ज्ञान ज्योति का उदय ( सरस्वती माता की कहानी ) in Hindi Motivational Stories by Raju kumar Chaudhary books and stories PDF | ज्ञान ज्योति का उदय ( सरस्वती माता की कहानी )

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ज्ञान ज्योति का उदय ( सरस्वती माता की कहानी )

🌼 सरस्वती माता की पवित्र और प्रेरणादायक कहानी

ज्ञान की जोती जलादे माँ ॥ सरस्वती पुजा 

एक समय की बात है…
जब यह सृष्टि नई–नई बनी थी, चारों ओर सिर्फ़ अंधकार और शून्यता थी। सब कुछ था, पर फिर भी कुछ भी नहीं था — न संगीत, न ज्ञान, न कला, न शब्द। दुनिया बिल्कुल मौन थी।

⭐ ज्ञान का जन्म

तभी भगवान ब्रह्मा ने सोचा —
“सृष्टि तो बना दी, पर इसे जानने–समझने वाला कोई नहीं है। इसे सुंदर बनाने के लिए बुद्धि और कला का प्रकाश चाहिए।”

यह सोचकर उन्होंने अपने कमण्डल से पवित्र जल छिड़का। उसी प्रकाश से एक दिव्य रूप प्रकट हुआ।

वह थीं —

🎵 माता सरस्वती – ज्ञान, संगीत और बुद्धि की देवी

उनके हाथ में वीणा थी, जो संगीत का प्रतीक है।
एक हाथ में वेद की पुस्तक थी — जो ज्ञान का स्वरूप है।
एक हाथ में कमल था — जो पवित्रता का प्रतीक है।
और एक हाथ में वरद मुद्रा — जो कृपा और आशीर्वाद देती है।

उनके प्रकट होते ही दुनिया बदलने लगी।
जहाँ मौन था, वहाँ मधुर ध्वनि फैल गई।
जहाँ अंधकार था, वहाँ ज्ञान का प्रकाश फैल गया।

पवन बहा…
जल में लहरें उठी…
सृष्टि में संगीत भर गया।

⭐ पहला संगीत

कहा जाता है कि जब माता ने पहली बार अपनी वीणा छेड़ी तो
— पंछियों को चहचहाना सीख मिला,
— नदियों को कलकल बहना,
— मनुष्य को बोलना और भाषा सीखने की शक्ति मिली।

दुनिया को पहली बार “शब्द” मिला।
उसी दिन से ज्ञान, कला, शिक्षा, विद्या की शुरुआत हुई।

⭐ ब्रह्मा जी का आभार

ब्रह्मा जी ने उन्हें प्रणाम किया और कहा—
“हे देवी, तुमने मेरी बनाई सृष्टि को पूर्ण कर दिया। अब यह सिर्फ़ शरीर नहीं रहेगी, यह विचारों और बुद्धि वाली दुनिया बनेगी।”

उस दिन से सरस्वती माता को “वीणा वादिनी”, “वाक् देवी”, “विद्या की देवी” कहा जाने लगा।

⭐ मानव को वरदान

माता ने मनुष्यों को यह वरदान दिया—
“जो सच्चे मन से ज्ञान चाहता है, कला सीखना चाहता है, सत्य को समझना चाहता है — मैं उसके भीतर प्रकाश भर दूँगी।”

इसलिए विद्यार्थी हर काम की शुरुआत उनसे आशीर्वाद लेकर करते हैं।
कलाकार, संगीतकार, लेखक—सब सरस्वती माता को अपना गुरु मानते हैं।

⭐ वसंत पंचमी

जिस दिन वे प्रकट हुई थीं, वही दिन वसंत पंचमी कहलाया।
इस दिन पीला रंग, संगीत, पढ़ाई और पूजा विशेष रूप से की जाती है।
क्योंकि यह दिन ज्ञान का उत्सव है।



✨ कहानी की सीख

जहाँ ज्ञान है, वहाँ अंधकार नहीं रहता।

जहाँ कला है, वहाँ मन में सुंदरता रहती है।

और जहाँ माता सरस्वती की कृपा है, वहाँ जीवन सफल होता है।



🎶 भजन — “माँ ज्ञान की ज्योति जगा दो”

(1)
माँ वीणा की धुन सुना दो,
मन में उजियारा भर दो।
अज्ञान का तम हट जाए,
ज्ञान का दीपक कर दो।
सरस्वती माँ, आओ ना…
हम पर कृपा बरसा दो।

(सहगान)
जय सरस्वती माता,
विद्या की दाता।
शरण में आए हम,
ज्ञान की ज्योति जगा दाता।


(2)
श्वेत कमल पर बैठी माता,
चेहरे पर मधुर मुस्कान।
तेरे चरणों में है सब पूजा,
तू ही धर्म, विद्या, ज्ञान।
हे वीणा वादिनी माता,
हम सबको सही राह दिखा।


(3)
मन का भ्रम सब दूर हो जाए,
बुद्धि में पवित्रता आए।
कला-कौशल दे दो माता,
जीवन सफल बन जाए।
प्रभु कृपा तुम कर दो,
मन मंदिर में विराजो।


(सहगान)
जय सरस्वती माता,
विद्या की दाता।
शरण में आए हम,
ज्ञान की ज्योति जगा दाता।
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