सोने का पिंजरा by Amreen Khan in Hindi Novels
अंधेरी रात, बरसते बादल और सूनी सडक. कोने में बैठा एक फटेहाल बूढा आदमी, मैली दाढी, गंदे कपडे, हाथ में लोहे का कटोरा. राहग...
सोने का पिंजरा by Amreen Khan in Hindi Novels
झील का पानी फिर से शांत हो चुका था, लेकिन जेरेफ और आर्यन के दिलों में तूफान उठ रहा था. सैरिन काँपते हुए जेरेफ का हाथ थाम...
सोने का पिंजरा by Amreen Khan in Hindi Novels
सुनहरी रोशनी पिंजरे में हल्की- हल्की हिल रही थी. चारों खडे थे, पर हर किसी की साँसें भारी हो रही थीं. कबीर ने धीरे- धीरे...