इतिहास के पन्नों से 12
फ्रांस के लूव्र संग्रहालय में चोरी
फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित लूव्र म्यूजियम पूरी दुनिया में मशहूर है . यह सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा देखा जाने वाला संग्रहालय भी है . 12 वीं सदी में लूव्र पेरिस में सीन नदी के किनारे बना एक किला था और 16 वीं सदी में यह फ्रांस के राजा का महल बना . 18 वीं सदी के अंत तक यह फ्रांस के राजाओं का महल रहा था . 1793 में हुई फ़्रांसिसी क्रांति के बाद इसे जनता के लिए कला संग्रहालय के रूप में खोल दिया गया . यहाँ फ्रांस के राजाओं की राजशाही कलाकृतियों के अतिरिक्त इस्लामिक , मिस्र , ग्रीक और रोमन काल की कृतियों को संग्रह कर जनता के प्रदर्शन के लिए रखा गया है . लूव्र के प्रवेश द्वार पर मिस्र के मशहूर पिरामिड को शीशे के पिरामिड के रूप में स्थापित किया गया है .
लूव्र में चोरी - अभी हाल ही में 19 अक्टूबर को इस म्यूजियम में एक बड़ो चोरी को अंजाम दिया गया है . इस चोरी के चलते म्यूजियम को खाली करा कर तीन दिनों के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया था . 22 अक्टूबर को संग्रहालय को दोबारा जनता के लिए खोल दिया गया है . इस लेख के लिखते समय तक इस मामले में दो संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है . जांच अधिकारियों को चोरों द्वारा छोड़े गए टूल , हेलमेट आदि वस्तुओं और उनके फिंगरप्रिंट का DNA कर चोरों तक पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं .
लूव्र में चोरी कैसे की गयी - रविवार 19 अक्टूबर को प्रातः 9. 30 लूव्र के सीन नदी के सामने वाले अपोलो गैलरी के नीचे एक ट्रक आकर रुका . ट्रक पर बिजली से चलने वाली सीढ़ी , मोंटे मयूबल्स , लगी थी . दरअसल फ़्रांस में ऐसा ट्रक आमतौर पर बड़े बिल्डिंग से भारी भरकम फर्नीचर आदि उतारने और चढाने के काम आता है . दो चोर सीढ़ियों के सहारे दूसरी मंजिल की बालकनी में उतर कर बड़ी खिड़की के शीशे को कटर मशीन से काट कर म्यूजियम में प्रवेश करते हैं . हालांकि शीशा काटने से म्यूजियम का अलार्म बज उठा और सुरक्षा गार्ड उनके सामने आ गए थे पर कटर मशीन से चोरो ने उन्हें डरा कर भगाया . लूव्र के अन्य स्टाफ जल्दी जल्दी म्यूजियम को खाली कराने में लगे थे . चोरॉ ने कीमती कलाकृतियों वाले डिस्प्ले केस को तोड़ दिया . चोर फ्रांस के राजा नेपोलियन द्वारा रानियों को दिए गए उपहार के मूल्यवान मुकुट और हार आदि ले कर भागने में सफल हो गए . दो चोर नीचे चालू स्कूटर पर अपने साथियों का इन्तजार कर रहे थे . इस पूरी चोरी की घटना को चारों ने 8 मिनट के अंदर पूरा कर लिया था . आनन फानन में चोर स्कूटर पर बैठ कर भाग निकले .
लूव्र में हुई अन्य चोरी की घटना - लूव्र संग्रहालय में इसके पहले भी चोरी हो चुकी है , कभी आभूषण की चोरी तो कभी कलाकृति की चोरी . 21 अगस्त 1911 को मशहूर पेंटर लियोनार्डो दा विंची की मोनालिसा की प्रसिद्ध पेंटिंग की चोरी हुई थी . कहा जाता है कि लूव्र के एक इटालियन कर्मचारी , विंसेजों पेरुगिया ‘ ने इसे चुराया था . उसने देश प्रेम और देश सम्मान से प्रेरित हो कर मोनालिसा को चुराया था . वह पेंटिंग को वापस अपने देश इटली ले जाना चाहता था . 1913 में इटली के फ्लोरेंस में यह पेंटिंग मिली और फिर इसे वापस लूव्र में रखा गया . 1983 में 16 वीं सदी के कुछ कवच की चोरी हुई थी जो 2011 में मिले . एक अपुष्ट रिपोर्ट के अनुसार एक दूसरी पेंटिंग “ द सेव्र रोड “ की चोरी हुई थी जो आज तक भी नहीं मिली है .
