Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 42 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 42

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 42

रिसेप्शन का दिन; 

आचार्य हाउस का हॉल बहुत ही अच्छे तरीके से सजाया हुआ था। जैसे कि आज ही शादी हुई हो किरण और विपिन की! आज की रिसेप्शन पार्टी के लिए सभी बड़े लोगो को इनवाइट किया गया था, यहां तक कि साहिल और सिमरन को भी किरण ने जानबूझकर इन्विटेशन भेजा था, ताकि वो आए और किरण की लाइमलाइट से जले! पर अब तक किसी को पता नही था कि सिमरन, राजीव आचार्य की बेटी और किरण की बड़ी बहन है। और कही न कही किरण यह जानती थी कि सिमरन कभी यह सामने नही आने देगी! सभी लोग एक्साइटेड होकर अच्छे से तैयारी कर रहे थे, यहां तक कि ईशान भी! राजीव जी और सुहाना जी यह देखकर बहुत खुश थे कि चलो ईशान अब वापस से सही हो रहा है, और अपनी बहन किरण के लिए इतना कर रहा है। वो बहुत खुश थे कि उनके बच्चे इतने खुश है, और किरण की खुशी के तो ठिकाने नही थे, वो कबसे एक्साइटेड थी, इस दिन के लिए! और आज वही दिन था, एक अलग सी फीलिंग आ रही थी उसे, क्योंकि पिछली बार तो उसका ध्यान प्लानिंग पर था। पर इस बार ऐसा कुछ नही है तो वो बहुत खुश थी। और विपिन को याद करके, बार बार खुद ही मुस्कुराकर शरमा रही थी। 

इधर मीडिया वाले सुबह से आचार्य मेंशन के बाहर खड़े थे, और पल पल की खबर सभी तक पहुंचा रहे थे। आखिर किरण भी कभी फेमस सिंगर थी, वो अलग बात है कि उसे यह पॉपुलैरिटी सिमरन की वजह से ही मिली थी। 

इधर साहिल के घर में सिमरन और तानिया बैठकर टीवी पर आचार्य हाउस की खबर देख रहे थे। 

तानिया - उन्हे क्या लगता है कि ऐसा करके वो लोगो में फेमस हो पाएंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है। हमे तो बस आज शाम का इंतजार है। 

सिमरन - हां दीदी, अब वक्त आ गया है कि उन्हे भी पता चले कि जब दिल टूटता है, तो उसका दर्द क्या होता है? यह कहते हुए सिमरन की आंखें नम हो जाती है। उसकी आंखों में अब तक वो दर्द दिखाई देता है, जिसे वो सभी से छुपाने की कोशिश करती है।

तभी साहिल पीछे से आता है और सिमरन के कंधे पर हाथ रखकर बोलता है कि;

साहिल - तुम बस हिम्मत रखना सिमरन, और सच का सामना करना! हम सभी तुम्हारे साथ है हर पल! 

सिमरन - हां साहिल, मैं जानती हूं कि आप सभी मेरा साथ कभी नही छोड़ोगे, और साहिल के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख देती है। तानिया ये देखकर मुस्कुरा देती है। 

तानिया - चलो चलो, अब शाम को फंक्शन में जाने की तैयारी भी तो करनी है, आखिर हमे भी इनवाइट किया गया है, रिसेप्शन पार्टी में! तानिया ने आंख मारते हुए कहा तो साहिल और सिमरन भी मुस्कुरा दिए। उसके बाद साहिल और सिमरन ऊपर चल जाते है और तानिया अपना फोन उठाकर ईशान को फोन लगाती है। 

तानिया - ईशान, हम शाम को वहां पर आ जायेंगे, और हमारे थोड़ी देर बाद साहिल और सिमरन आयेंगे! 

ईशान - आप चिंता मत करिए, और यहां आ जाइए। यहां मैं सब संभाल लूंगा। यहां पर दीदी बिल्कुल safe रहेगी, और कोई उनका कुछ भी नही बिगाड़ पाएगा! अच्छा, मैं अभी रखता हूं, घर पर अगर किसी ने मुझे आपसे बात करते हुए सुन लिया तो उन्हे पता चल जायेगा कि हम कोई प्लान कर रहे है।ओके बाय, मै रखता हुं अभी, यह बोलकर ईशान फोन रखने ही वाला होता है तभी तानिया बोलती है कि;

तानिया -  सुनो ईशान, दो मिनट!

ईशान - हां बोलिए तानिया जी।

तानिया - तुम ठीक तो हो ना, क्योंकि कबसे उन्ही लोगो के बीच में रहना, जो तुम्हे बिल्कुल पसंद नही है। तो बस मेंटली ठीक रहना। हम बस यह चाहते है कि तुम बस ठीक हो, और ज्यादा load ना लो!

