Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 51 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 51

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 51

ईशान तभी तानिया की तरफ देखता है तो तानिया उसे आंखों से बोल देती है कि सिमरन को बता दो! फिर ईशान बोलता है कि;

ईशान - दीदी, मैं आपको बताने ही वाला था, आप इधर बैठिए, और मेरी बात सुनिए पहले! फिर ईशान, सिमरन को सब कुछ बता देता है कि कैसे उसे तानिया के लिए अलग फीलिंग आई और वो और तानिया चाहकर भी खुद को एक दूसरे से अलग नही रख पाए है! सिमरन यह सुनकर मन में बहुत खुश होती है और बोलती है कि;

सिमरन - पागल, एक बार मुझे बताया होता, ऐसे खुद ही मन ही मन में घुटता रहा! तुम्हे इतना सोचने की जरूरत नही है, मैं तो तुम्हारे और तानिया दीदी के लिए बहुत खुश हुं! 

तानिया - सिमरन, कही हम गलत तो नही है ना ? 

सिमरन - नही दीदी, आप दोनो बिल्कुल गलत नही हो, मैं आज ही साहिल से बात करूंगी! तभी तानिया बोलती है कि;

तानिया - नही सिमरन, भाई से हम बात करेंगे, तो सही रहेगा! हम आज ही भाई को सब बता देंगे! 

ईशान - वो जरूर मान जायेंगे, तानिया! 

सिमरन - हां बिल्कुल, और फिर मम्मी पापा को भी बताना है, ताकि जल्दी ही शादी की शहनाई बजे अपने घर में! और फिर तानिया और ईशान के गले लग जाती है। 

तानिया और ईशान मन में बहुत खुश होते है कि सिमरन ने उन्हें समझा! बस ऐसे ही घरवाले भी समझ जाए! 

इधर किरण फिर से अपने घर में आ जाती है और अपने कमरे में जाकर किसी को फोन करती है, और बोलती है कि;

किरण - मुझे तुम्हारा ऑफर मंजूर है। 

सामने फोन से - तो अब बस देखती जाओ कि मैं उसे कैसे सड़क पर लाता हुं! बर्बाद कर दूंगा उसे! 

किरण - मैं जानती हुं कि तुम भी उसे पूरी तरह से बर्बाद करना चाहते हो, मैं तुम्हे सपोर्ट करूंगी और विपिन की सारी इंफॉर्मेशन दूंगी! तुम जानते हो कि तुम्हारे हाथों में पावर है कि चुटकी में उसे जमीन पर ला फेंको! आज शाम को मुझे मिलना, मैं तुम्हे उसकी कंपनी की सारी डिटेल्स दूंगी! 

सामने फोन से - हां और फिर फोन कट हो जाता है। 

इधर सिमरन फिर अपने लिए तानिया के बुटीक से ड्रेस सिलेक्ट करके घर जाने वाली होती है तो ईशान उसे अपने साथ चलने को बोलता है। उसके बाद सिमरन और ईशान दोनो तानिया को  बाय बोलकर बुटीक से चले जाते है। तानिया आज खुश थी कि उसकी लाइफ में इतने अच्छे लोगो ने दस्तक दी, अब वो ईशान को अपनी लाइफ से कही नही जाने देना चाहती थी। उसने सोच लिया था कि आज ही वो साहिल को सह कुछ बता देगी अपने और ईशान के बारे में!  और वो अपने बुटीक से सीधा साहिल की कंपनी के लिए निकल जाती है। इधर ईशान, सिमरन से बोलता है कि;

ईशान - दीदी, सब मान तो जायेंगे ना मेरी और तानिया के रिलेशन के लिए! मैं सच में शादी करके उनसे साथ जिंदगी भर रहना चाहता हुं। 

सिमरन - ईशान, तुम इतना मत सोचो और अपनी दीदी पर भरोसा रखो, मैं तुम्हारी खुशियों में कोई रुकावट नहीं आने दूंगी! तानिया दीदी और तुम्हे मिलवाकर ही रहूंगी! फिर वो दोनो बाइक पर बैठकर चले जाते है। 

इधर तानिया साहिल के ऑफिस पहुंच जाती हैं और उसे सब कुछ बता देती है। पहले तो साहिल दो मिनट सोचता है,फिर बोलता है कि;

साहिल - दीदी, आपकी खुशियां जिसमे है, मैं भी उसी में खुश हुं। मैं आज ही मम्मी पापा से इस बारे में बात करूंगा! 

