Bandhan Pyar ka - 40 in Hindi Fiction Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 40

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बन्धन प्यार का - 40

कोमल दुल्हन के लिबास में अप्सरा सी लग रही थी।हिना और कोमल की सहेली उसे लेकर चली।आगे आगे फूल बरसाए जा रहे थे।वीडियो ग्राफी के साथ फोटो भी  खिंच रही थी।उल्लाहस का वातारण था।

कोमल की शादी तो पारम्परिक तरीके से ही हो रही थी।लेकिन दोनों कोमल और दीपक प्यार करते थे।कोमल ने मा बाप को बताया और उन्होंने बेटी की खुसी का ख्याल रखा था

और धीरे धीरे चलकर कोमल दरवाजे पर आ गयी थी।दरवाजे पर दूल्हा खड़ा था।उसके आस पास उसके कुछ दोस्त और हम उम्र रिश्ते के भाई भांजे।एक ने कोमल को देखकर कहा था,"दीपक भाई ने भाभी तो अप्सरा सी पसन्द की है"।

"दीपक भाई भी भाभी से कोई कम नही है।"किसी दूसरे ने कहा था।

कोमल की माँ कांता ने दूल्हे का तिलक करके आरती उतारी थी।फिर कोमल को आगे किया और सब बोले थे,"वरमाला डालो

और कोमल के वरमाला डालते ही तालिया बज उठी।फिर कोमल को वापस ले गए।दूल्हा दीपक दोस्तो के साथ स्टेज पर चला गया था।कोमल के फिर कपडे बदले गए और अब बदले हुए रूप में उसे स्टेज पर ले जाया गया था।स्टेज के सामने लगी सभी कुर्सियां भर गई थी।बारात में औरते भी आई थी।दीपक की बहन, भांजी आदि।

कोमल के स्टेज पर पहुंचते ही दूल्हा दुल्हन को आमने सामने खड़ा किया गया।दोनों के हाथ मे माला दे दी गयी।पहले दुल्हन माला डालेगी।"और कोमल के माला डालते ही कैमरे के फलेश चमक उठे।तालियां औऱ शोर

उसके बाद फिर से यह प्रक्रिया दीपक ने दोहराई थी।और वरमाला का कार्यक्रम होने के बाद दूल्हा दुल्हन अपनी अपनी कुर्शी पर बैठ गए थे।

और वर वधू को आशीर्वाद देने का सिलसिला शुरू हो गया।लोग आते।वर वधु को आशीर्वाद के साथ फोटो  खींचते और चले जाते।नरेश बारात के स्वागत में अपने मौसा के साथ था।कोई उसे  पकड़कर ले आया।

"भाभी के साथ फोटो तो करवा लो।"

"हिना भाभी आओ।"कोमल की सहेली नीरा बोली"हमारी पाकिस्तान की भाभी और हिंदुस्तानी भाई की फोटो अछे से आनी चाहिय

दीपक ने कोमल से धीरे से हिना के बारे में पूछा था।और स्टेज का कार्यक्रम काफी देर तक चलता रहा।सारे रिश्तेदार दोनों तरफ के और परिचित एक एक करके आशीर्वाद देने के लिए आते रहे बाराती खाना खा चुके थे।स्टेज का कार्यक्रम होने के बाद सब खाने के लिए आ गए थे।कोमल के साथ हिना भी थी।कोमल ने हिना का परिचय दीपक से कराया था।हिना बोली,"आप दोनों लंदन आये।"

"जरूर,"दीपक बोला,"शायद कम्पनी की तरफ से एक साल को आना पड़े,"दीपक बोला,"आपको कैसा लग रहा है।शादी मे आकर।"

"बहुत ही अच्छा।आनंद आ रहा है।"

खाना खाते हुए वे बाते करते रहे।दीपक बोला,"आपके पति नजर नही आ रहे"

दीपक की बात सुनकर नीरा बोली,"मैं लेकर आती हूँ।"

नीरा कुछ देर बाद  नरेश को अपने साथ ले आयी थी 

"जीजाजी याद कर रहे हैं।

नरेश और दीपक में परिचय हुआ था।नरेश भी बैठ गया था।उन लोगो के बीच बाते होने लगीं।हंसी मजाक चलता रहा दीपक, हिना से बोला,"भाभी आप बोर हो रही है।,

""

"नही तो।"

"आप चुप बैठी है इसलिय मैने कहा "

"मैं सब सुन द

रही हूँ"हिना बोली"मैं बिल्कुल बोर नही हो रही हूं।"

"आप किसी हिंदुस्तानी शादी में पहली बार शामिल हो रही है?"नीरा ने हिना से पूछा था।

"नहीं ऐसी बात नहीं है