Three best forever - 47 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 47

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 47

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( >💜💜💜 हेलो होलाला यारो और यारियो next ep लेकर हाजिर है स्टोरी का चौकीदार और आपका यार बंकू होनहार मजे लेकर पढ़िए।💜💜💜

"म,, मैं मैं मन,, मनीष आप कौन ?" अब आगे,,,,

मनीष का सवाल सुन वो आदमी गुस्से में चीखा "साले उल्टा सवाल करेगा"  उसकी आवाज हॉल तक पहुंच गई। 

तो जाहिर है रियू मस्ती चिहुंक उठी पर मस्ती कुछ ज्यादा ही क्युकी ये आवाज उसके बुरे अतीत से जुड़ा हुआ था।

"ये आवाज,, ये आवाज फिर नही वो नही हो सकता" वो मन ही मन सच्चाई को झुठलाए जा रही थी की 

रीयु उसे हिलाते हुए "कहा खोई है चल देखते हैं ये भूकंप कौन है?" 

मस्ती अपने आप को शांत कर "Hm,, तू जा जल्दी मैं आती हु" 
और रियू दरवाज़े की ओर भागे भागे पहुंच गई। 

मनीष भौंहे सिकोड़ बोला "अरे उल्टा सवाल कहा किया ? आपने पूछा कौन तो मैने भी कहा मैं मनीष अपना नाम बताया फिर आपसे पूछा आप कौन? लेकिन आप तो बेवजह भड़क रहे" 

इन दोनों का तू तू मैं मैं सुन रियू वहा आई उसकी नजर उस आदमी पर नही गई थी और मनीष को देख 
बोली "क्या हुआ बे,,,?"  मनीष सामने देखने का इशारा किया तो रियू कन्फ्यूज शक्ल बनाए  सामने उस आदमी को उपर से नीचे तक घूर कर बोली "ए बेवड़ा कौन है?" क्युकी वो उस आदमी को पहली बार देख रही थी। लेकिन उसे नेगेटिव एनर्जी महसूस हो रही थी और उससे अजीब सी बदबू भी आ रही थी जो शराब की थी।

वही अब रियू से और नही रहा गया वो अपना कन्फ्यूजन दूर करने के लिए पूछ ही ली और उनकी उम्र को देख पूरे आदर सम्मान के साथ बोली "आप कौन है महोदय? और हमारे घर में किस हक से चीखना चिल्लाना शुरू किए जरा,," एक पैनी निगाह डाल "जरा विस्तार से बताने का कष्ट करेंगे?" 

वो आदमी मनीष को छोड़ अब रियू की ओर सवाल भरी नज़रों से देख बोला "अब तुम कौन हो? और मेरे धर में क्या कर रही हो?" 

ये सुन रियू और मनीष की आखें सिकुड़ गई।दोनो को  तो वो आदमी जस्ट अभी पागल खाने से भागा हुआ लग रहा था जो अपना पता भुल गया है।
लगना भी चाहिए आखिर वो खुद बेधड़क घुस आया है और उनसे ही उल्टा सावल कर रहा जैसे ये घर उसका बनाया हुआ है।

रियू अपने दिमाग पर उंगली घुमाते हुए बोली "दादा चाचा जी आपका दिमाग ठिकाने पर तो हैं ना?" 

वो आदमी हैरानी से "ह,,क्या बोली तू?" 

तो रीयू बेपरवाही दिखाते हुए बोली "अब तो मुझे शक्ल और अक्ल के साथ कान से भी खिसके हुए लग रहे" 

ये सुन वो आदमी गुस्से में भड़का "क्या बक रही तु लड़की बड़ो से कैसे पेशाते है मां बाप ने सिखाया नही?" 

"नही सिखाया क्युकी मेरा बाप ही मेरे बारे नही सोचा और जो सौतेला बाप था वो क्या ही सिखाता वो तो खुद गाली का पिटारा था साला " रियु जवाब देने वाली ही थी की मस्ती वहा प्रकट हुए उस आदमी को अपनी काली नफरत भरी नज़रों से घूरते हुए बोली।

रियू मनीष अपने पीछे खड़े मस्ती को देखे जिसकी लाल हुई आखों में नफरत की चिंगारी धू धू करके सुलग रही थी।
जो कोई भी देख सकता था। 
वो आदमी भी मस्ती को गौर से देख रहा था मस्ती को देख उसके माथे पर सिकन साफ नज़र आ रही थी।