तानिया फिर साहिल के गले लग जाती है और बोलती हैं कि; 

तानिया - थैंक्यू भाई, तुमने हमे समझा! फिर थोड़ी देर तानिया वही रुकती है और उसके बाद वहां से चली जाती है। 

साहिल सोचता है कि उसे आज ही अपने पैरेंट्स से बात कर लेनी चाहिए, जिससे कि उन्हें बाद में किसी और से यह बात पता न चले! और वो उसी समय तानिया के पीछे ही घर के लिए निकल जाता है, तभी उसे याद आता है कि उसे तो किसी से मिलने जाता है तो वो गाड़ी मोड़ देता है और पहले वो काम निपटाने का सोच लेता है। और एक सुनसान सड़क पर जाकर वो देखता है कि वहां पर एक लड़की खड़ी हुई है, जो पीठ की तरफ से उसे दिखाई दे रही थी। तभी वो अपना फोन उठाकर किसी को फोन करता है और बोलता है कि;  सीधा मेरी गाड़ी में आकर बैठ जाओ! जैसे ही वो लड़की मुड़ती है तो साहिल उसे देखकर कन्फर्म कर लेता है कि वो किरण ही है। 

(किरण उस समय फोन पर साहिल से ही बात कर रही होती है, क्योंकि साहिल ही है, जो उसकी मदद कर सकता था विपिन को बर्बाद करने में!) 

किरण - यह लो, इस फाइल में विपिन की कंपनी की सारी डिटेल्स है। इससे तुम्हे और भी मदद मिलेगी। अब मैं चलती हुं।

साहिल - थैंक्स किरण, तुमने शायद लाइफ में पहली बार कोई अच्छा काम किया है। 

किरण - मैं खुद के लिए ही अच्छा करती हुं, साहिल! और विपिन का गुरुर मैं तोड़ना चाहती हुं। 

साहिल - एक बात पूछ सकता हूं तुमसे? 

किरण - एक का मतलब सिर्फ एक!

साहिल - तुमने सिमरन को आज तक अपनी बहन क्यों नही माना? क्या तुम्हे उस पर कभी प्यार नही आया? 

किरण - बहन क्यों नही माना , इसका कारण तुम भी जानते हो! क्योंकि वो मेरी बहन है ही नही! कल उस पर पहली बार प्यार आया था, जब उसने मेरी आंखें खोली! किरण अपने चेहरे पर बिना कोई भाव लाए बोले जा रही थी। 

साहिल - तो फिर तुम उससे जाकर माफी क्यों नही मांगती? क्या पता कि अब वो तुम्हे माफ कर दे! साहिल ने कुछ चेक करने के इरादे से बोला! 

किरण - एक सवाल का जवाब हो गया, और वो गाड़ी से बाहर निकल जाती है। साहिल उसे पीछे से जाते हुए देखता है और फिर खुद भी गाड़ी लेकर निकल जाता है। फिर वो सीधा घर पहुंचकर सबसे पहले रूम में जाकर फ्रेश अप हो जाता है, जिससे कि वो डिनर टाइम में पहुंच सके! उसके बाद उसे उसके मम्मी पापा से बात भी करनी है, तानिया दीदी के बारे में!साहिल यही सब सोच रहा होता है, तभी सिमरन आकर उसे कंधे से हिलाती है और बोलती है कि;

सिमरन - साहिल, कहां खोए हुए हो तुम? मैं कबसे तुम्हे आवाज लगा रही हुं। 

साहिल - सच कहूं तो मैं तानिया दीदी के बारे में सोच रहा था। बहुत सालो बाद उनकी जिंदगी में फिर से प्यार ने दस्तक दी है,कही मैं नाकामयाब ना हो जाऊं अपना वादा निभाने में! 

सिमरन - ऐसा मत सोचो साहिल, सब अच्छा ही होगा! मम्मी पापा भी तानिया दीदी की खुशी ही चाहते है। और देखना, मेरा भाई उन्हे बहुत पसंद आएगा! 

