

विजेंद्र सर बोले "बेटा next time पूरी बात सुन कर कुछ बोलना समझे" तो राहुल सर हा में हिला दिया।

विजेंद्र सर ने "अब जाओ सब" 

तो सभी लड़के साथ में बोले "और ज्ञानेद्रीय सर,,,?" 

"उनको मैं उठा दूंगा पहले तुम सब तो फ्रेश होकर आओ" उनकी बात सुन सभी अपना बैग लिए कपड़े निकाले और जानें लगे की प्रिंसिबल सर फिर अपना कटाक्ष धारी शब्द छोड़े "और हा फ्रेश होकर आना है धरना लेकर मत बैठ जाना" 
उनकी बात सुन पांचों जल्दी वहा से उपर की ओर खिसक लिए। अब आप सब गलत मत समझ लेना उस कलमुहे राहुल की तरह छत वाले बाथरुम में फ्रेश होने गए हैं।

मस्ती ठहाके मारकर हंस पड़ी। तीनों लोग उसे घूरे तो वो चुप हो गई और बोली "ज्ञानेद्रीय सर को उठाने की कृपा कौन करेगा?" 

"अभी तो बोले  प्रिंसिबल सर "मैं उठा दूंगा" तो जाहिर सी बात है वही उठाएंगे चल मम्मी जी के रूम में मोहिंता मेम को बुला लाते हैं " इतना बोल रियू मस्ती को धकेलते हुए सुनिता जी के रूम लेकर आई। 

प्रिंसिबल सर मुंह बनाए मन में बोले "मैं तो ऐसे कह दिया था की उठा दूंगा,,,इतना सिरियस लेने की क्या जरूरत थी इन दोनों को,, थोड़ा सा हेल्प कर देती तो क्या चला जाता इनका सही कहते हैं लोग आजकल के बच्चों में मैनर्स नाम की चीज है ही नहीं,, बड़ो की हेल्प करने में जैसे इनको दौरे पड़ने लग जाते हु नमूने कही के" वो उन्हे मन में जी भरकर कोसने लगे।
तो वही विजेंद्र जो उनके बनते बिगड़ते भाव को देख सब समझ रहे थे की ज्ञानेद्रीय सर इनसे भी नही उठने वाले।

"सर आप कहो तो इन्हे मैं उठ,,,?" उन्होंने ज्ञानेद्रीय सर की ओर रुख कर इतना ही कहा और कन्फ्यूज होकर चुप खड़े रह गए। उनको बोलते हुए आधी बात पर
चुप होता देख प्रिंसीबल सर ना समझी से उन्हे देखे और बोले "क्या हुआ ? अपनी बात पुरी कीजिए" 

विजेंद्र सर बोले "मुझे नही लगता अब उसकी जरुरत है इधर देखिए" 
उनकी बात सुन प्रिंसीबल सर उस तरफ़ रुख किए तो वो भी हैरान और कन्फ्यूज रह गए। क्युकी ज्ञानेद्रीय सर अपनी जगह से मिस्टर इंडिया हो गए थे।

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( >💜💜💜क्या ?कैसे?कब ? गए कहा ज्ञानेद्रीय सर जमीन ले उड़ा या आसमान उन पर गिर पड़ी? 🤪क्या हुआ आगे जानने के लिए बने रहे स्टोरी के साथ मिलते हैं जल्द ही next ep में 😂💜💜💜