Quotes by Madhu in Bitesapp read free

Madhu

Madhu

@aarya3737
(6)

"जिसने बदला लिया, वो शहीद नहीं—भारत की शान बन गया।"
वो सिर्फ एक आँसू नहीं भूला था,
हर जख्म की गवाही लिए चला था।
जिसने माँ की ममता छीनी थी,
उस दरिंदे से सीना तानकर मिला था।

ना डर था, ना कोई पछतावा,
बस दिल में था जलता हुआ एक ही दावा।
"मैं लौटूंगा… पर दुश्मन के खून से सना होगा बदन मेरा,"
उसने वादा निभाया… और तिरंगे में लिपटा घर आया।

बदला सिर्फ गोली से नहीं लिया उसने,
देश की हर माँ की आँखों में सुकून लिखा उसने।
शहीद हुआ, पर अमर हो गया,
वो बदला नहीं, इतिहास बन गया।

Read More

"मेरे वीर, मेरे भैया"

तू जब साथ होता है, डर भी दूर भागता है,
तेरे होने से ही तो ये मन निडर जागता है।
हर राखी पर सिर्फ़ धागा नहीं बाँधती मैं,
एक दुआ, एक भरोसा — तेरे नाम कर देती हूँ मैं।

बचपन में तेरी ऊँगली पकड़ चलना सीखा,
खिलौनों से ज्यादा, तेरा साथ अच्छा लगा।
तूने गिरने से पहले ही सम्भाल लिया,
हर आँसू से पहले मेरा चेहरा पढ़ लिया।

भैया, तूने तो अपने सपनों को पीछे छोड़ दिया,
मुझ पर कभी कोई आँच न आए, इसीलिए सब कुछ छोड़ दिया।
तेरे कंधों पर मेरी हर ख़ुशी का बोझ था,
और तू हँसते-हँसते सब सहता चला गया।

कभी डाँटा, कभी समझाया, कभी चुपचाप सब सहा,
पर तेरी बहन को किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी — यह सच है, भैया।
आज भी जब मैं थक जाती हूँ या टूटी सी लगती हूँ,
तो सबसे पहले तेरा ही नाम जुबां पर आता है — "भैया..."

राखी के धागे से कहीं ज्यादा गहरा है ये रिश्ता,
तू मेरा गर्व है, तू मेरा सच्चा साथी, तू है मेरा फरिश्ता।

Read More

"माँ"

थक जाए दुनिया, पर माँ नहीं थकती,
सपनों की खातिर वो रात-रात भर जगती।
अपने आँचल में सब दर्द छुपा लेती है,
मुस्कान दे के हर ग़म भुला देती है।

रूखे-सूखे में भी स्वाद ढूँढ लाती है,
बिना कहे ही हर बात समझ जाती है।
जब दुनिया ने मुँह मोड़ा हर बार,
माँ ने ही थामा मेरा हाथ हर बार।

उसके बिना घर, घर नहीं लगता,
हर कोना उसका नाम पुकारे जब सन्नाटा जगता।
माँ सिर्फ़ एक शब्द नहीं, एहसास है,
ईश्वर का ज़मीं पर खास रूप है, विश्वास है।

चलती है तो मेरे लिए रुक जाती है,
मेरे दुख में खुद भी झुक जाती है।
ऐसी है माँ—बस देती ही जाती,
बिना माँगे, बिना शर्तों के निभाती।

Read More