Main Dekhu Teri Photo in Hindi Love Stories by Abhay Marbate books and stories PDF | मैं देखूं तेरी फोटो

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मैं देखूं तेरी फोटो

🌹 मैं देखूं तेरी फोटो 🌹


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अध्याय 1 – पहली मुलाक़ात

कॉलेज की लाइब्रेरी का एक कोना… चारों तरफ़ सन्नाटा, बस पन्नों की खड़खड़ाहट और पेन की आवाज़ गूंज रही थी। लेकिन मेरी नज़र किताबों पर नहीं, बल्कि उस लड़की पर थी, जो मेरे दिल की सबसे खूबसूरत कहानी लिखने वाली थी – अनन्या।

वो जब किताब पलटती थी तो उसके बालों की लट गालों पर गिर जाती, और वो हल्के से झटक कर उसे कान के पीछे कर लेती। उस छोटे से पल में भी मुझे लगता मानो पूरी दुनिया थम गई हो।

मैं रोज़ उसी बहाने लाइब्रेरी जाता, ताकि उसकी झलक मिल सके। मगर उससे बातें करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। मेरे पास बस उसका एक फोटो था, जो कॉलेज के एक ग्रुप प्रोजेक्ट में खींची गई थी। वही फोटो मेरी धड़कनों की सबसे बड़ी वजह बन गई थी।


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अध्याय 2 – नज़रों से दिल की बातें

समय बीतता गया और धीरे-धीरे हमारी मुलाक़ातें बढ़ने लगीं। पहले ‘हाय-हेलो’, फिर प्रोजेक्ट्स पर साथ काम करना और फिर कैंटीन की टेबल पर बैठकर घंटों बातें करना… सब कुछ जैसे एक सपनों जैसा सफ़र था।

मैं जब भी उसे देखता, मुझे यकीन होता कि मोहब्बत सच में होती है। उसकी हंसी, उसकी मासूमियत, उसकी आँखों की चमक… सब कुछ जैसे जादू कर देता।

कई बार मैं सोचता – काश, मैं उसे बता पाता कि उसकी एक तस्वीर ने मेरी ज़िंदगी बदल दी है। मैं रोज़ उसके उस फोटो को मोबाइल पर देखता और अपने दिल की बात उस फोटो से करता।


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अध्याय 3 – इज़हार की दहलीज़ पर

एक शाम कैंटीन में बैठे-बैठे मैंने हिम्मत जुटाई और कहा –
“अनन्या, क्या मैं तुमसे कुछ कह सकता हूँ?”

वो मुस्कुराई और बोली – “हाँ, क्यों नहीं?”

मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन मेरे होंठों से निकला बस –
“तुम बहुत अच्छी दोस्त हो।”

वो हंस पड़ी, पर मेरे दिल की धड़कनें टूटी हुई थीं।


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अध्याय 4 – दूरियाँ और मजबूरियाँ

कुछ ही महीनों बाद अनन्या की फैमिली ने उसकी शादी की बात छेड़ दी। उसने मुझे खुद बताया –
“मैं चाहकर भी सब कुछ रोक नहीं सकती। पापा ने मेरे लिए जो सोचा है, मैं उसे ठुकरा नहीं सकती।”

उसकी आँखों में आँसू थे और मेरे दिल में तूफ़ान।

उस दिन के बाद हमारी मुलाक़ातें कम हो गईं। लेकिन मेरा दिल अब भी उसी फोटो में अटका रह गया।


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अध्याय 5 – यादों की दुनिया

कॉलेज ख़त्म हुआ, सब अपनी-अपनी मंज़िल की ओर बढ़ गए। मगर मेरी मंज़िल वहीं रुक गई, जहाँ मैंने आख़िरी बार अनन्या को देखा था।

आज भी जब अकेला होता हूँ, तो उस फोटो को खोलकर घंटों देखता रहता हूँ। लगता है जैसे वो मुस्कुराहट अब भी मेरे लिए है।

वो फोटो मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी दौलत है – क्योंकि उसमें वो है, जिसकी मोहब्बत अधूरी रह गई।


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अध्याय 6 – अधूरी मोहब्बत का सफ़र

कई बार सोचता हूँ कि अगर मैं हिम्मत कर पाता, तो शायद कहानी अलग होती। लेकिन अब मेरी मोहब्बत बस उस फोटो तक सिमट गई है।

लोग कहते हैं तस्वीरें याद दिलाती हैं। पर मेरे लिए तो तस्वीर ही मेरी ज़िंदगी है।

आज भी मैं धीरे से अपने दिल से कहता हूँ –
“मैं देखूं तेरी फोटो… और उस एक फोटो में पूरी दुनिया तलाश कर लूं।”


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