Nazar Se Dil Tak - 13 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | नज़र से दिल तक - 13

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नज़र से दिल तक - 13


अगले दिन hospital में हलचल कुछ ज़्यादा थी। नए cases आए थे, और Raj लगातार rounds पर थे। Anaya भी अपने ward में patients के बीच व्यस्त थी, मगर बीच-बीच में उसकी नज़रें अनजाने में Raj की तरफ चली जातीं।

हर बार जब Raj corridor से गुज़रते, Anaya का दिल जैसे थोड़ा और तेज़ धड़क उठता। उसे खुद समझ नहीं आ रहा था — ये admiration है, respect या कुछ और गहरा, जो शब्दों में नहीं समा पा रहा।दोपहर के वक्त Raj और Anaya एक साथ patients की reports review कर रहे थे।

Raj ने एक file उसकी तरफ बढ़ाई —“ये case तुम handle कर सकती हो। मुझे लगता है तुम ready हो।”Anaya ने file ली, मगर उसका ध्यान उस ‘trust’ वाले tone पर अटक गया।“Thank you, sir,” उसने धीरे से कहा।

Raj ने हल्की मुस्कान दी — “You’ve earned it.”कुछ देर silence रहा। Ward में हल्की हवा चल रही थी और blinds के बीच से आती धूप उनके faces पर पड़ रही थी।

Anaya ने एक पल के लिए Raj की आँखों में देखा — उन आँखों में calmness भी थी और एक अनकही softness भी, जैसे कोई अनकही कहानी दबकर रह गई हो।शाम की ओर एक emergency case आ गया। Raj तुरंत action में आए, orders देने लगे, और Anaya उनकी मदद करने लगी।

दोनों के बीच coordination इतना perfect था कि staff भी notice कर रहे थे — बिना बोले ही दोनों एक-दूसरे की बात समझ रहे थे।Case खत्म होने के बाद Raj ने हल्के से कहा —“Good work, Anaya. तुमने आज बहुत calmly handle किया।

”Anaya ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया —“Sir, आपके साथ काम करते हुए confidence बढ़ गया है।

”Raj ने उसकी तरफ देखा, कुछ कहना चाहा, पर फिर खुद को रोक लिया। वो जानते थे, ये feelings अगर बढ़ीं तो उन्हें संभालना मुश्किल होगा।

रात को hostel लौटते वक्त Anaya balcony में खड़ी आसमान देख रही थी।हवा ठंडी थी, पर दिल में एक अजीब गर्माहट थी — Raj की हर नज़र, हर बात, जैसे उसके दिल के बहुत करीब पहुँच गई हो।

उसने diary खोली और लिखा —

“वो आँखें बहुत कुछ कहती हैं…कभी डाँट में छिपी परवाह, कभी खामोशी में छिपी मुस्कान बनकर।जब वो नज़र उठाते हैं तो लगता है जैसे वक्त थम जाता है —और जब नज़रें झुका लेते हैं, तो दिल में सौ सवाल जाग जाते हैं।शायद वहीं छिपी है वो कहानी,जिसे मैं खुद भी पूरी तरह समझ नहीं पा रही…पर हर रोज़ उनकी नज़रों की गर्माहट,मेरे दिल में कुछ नया लिख जाती है —कुछ ऐसा जो अब सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है,कहा नहीं जा सकता।”


दूसरी तरफ Raj अपने cabin में बैठा था, reports बंद कर चुका था, पर मन अब भी Anaya की मुस्कान पर अटका हुआ था।

वो खुद से बुदबुदाया —


> “कभी-कभी professionalism और emotion के बीच की line इतनी धुंधली हो जाती है कि पहचानना मुश्किल हो जाता है…”


दोनों अपनी-अपनी दुनिया में एक ही सोच में खोए थे —

कुछ जो कहा नहीं गया, पर महसूस दोनों ने किया था।


To Be Continued…

(कभी-कभी आँखें वो सच कह देती हैं, जिसे ज़ुबान कहने से डरती है… क्या ये नज़रों की कहानी अब दिल तक पहुँच पाएगी?)