Three best forever - 53 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 53

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 53

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( >💜💜💜 हे होए हाई यारों और उनकी पारो 😜next ep पढ़ने के लिए सब पधारो,,,🙏😁💜💜💜

सभी का ऐसा रिएक्शन मस्ती बहुत अच्छे से समझ रही थी वो सबको इग्नोर कर चेयर खींच कर बैठ गई। लेकिन अब आगे,,,,

सब अभी भी उसे घुर रहे थे मानों कोई चमत्कार हो गया हो मस्ती खीज गई और बोली "क्या है? ऐसे क्या देख रहे?" 

सभी एक साथ बोले "चमत्कार" 

मस्ती आखें रोल करते हुए "काहे का चमत्कार अब एक दिन मैं खुद से नही उठ सकती क्या?" 

रियू बोली "पर तेरा खुद से उठना हजम नही हो रहा" 

मस्ती जबरदस्ती हस्ते हुए "लो यही बैठे सो जाती फिर अजूबा हो गया कहकर ढिढ़ोरा पिटना ok" उसकी तंज भरी बात सुन सभी बिना कुछ बोले अपना अपना खाना ठुसने में लग गए।

क्युकी सभी समझ रहे थे उसका खुद से उठ जाना आखिर उसके दोस्त जाने वाले है और वो कैसे बिना मिले सोती रह जाती। लेकिन एक बात तो है जल्दी उठना बहुत मुस्किल रहा है बिचारी के लिए और बार बार लेती उबासी इस बात का सबूत है इसलिए तो दिमाग खिसका हुआ है।

तो वही रियू मस्ती और सुनीता जी मन ही मन मुस्कुरा रही थी की इस बात पर की दोस्तो के लिए ये लड़की कुछ भी कर सकती हैं कुछ भी मतलब कुछ भी आखिर हठी लड़की जो है।

15 मिनट में सबने ब्रेकफास्ट किया और चल दिए बस स्टैंड की ओर वो तीनो 9 बजे वाली बस में जानें वाले थे स्टेशन और वहा से 12 बजे की ट्रेन में राजस्थान ये तीनो राजस्थान के उदयपुर में रहते है।

लेकिन मस्ती के साथ दोस्ती के चलते दिल्ली के हॉलेक्स कॉलेज में एडमिशन लिया कॉलेज की तरफ से हॉस्टल में रूम भी मिला इन्हे लेकिन ज्यादा तर ये मस्ती के घर में ही टिकते है। 

इंतजार करते करते 9 भी बज गए और बस भी आ गई। 

मस्ती रियू मनीष ने एक दुसरे के गले लग फिर एक दूसरे को मुक्का जड़ अलविदा किए।
राहुल को भी पड़ी रहती मस्ती के हाथों लेकिन वो उसके डर के मारे जल्दी से बस में चढ़ गया था।
फिर चल पड़ी बस अपनी मंजिल की ओर

बस के जाने के बाद मस्ती के चेहरे पर मायूसी छा गई। सुनिता जी उसे गले से लगा ली और बोली "क्या हुआ अब ऐसे मुंह क्यू बना रही?" 

मस्ती हताश हुए "मम्मी मैने कितना कुछ सोचा था की इन दो महीने की छुट्टी में ढेर सारा इंजॉय करेंगे लेकिन,,," 

उसकी बात काट सुनिता जी उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए माथे को चूम कर बोली "बस एक महीने की बात है बेटा फिर तो वापस लौट आना है उनको यही फिर बची हुई छुट्टियों में हम सब मिलकर ढेर सारी मस्ती करेंगे" 

मस्ती दात निपोर "ok पक्का" अपनी मम्मी की बात सुन मस्ती फिर सूरजमुखी की तरह खिल उठी थी।

सुनिता जी मुस्कुराते हुए "अब चले घर?" 

मस्ती भी मुस्कान लिए बोली "Hmm चलो" 

फिर दोनो मां बेटी हाथ थामे अपने घर की ओर चल दिए।

दो दिन बाद

"दो दिन हो गए उन्हे गए लेकिन कोई मैसेज या कॉल नही और ना मेरे कॉल मेसेज का रिप्लाई कर रहे,,आखिर  कहा मर रहे सालो? अरे कोई तो कॉल करो" झल्लाते हुए मस्ती बुझा चेहरा बनाए बेड पर लेटी इधर उधर करवट बदल रही थी।
हर करवट बदलने के साथ वो बार बार अपने फोन पर नजर मारती और कुछ न कुछ बड़बड़ाती इस उम्मीद से की कोई तो कॉन्टेक्ट करे।

"हे भगवान कुछ तो करो उनके रास्ते में क्या आसमान गिर गया या जमीन उड़ गई पता नहीं क्या हुआ होगा ? कोई तो चमत्कार दिखाओ? वरना आपके मंदिर मे आने वाले का चप्पल जूता चुरा कर भाग जाऊंगी और आप देखते रह जाओगे" वो हाथ जोड़े उपर देखते हुए गिड़गिड़ाना और धमकाना दोनों कर रही थी।

"देखो भगवान आखिरी वोर्निंग दे रही हू अगर मेरी बात नही मानी तो आपकी तिजोरी पर मेरी काली नज़र पड़ जायेगी पता है क्यू? क्युकी मैं मोटी मोटी काजल लगाती हु ही ही ही,,ये मैं क्या बोले जा रही" और खुद की बकवास पर हसने लगी। ये देख कर तो भगवान को उसपर दया आ ही गई। 

