Mafiya Boss - 2 in Hindi Love Stories by PAYAL PARDHI books and stories PDF | Mafiya Boss - 2

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Mafiya Boss - 2


(मन्नत !  छोटा सा था पर बहुत ही सुंदर था, आसपास पेड़- पौधे बहुत सारे लगे हुए थे, बहुत सारी फूल लगी थी कुछ-कुछ जगह फव्वारे लगे हुए थे।और पेड़ों पर बहुत सारे फल भी लगे हुए थे। मन्नत में एक छोटा सा गार्डन भी था जो बहुत ही सुंदर था चारों तरफ क्यारिया  ही क्यारियां लगी हुई थी। गार्डन में बच्चों के खेलने के लिए बहुत सारे झूले थे ताकि बच्चे वहां पर खेल सके और मस्ती कर सके ,मन्नत में बच्चों के लिए रहने के लिए रूम और उनके लिए विद्यालय तथा उनके खेलने के लिए अलग रूम और बरामदा था।) बड़ा हाँल, जहां पर बच्चे सुबह और शाम की प्रार्थना करते हैं और वहां  बच्चों की सभा लगाई जाती है ,जहां पर बच्चे बाल सभा का आयोजन करते हैं।

बच्चों की देखभाल करने के लिए  वहां पर केअर स्टाफ होती है ,तथा वो दिल से वहां काम करना पसंद करते है, मन्नत को चलाने के लिए बहुत सारे दयालु लोगों ने समर्थन किया है, तथा वे समय-समय पर मन्नत के लिए डोनेशन इक्ट्ठा करते रहते हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई और उनकी परवरिश में कोई भी रुकावट ना आए।)मन्नत तो छोटा है ,पर वहां पर रहने वाले लोग काफी अच्छे हैं वहां खासकर वहां के बच्चे ,जो एक दूसरे को अपना  मानते हैं, बाकी बच्चों की तरह वहां लड़ाई नहीं करते। क्योंकि  वहां पर बच्चों को ऐसी परवरिश दी जाती है ताकि बच्चे आपस में मिलजुल कर रहे ,और सबको अपना मान कर रहे, वहां की अनाथ बच्चों को उनकी माता- पिता की याद ना आए इसलिए मन्नत में रहने वाला हर एक सख्त उन बच्चों को  अपने बच्चों की तरह परवरिश प्यार  करता हैं और उनकी देखभाल करता हैं ।) इस समय मन्नत में रहने वाले जितने बच्चे होते हैं वह सब गार्डन में खेल रहे होते हैं।जैसे ही वे लोग नेहा और रेशमा को आते देखते हैं सभी लोग उसके पास दौड़कर आ जाते हैं ,और उन्हें गले लगाकर चारों ओर से घेर लेते   हैं।)नेहा दी! नेहा दी! (चिल्लाते हुए नेहा रेशम की चारों ओर उछलने कूदने लगते हैं)

"आप आ गई, हमने आपको बहुत मिस किया ,आप हमारे लिए चॉकलेट तो लाई है ना ,आपने वादा किया था कि आप बहुत सारे चॉकलेट लाओ गे। 

नेहा-   पिछली बार हां मैंने वादा किया था 😌 और मैंने अपने वादे के मुताबिक तुम सब के लिए बहुत सारे चॉकलेट लायी  हूं। 

(नेहा अपना बैग निकालती है, बैग में बहुत सारे चॉकलेट होते हैं नेहा उन सबको एक-एक चॉकलेट देती है )

नेहा- लेकिन चॉकलेट तो मैं दे दूंगी लेकिन मेरा गिफ्ट कौन देगा!

हमें पता है दी !आप चॉकलेट तो दो,(ऐसा ही नेहा सबको एक-एक चॉकलेट देती है और वह बच्चे भी 1-1 करके नेहा के गाल पर किस करते जाते हैं,)रेशमा दी! !आप हमारे लिए क्या लायी हैं  इस बार,

 रेशमा- मैं आप लोगों के लिए मैं  मिठाइयां लाई हूं, यह लो एक-एक करके आओ।

( रेशमा भी सबको एक-एक मिठाई देने लगती है सब बच्चे भी एक-एक करके रेशमा  की  गालों पर किस करते  हैं।)

(इतने में वहां मन्नत की हेड आ जाती है, नेहा और रेशमा  गीता मां! कहकर वह जाती है और अपनी गीता मां को गले लगा लेती है।) गीता माँ- कैसे हो मेरे बच्चों ठीक तो हो ना ,तुम लोगों को कोई परेशानी तो नहीं होती है ना वहां पर,