साहिल - तुम जानती हो सिमरन कि प्रॉब्लम वो नही है! मम्मी पापा को उनकी उम्र से जरूर ऐतराज होगा! 

सिमरन - तुम चिंता मत करो साहिल! मुझे तुम पर पूरा भरोसा है, तुम उन्हे मना ही लोगे! सिमरन ने साहिल के गले में अपनी बाहें डालते हुए कहा।

साहिल - और आप हमे अपनी अदाओं से मार ही डालोगे मौतरमा! साहिल ने आंख मारते हुए कहा। 

सिमरन - अच्छा जी! तो फिर मैं दूर हट जाती हुं। और सिमरन अपने हाथ हटाने वाली होती है, तभी साहिल उसे कमर से पकड़ लेता है और बोलता है कि;

साहिल - नही, थोड़ी देर ऐसे ही रहो ना! तुम्हारा एहसास अच्छा लग रहा है! और साहिल उसे गले लगा लेता है, फिर बोलता है कि तुम्हे पता है सिमरन, जब तुम पास होती हो तो लगता है कि सब कुछ अच्छा है, कोई तकलीफ नही है।  और वो सिमरन को कसकर गले लगा लेता है। सिमरन यह सब सुनकर साहिल के कंधे पर अपना सिर रख देती है और दोनो थोड़ी देर ऐसे ही रहते है। 

सिमरन - साहिल, एक बात कहूं? 

साहिल - हां कहो! 

सिमरन - अगर हम ऐसे ही रहे तो सुबह हो जायेगी, फिर तानिया दीदी के बारे में बात कब करेंगे! और फिर साहिल से अलग हो जाती है, और हंसती है।

साहिल - सिमरन, तुम भी ना, बाज नही आओगी! तुम चलो, मैं आता हूं!

खाना खाने के बाद मेहता हाउस में सभी हॉल में बैठे हुए होते है और बातें कर रहे होते है। गोपाल जी और वेदना जी काफी समय बाद यहां आए थे, तो वेदना जी तो सिमरन को साहिल के बचपन के किस्से सुना रही थी, जिसे सुनकर सभी हंसे जा रहे थे। तानिया और साहिल भी एक दूसरे के बचपन के राज खोले जा रहे थे। तभी साहिल बातों हो बातों में तानिया की शादी की बात ले आता है। 

साहिल - पापा, आपको नही लगता कि तानिया दीदी को अब शादी के बारे में सोचना चाहिए! 

गोपाल जी - अब मैं क्या ही कहूं इसे बेटा, इतने लड़के दिखाए, लेकिन हर बार मना कर देती है। तभी वेदना जी बोलती है कि;

वेदना जी - पता नही कोई पसंद क्यों नही आता है इसे?

साहिल - मम्मी, आपकी यह टेंशन अब दूर हो गई है, तानिया दीदी को एक लड़का पसंद है।

वेदना जी - क्या? कब पसंद आया? कौन है वो? अच्छा तो है न? तानिया के काबिल तो है न? एक साथ वेदना जी ने सवालों की बौछार लगा दी! सिमरन बस चुप चाप सुने जा रही थी। उसे पता था कि यहां पर जब उसकी जरूरत होगी, उसे तभी बोलना है। 

गोपाल जी - तानिया, क्या साहिल जो कह रहा है, वो सब सच है? तुम्हे कोई लड़का पसंद है? 

तानिया - हां पापा! हम उससे बहुत प्यार करते है! वो बहुत अच्छा लड़का है, और हमारे लिए परफेक्ट है। 

गोपाल जी - नाम क्या है उसका? क्या मैं उससे पहले मिल चुका हूं? 

साहिल - ईशान! 

वेदना जी - एक मिनट, शायद सिमरन के भाई का नाम भी ईशान ही है ना!

गोपाल जी - आप भी ना वेदना जी, एक नाम के दो शख्स नही हो सकते है क्या! तुम अपने ईशान के बारे में बताओ तानिया! 

तानिया - यह वही ईशान है पापा, जिससे हम प्यार करते है, और शादी करना चाहते है।

तभी गोपाल जी और वेदना जी दोनो अपनी जगह से खड़े हो जाते है। 

क्रमश :