ईशान समझ गया था कि तानिया को उसकी फिक्र हो रही है, और उसे बहुत अच्छा लगता है कि तानिया ने इस तरह से उसकी परवाह की। उसके चेहरे पर जो शिकन थी, वो तानिया की बात सुनकर मुस्कुराहट में बदल जाती है। 

ईशान - आय हाय, अगर ऐसे परवाह करते रहोगे मेरी, तो मेरा प्यार और भी बढ़ता जायेगा आपके लिए! ईशान ने तानिया को छेड़ने के लिए बोला।

तनिया - ईशान, कोई बकवास नही, और यह कहकर तानिया फोन रख देती है। और ईशान की बात सुनकर उसकी बढ़ती हुई धड़कनों को, फिर से धीरे करने की कोशिश करती है। और ईशान मुस्कुराकर फिर से अपने काम में लग जाता है। 

इधर साहिल अपने कमरे में आया हुआ होता है, तभी उसके रूम का दरवाजा बजता है। 

साहिल - सिमरन, तुम! आओ ना, बैठो! क्या हुआ, ऐसे उदास क्यों हो? साहिल ने सिमरन के चेहरे की उदासी भांपते हुए पूछा।

सिमरन - एक्चुअली साहिल, मुझे तुमसे बात करनी है। अगर आज कुछ ऐसा हुआ, जिससे तुम्हारी फैमिली और उसके नाम को कोई नुकसान हुआ तो? क्योंकि मेरी वजह से पक्का ऐसा कुछ होगा, ऐसा लग रहा है मुझे! 

साहिल - तुम ना पागल हो सिमरन, जो होने वाला ही नही है, उसके बारे में इतना भी क्या सोचना। फिर साहिल, सिमरन के पास आया और उसका हाथ पकड़कर बोला कि और एक बात का हमेशा ध्यान रखना सिमरन, मेरे लिए तुमसे बढ़कर कोई नही है, मेरा खुद का नाम भी नही! 

साहिल के ऐसा बोलते ही सिमरन उसकी तरफ देखने लगती है। उसे साहिल को देखते ही लग गया था कि वो बहुत सीरियस होकर यह बात कह रहा है। सिमरन को साहिल को देखते ही हिम्मत आ जाती है, और वो बोलती है कि;

सिमरन - पर मैं तुम्हारे नाम पर कभी कोई आंच नही आने दूंगी साहिल! अब किसी अच्छे के साथ बुरा नही होगा, बल्कि बुरे लोगो के साथ बुरा होगा! 

साहिल - यह करी न बात तुमने, साहिल मेहता की पत्नी वाली! ऐसे ही हिम्मत रखना सिमरन, हम सभी तुम्हारे साथ है। 

साहिल की पत्नी वाली बात पर सिमरन थोड़ा सा शरमा जाती है, फिर बोलती है कि;

सिमरन - बस बस, तुम भी ना साहिल! चलो, मैं जाती हुं तैयार होने शाम के लिए! और सिमरन जैसे ही वापस पीछे मुड़ती है तो साहिल पीछे से उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खीच लेता है, और उसकी कमर पर अपना हाथ रखते हुए पूछता है कि;

साहिल - क्या हुआ, शरमा गई थी तुम? साहिल ने अपना एक हाथ उसके चेहरे पर धीरे से घुमाते हुए बोला।

सिमरन (हकलाते हुए )- नही तो, और वैसे भी मैं क्यों शर्माऊंगी? वो तो मैं बस................. सिमरन अपनी बात भी पूरी नही करती है, उस पहले ही साहिल उसके होठ पर अपने होठ रख देता है। साहिल के छुने का एहसास पाते ही सिमरन अपनी आंखें बंद कर लेती है और उसका एक हाथ अपने आप, साहिल के बालो में चला जाता है, और वो धीरे धीरे उसके बालो को सहलाने लगती है। और वो दोनो थोड़ी देर ऐसे ही एक दूसरे के एहसास को अपने अंदर लेने लगते है। उसके बाद साहिल अपने आप को पीछे ले लेता है, और बोलता है कि;

सिमरन - मेरा यह एहसास हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा सिमरन, चाहें उस वक्त मैं तुम्हारे पास खड़ा हुं या नही, पर तुम्हारा एक एक शब्द, अब मेरा बोला हुआ होगा। 

सिमरन बस साहिल को देखे जाती है और उसे गले लगा लेती है। 

सिमरन - थैंक यू साहिल, मेरा इतना साथ देने के लिए! साहिल मन में सोचता है कि जल्दी ही तुम अपने दिल की बात भी मुझे जरूर बताओगी सिमरन! 

साहिल - चलो, अब जाओ और जल्दी तैयार हो जाओ! फिर हम निकलना भी है। उसके बाद सिमरन अपने कमरे की और चली जाती है। साहिल, सिमरन को जाते हुए देख रहा होता है और मन में सोचता है कि तुम चाहें कुछ भी कहो सिमरन, लेकिन मैं तुम्हे अपनी पत्नी मानता हुं, और अपनी पत्नी की खुशियों को, मैं किसी को भी नुकसान नही पहुंचाने दूंगा! 

क्रमश :