मस्ती अपना धमकाना चालू रखी थी की अचानक उसका फ़ोन घन घना उठा
और गाना बजा "तू जो रूठा तो मुक्का पड़ेगा
तू जो बदला तो लात पड़ेगा
तू चुप है तो ये डर लगता हैं
अपना मुझको कोन कहेगा
तू ही गधा तू ही ढक्कन
तेरे बिना बेकार हु मै
तेरा यार हु मै,,,,," वो इस गाने में खो सी गई थी चेहरे पर कुछ देर पहले जो टेंशन थी पल भर में गीली गीली छू और चेहरे पर दुनियां जहां की रौनक भरी सुकून लौट आई थी ये सॉन्ग मस्ती मनीष रियू तीनों के फोन में कॉल सेंटर में सेव है।

गाना जब बंद हुआ तो वो झटके से होश में आई और सर पर टपली मार उसी no पर कॉल की ओर हड़बड़ाहट और खुशी के मारे बिना देरी किए बोलती गई "हेलो हेलो मनीष ये तू है क्या,,,क्या बे ये कोई समय है फोन करने का थोड़ी और देर करता ना तो अभी मैं वहा प्रकट हो जाती,,, अरे अब बोलेगा,,गूंगा काहे बना बैठा है ? बोलता काहे नहीं ? बोल बे अबे मनीईई,,," 

तभी फोन की दुसरी तरफ से एक आदमी की निर्मल आवाज आई "शांत शांत,,, शांत हो जाओ बिटिया मुझे भी तो बोलने का मौका दो तो बोलूंगा ना" 

मस्ती लापरवाही से "आप मनीष नही फिर कौन?" 

फोन की दुसरी तरफ़ से "मैं मनीष का पापा हु" 

मनीष के पापा मणिक सर्वधान उम्र 48 खुद को कितना भी सख्त दिखा ले पर अंदर से स्वभाव इनका नर्म और भोलेपना हैं भावनाओ में जल्दी बह जाते है जिससे कोई न कोई इनका फायदा उठा लेता है।

मनीष के पापा है ये जान मस्ती हड़बड़ा उठी "ह Ooh sorry पापा जी मैं पूछ रही थी की मनीष और रियू सही से पहुंच गए ना घर,,,?" 

मणिक जी सांत्वना देते हुए "हा बिटिया पहुंच गए टेंशन नाही लो तुम" 

मस्ती ने राहत की सास ली और आगे बोली "अच्छा हुआ आपने फोन कर लिया वरना मैं तो राजस्थान जाने के सपने सजा रही थी" 

उसकी बात सुन मणिक जी की हसी छूट गई। तो वही मस्ती आगे बोली "खैर मनीष का फोन ही नही लग रहा था और इस रियू का भी फोन बंद बता रहा और किसी का no था नही इसलिए बहुत टेंशन हो रही थी वैसे मनी कहा है?" 

"वो,,वो दरअसल मनीष,," मणिक जी अचानक से झिझकने लगे जो मस्ती ने भाप लिया बोली "क्या हुआ पापा जी आप झिझक क्यू रहे कोई परेशानी है तो बोलिए ना? मै यू यू चुटकी मे सॉल्व कर दूंगी " और चुटकी की आवाज फोन में उनको सुनाने लगी।

तो उसकी हरकत पर मणिक जी ठहाके मारकर 
बोले "सब ठीक बिटिया वो,,वो मनीष किसी काम से अपने चाचा के गांव गया है और मुझे बोला था कॉल कर तुम्हे बता दू की उसका फोन खराब हो गया है रिपेयर कराने दिया है दो तीन हफ्ते लगेगा ठीक होने में" 

मस्ती शातिर दिमाग चलाते हुए पूछी "अच्छा कब से खराब हुआ?" 

मणिक जी बोले "कल से ही" 

कुछ सोच कर मस्ती नॉर्मली बोली "Hmm,,, अजीब बात है खैर मम्मी जी कैसी है उनको फोन दीजिए न "

मणिक जी बोले "खेत गई है वो तो,,शाम को बात कराऊं बिटिया तो चलेगा अभी मुझे भी काम को जाना है" 

मनीष की मम्मी मिहीना सर्वधान उम्र 47 एक ग्रहणी घर संभालने से लेकर खेत खलिहान संभालना यही इनका रोज का काम तो वही एक ममता मई मां जो अपने बेटे से बहुत प्यार करती है।

मस्ती by करते हुएं बोली  "अच्छा ठीक है पापा जी रखती हु राम राम जी की by" 

उसके by करने के तरीके से एक बार फिर मणिक जी हस पड़े और बोले "ही ही ही हा हा बिटिया राम राम जी की अपना और मम्मी का ख्याल रखना" 

फिर फोन कट हो जाने के बाद मस्ती सिरियस एक्सप्रेशन लिए खुद से बोली "कोई तो सियाप्पा हुआ है जो मुझ से छिपाया जा रहा और मुझे ऐसा क्यू लगा कॉल पर की मैंने मनी की आहट सुनी,,, मेरा वहम तो बिलकुल नहीं है मैं अच्छे से महसूस कर सकती हू लेकिन है क्या ? है क्या जो मुझसे छुपाया जा रहा?" 


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( >💜💜💜क्या है सियप्पा जो मस्ती से छुपाया जा रहा है? जानने के लिए बने रहे मेरे साथ जल्द ही हाजिर होऊंगा next ep लेकर 
by by  सोना मोना जादू टोना 😂💜💜💜