नहीं गीता मां !हमें वहां पर कोई परेशानी नहीं होती,

(इतने में वहां पर अन्य लड़कियां  और लड़के  आ जाते हैं जो अपना समय मन्नत पर गुजारे थे, वह सब भी हर संडे मन्नत में बच्चों के देखभाल और दोस्तों  से मिलने के लिए  आते हैं।) गीता माँ-   मैं तुम लोगों  को बहुत मिस करती हूं ,हफ्ते में एक बार मेरी मन्नत में खुशियां आती है ।तुम लोगों को देखकर मुझे बहुत ही प्राउड फील होता है तुम लोग ऐसे ही तरक्की करते रहो और अपने जीवन को और बेहतर बनाओ। गीता मां के  बातो को सुनकर सारे लड़के और लड़कियां उनको चारों तरफ से गले लगा लेती है, और सबके आंखों में नमी होती है।)

 गीता माँ- मुझे माफ कर देना बच्चों , मैं आप लोगों को हमेशा के लिए यहां पर नहीं रख सकती। यह इस अनाथाश्रम  का नियम है और इसे मैं तोड़ नहीं सकती।

(ये कहकर गीत माँ रोने लगती है, तभी नेहा आती है और उसके आंखों से आंसू पोछ  कर कहती है ।) नेहा- नहीं गीता मां !!आप रो क्यों रही है ? ये तो हमारी भलाई के लिए होती है ,ताकि हम  इस दुनिया में अपने लिए कुछ करें ,हमें खुद अपने बल पर कुछ कर दिखाने के लिए, यह हमारे लिए एक अवसर होता है तो आपको बुरा महसूस करने की कोई जरूरत नहीं है। देख लेना , इस मन्नत में जितने भी बच्चे बड़े होकर निकले हैं वह सब कुछ ना कुछ जरूर करेंगे और अपने दम पर करेंगे और आप चिंता मत कीजिए हम में से कोई भी गलत राह पर नहीं जाएंगे ।क्योंकि इस मन्नत में हमने जितना भी सीखा है और आपने हमारा जिस तरह से परवरिश किया है  हम में से कोई भी गलत राह पर नहीं चलेगा और हम अपने बलबूते पर जरूर कुछ करेंगे ।

रेशमा- गीता मां!! आपको पता है ,मैं हर संडे इस दिन का इंतजार करती हूं कि मैं आपके हाथों का खाना कब खाऊं, तो चलिए ना मुझे जोर से भूख लगी है।

 गीता माँ- रेशमा! तुम अभी भी नहीं बदली ,तुम अभी वैसे ही बातें करती हो, अब तो बड़ी हो जाऔ !

 रेशमा- बात अगर आपके हाथों के खाने की हो , तो मुझे बड़े नहीं होना ,मैं तो छोटी ही  रहूं, मैं तो ऐसे ही ठीक हूं ।

(सब रेशमा की बातों पर हंसने लगते हैं ।फिर सारे बच्चे और  नेहा और रेशमा और गीता माँ  सब खाना खाने के लिए हाँल पर चलते हैं ।खाना खाने के बाद सब बहुत इंजॉय करते हैं बच्चों के साथ खेलते हैं।) सारे खेल ही रहे होते हैं कि तभी बहुत सारी काली कारे मन्नत के सामने पर आकर रूकती है और वहां से कुछ लोग बाहर निकलते हैं जिन्होंने काले कपड़े, और काले चश्मे पहने होते हैं, उनमें से सबसे आगे कार में से एक आदमी बाहर निकलता है जिसका फेस बहुत ही गुस्सेदार होता है और दिखने में भी खतरनाक होता है ।इतने सारे लोग और इतने सारे काले कार को देखकर सारे बच्चे डर जाते हैं और नेहा रेशमा और गीता मां के पास चले जाते हैं और उन्हें चारों तरफ से घेेर लेते हैं।

 गीता माँ- सुनीता!! सुशीला !तुम सारे बच्चों को लेकर कमरे के अंदर में जाओ और उनहे वहां पर खेलने के लिए कहो,

(गीता मां के इतने कहने पर सारे बच्चे कमरे के अंदर चले जाते हैं।अब बस वहां पर कुछ लड़के लड़कियां और नेहा रेशमा और गीता मा थी ,इतने में वहां से एक आदमी गीता मां के पास आता है और कहता है।) 

"तुम लोगों को मैंने कितनी बार समझाया है कि  ये अनाथालय मेरी जमीन पर बना है ,इसलिए तुम यह अनाथालय छोड़ दो लेकिन तुम लोग नहीं मानते।" 

 गीता माँ- और मैंने भी तुम्हें कितनी बार कहा है कि यह जगह तुम्हारे बाप की नहीं है ,जिसे तुम हमेशा खाली करवाने के लिए आ जाते हो। तुम्हें कितनी बार कहा है कि यह जगह हमारा है इन बच्चों का है, तुम लोग कितनी भी कोशिश कर लो लेकिन मैं तो यह अनाथालय टुटने नही दुंगी। 