मस्ती की बात सुन रियू फटी आंखों से सामने खड़े इंसान को देखने लगी। वो समझ गई यही तो है मस्ती का सौतेला बाप जो बाप नाम से नवाजे जाने के लायक नहीं हैं। घिन आती है मस्ती को उसकी आवाज से भी नफरत है उसे उसके वजूद से भी फिर तो वो अभी इस वक्त उसके सामने खड़ा है ना जानें कैसे,, कैसे और किस कदर घूट रही होगी अंदर ही अंदर उनकी मस्ती ये रियू और मनीष  बहुत अच्छे से समझ पा रहे थे । 
आखिर इतने करीब जो थे ये तीनों एक दूसरे के दोनो मस्ती को देखें जो इस वक्त शांत लेकिन अपने नफ़रत को काबू में करने की जिद्दो जिद कोशिश कर रही थी जो उसकी कस्ती मुट्ठी देख साफ झलक रहा था।  

वही मनीष जिसके माथे पर डर के कारण पसीने छूटने लगे थे। उसे मस्ती की चिंता हो रही थी वो जानता था इस आदमी से वो कितने हद तक नफरत करती हैं इतना की खून करके जेल भी चली जाए उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन वो अच्छे से समझती है कानून को अपने हाथ में लेगी तो उसके अपनो को दुःख झेलना पड़ेगा वो वो बिल्कुल नहीं चाहती की उसके नफरत में उसके अपनो को भी दुःख पहुंचे इसलिए इस नफरत को किसी भी तरह अपने तक सीमित रखती हैं चाहे कैसे भी हालात हो

वो आदमी उन तीनों को इग्नोर कर अंदर घुसने को हुआ की मस्ती सामने आकर अल्ट्रा सिमेट दीवार की तरह खड़ी हो गई।

मनीष हाथ बांधे उस आदमी को घिन भरी नज़रों से घूरते हुए बोला "लगता हैं उम्र ज्यादा जल्दी बीत रही तुम्हारी इस घर से कैसे निकले थे भूल गए हो क्यों है ना?" 

ये सुन उस आदमी ने मनीष की ओर रुख किया उसको अब मनीष जाना पहचाना सा लगा वो याद 
करते हुए "तुम,, ह तुम वही हो ना जिसके साथ मस्ती का चक्क,,," 

"साले नाली के कीड़े अपनी गंदी जुबान बंद रख वरना मैं बंद करने पर आई ना तो इस जन्म के साथ अगले जन्म  फ्री में गूंगा बहरा अंधा लगड़ा बना फिरता रहेगा" मस्ती उसकी बात बीच में काटकर ज्वाला माता बन भड़की।
वही रियू और मनीष उस आदमी को ऐसे घूरे जैसे घुरकर ही भस्म ही कर देंगे। उसकी आधी बात पर ही तीनों को इतना गुस्सा आया मानो आज कत्ल कर ही देंगे इस घटिया आदमी का

"तेरी** बत्तमीज" उस आदमी ने गाली देते हुए मस्ती पर हाथ उठाया मनीष मस्ती के आगे आकर डर के कारण आंख बंद कर बुत की तरह खड़े होकर चीखा "मम्मी जीईईई,,," उसकी इस चीख के साथ एक जोरदार तड़क्क की आवाज आई।
उसके बाद पांच सेकेंड के लिए शांति पसर गई।

रियू मनीष के आंखो से उसका हाथ हटाने लगी तो जब उसने हाथ हटाकर आंख खोलकर देखा तो देखते ही समझ गया मस्ती सेफ है। 

क्युकी मस्ती के आगे सुनीता जी गुस्से से तमतमाए खड़ी नीचे पड़े उस आदमी को घुर रही थी।

सुनिता जी इनकी बहस सुन किचन से बाहर निकल आई और जैसे ही इस आदमी को देखा तेजी से कदम आगे बढाते हुए आने लगी और जैसे ही उस आदमी ने मस्ती पर हाथ उठाया और मनीष के चीखते ही सुनिता जी मस्ती के आगे आकर उस आदमी का हाथ रोक उसे ही जोर दार तमाचा रसीद कर दी वो आदमी संभल नहीं पाया और लड़खड़ाते हुए औंधे मुंह नीचे जा गिरा।

ये हैं राहु ढोढरे उम्र 49 मस्ती का सौतेला बाप जिसके आवाज से भी मस्ती को नफरत है बाप मानना तो छोड़ो ही,,ये एक no का दारू बाज बेवड़ा है। अपनी इज्जत प्यारी है इसे लेकिन दूसरो की इज्जत गालियों से करता है 

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( >💜💜💜 हूं,,साला बेवड़ा मस्ती को इससे क्यू हद से ज्यादा नफरत है ? कैसा बुरा अतीत है ? ये राज आगे स्टोरी में खुलेगा। तो जानने के लिए बने रहे स्टोरी के साथ मिलते हैं जल्द ही next ep में 💜💜💜