अधूरा सच by Gaurav Pathak in Hindi Novels
---अध्याय 1 – अजीब रातरात का सन्नाटा कुछ अलग ही था। शहर की गलियों में हल्की धुंध तैर रही थी। स्ट्रीट लाइट की टिमटिमाती प...