" और मैं तोड़ कर   रहूंगा,😠 क्योंकि यहां पर मुझे एक फाइव स्टार रेस्टोरेंट जो बनाना है बातचीत एक जमीन की नहीं है बात मेरे एक की है इतने सालों से मैं किसी का इतना बेसब्री से इंतजार नहीं किया जितना मैं इस मन्नत को तोड़ने के लिए किया है न जाने क्या-क्या नहीं किया मैंने इसे तोड़ने के लिए ,तो तुम लोगो  लिए यही अच्छा होगा कि तुम लोग यहां से खुद चले जाओ और अपने इन बच्चों को लेकर कहीं सड़क पर जाकर मांगो, मैं तुम लोगों के लिए इतना ही कर देता हूं कि इन सारे बच्चों के लिए एक-एक कटोरा दे देता हूं ,और यह सारे बच्चे मांग कर लेंगे तो तुम इसे अच्छा खासा  कामाई कर सकती हो और तुम्हारा अनाथालय भी अच्छा चलेगा ।

(वह आदमी इतना ही बोला होता है कि नेहा जाती है और उसे ज़ोर से थप्पड़ लगा देती है।) नेहा- पहली बात तो यह ,कि यह कोई

अनाथालय नहीं है, यह हमारा मन्नत है ,और यह जगह भी हमारी है ।भूल गए  हो, तो तुम्हें मैं याद दिलाता हूं यह जगह मेरे पूर्वजों की है, मेरे मम्मी पापा की है तो इसमें तुम्हारा कोई हक नहीं बनता और तुम्हारे   लिए मैं बता दूं कि यह जितनी भी जगह है वह अब     भी मेरे नाम पर है।(हां दोस्तों !आपने सही पढ़ा, यह सारी, जमीन  बस नेहा के नाम पर है और वह क्यों है, वह मैं आगे  आपको बताऊंगी !) आदमी- इसलिए तुम इतने सालों तक जिंदा हो, वरना तुम्हें कब का मैं ऊपर पहुंचा देता ,उस जगह जहां पर तुम्हारी मम्मी पापा गए हैं ,मैं तो तुम्हारा बस 27 वर्ष का होने का इंतजार कर रहा हूं उसके बाद तुम्हें ,तुम्हें वही पहुंचा दूंगा जहां पर तुम्हारी मम्मी पापा गए हैं।नेहा- अगर मैं मर भी गई ना, तो भी मैं इस जमीन का एक टुकड़ा तुम्हारा नाम पर नहीं करूंगी ।यह हमेशा के लिए मन्नत का था और मन्नत का रहेगा। आदमी- मैं चाहूं तो अभी के अभी इस पूरे अनाथालय को तोड़ सकता हूं और तुम सबको भी एक ही बार में ऊपर पहुंचा सकता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा। क्योंकि मैं भी तो एक इंसान हूं ना ,इन छोटे  अनाथ बच्चों को मार कर मुझे क्या हासिल होगा इसलिए अब तक में इन लोगों को कुछ नहीं कर रहा हूं।"तुम्हें शर्म नहीं आती तुम ,मासुम बच्चों को मारने के लिए कह रहे हो और अभी इंसानियत की बात कर रहे हो, अरे कैसे इंसान हो ,जो तुम्हें  छोटे बच्चों पर भी दया नहीं आती, गीता माँ- जाने दो बच्चों ,यह लोग नहीं समझेंगे क्योंकि इन लोगों का इंसानियत खत्म हो चुकी है ,यह लोग बस एक छोटी सी जमीन के टुकड़े के लिए मर रहे हैं ,उनके लिए बस यही छोटा सा टुकड़ा है, देख लेना जब यह लोग मरेंगे ना तो एक छोटा सा टुकड़ा भी नसीब नहीं होगा तो ऐसे लोगों के मुंह नहीं लगाना चाहिए।आदमी- आज तुम दोनों लड़कियों ने मुझे थप्पड़ मारा ना, मैं तो इसका जवाब तुम्हें देकर ही रहूंगा लेकिन अभी नहीं सही समय आने पर ,तुम लोगों को जरूर पछतावा होगा इस थप्पड़ का बदला तो मैं लेकर ही रहूंगा । और रही बात इस अनाथालय की, तो कुछ भी कर लो  मेरा ही रहेगा।(यह कहकर वह आदमी अपने कार में बैठता है और अपने सारे आदमियों को कार में बैठने  को कहता है और वहां से निकल जाते हैं।)

जहां पर मन्नत अनाथालय खड़ा है उसके आसपास इतने रईस और अमीर लोग रहते हैं क्यों आसपास बहुत बड़ी-बड़ी बिल्डिंग है और यहां तक की उन बिल्डिंगों के बीच में बहुत बड़े-बड़े मॉल रेस्टोरेंट भी खड़े हुए हैं ,और इसी वजह से वह आदमी इस जमीन को लेना चाहता है। लेकिन मन्नत की सारी प्रॉपर्टी नेहा के नाम पर है- फिर ऐसे कैसे हो सकते हैं एक प्रॉपर्टी एक लड़की के नाम पर ?जानने के लिए पढ़ते रहिए "माफिया बॉस"