दुनिया में अन्य संग्रहालयों में इस तरह की चोरी पहले भी हुई है . इसके अनेक उदाहरण मिल सकते हैं . यहाँ कुछ उदाहरण इस प्रकार है -
1 . बोस्टन संग्रहालय अमेरिका - अमेरिका के बोस्टन स्थित इसाबेला स्टीवर्ट गार्डनर म्यूजियम में 1990 में चोरी हुई थी . इस घटना में दो चोरों ने पुलिस की वर्दी में म्यूजियम में प्रवेश कर 13 उत्तम कृतियों ( वर्मीर , रेम्ब्रन्ट , डेगस आदि ) को चुरा लिया था . ये कृतियाँ आज तक बरामद नहीं हुई हैं .
2 . नेशनल गैलरी , नॉर्वे - नॉर्वे की राजधानी ओस्लो स्थित नेशनल गैलरी से 12 फ़रवरी 1994 को एक पेंटिंग ‘ द स्क्रीम पेंटिंग ‘ की चोरी हुई थी . चोरों ने इसके लिए 10 लाख डॉलर मांगी थी हालांकि तीन महीने बाद यह मिल गया था .
3 . वान गॉग ( Van Gogh ) म्यूजियम , एम्स्टर्डम - नीदरलैंड की राजधानी में स्थित एक संग्रहालय से दिसंबर 2002 में चोरों ने दो पेंटिंग चुरा लिए थे - ‘ व्यू ऑफ़ द सी एट शेवनिंगेन ‘ ( View of the Sea at Scheveningen ) और ‘ कॉंग्रेगेशन लीविंग द रिफॉर्म्ड चर्च इन नुएनेन ‘ ( Congregation Leaving the Reformed Church in Nuenen ) . इन पेंटिंग को 2016 में बरामद किया गया था .
4 . मोहम्मद खलील म्यूजियम , काहिरा मिस्र - इस म्यूजियम से वैन गॉग की मशहूर पेंटिंग ‘ पॉपी फ्लावर्स ‘ को चोरों ने 1977 में चुरा लिया था हालांकि 1987 में इसे बरामद कर लिया था . पर
दुबारा 2010 में इसकी चोरी हो गयी थी और यह अभी तक मिल नहीं सका है .
5 . ग्रीन वॉल्ट , ड्रेसडेन जर्मनी - ड्रेसडेन के ग्रीन वॉल्ट म्यूजियम से चोरों ने काफी आभूषण चुरा लिए थे . हालांकि 2022 में इनमें से अधिकांश बरामद हो गए थे फिर भी ड्रेसडेन वाइट हीरे के एप्लेट ( epaulette ) आज तक नहीं मिले हैं .
6 . नालंदा म्यूजियम , बिहार - बिहार की राजधानी पटना के निकट नालंदा विश्वविद्यालय एक मशहूर शिक्षा का केंद्र था जहाँ विदेशों से भी लोग पढ़ने आते थे . यह विश्व का प्रथम आवासीय विश्वविद्यालय था . इसकी स्थापना 427 में सम्राट कुमारगुप्त ने की थी . तुर्क आक्रान्ता मुहम्मद बख्तियार खिलजी ने 12 वीं शताब्दी में आग लगा कर नष्ट कर दिया था . यहाँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ASI - Archeological Survey of India ) के संग्रहालय में 12 वीं सदी की गौतम बुद्ध की एक प्रतिमा थी . 22 अगस्त 1961 को यहाँ से 14 कांस्य प्रतिमाओं की चोरी हो गयी थी जिसमें भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी थी . बाद में इसे लंदन में बरामद किया गया . 15 अगस्त 2018 को यह प्रतिमा भारतीय उच्चायुक्त को सौंप दिया गया . अंत में औपचारिक रूप से सितंबर 2019 में ASI को इसे सौंप दिया गया ताकि पुनः यह नालंदा म्यूजियम में रखा जा सके .