Inteqam - 5 in Hindi Love Stories by Mamta Meena books and stories PDF | इंतेक़ाम - भाग 5

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इंतेक़ाम - भाग 5

निशा ने जैसे ही दरवाजा खोला सामने जॉनी को खड़ा देखकर वह काफी घबरा गई,

वह कुछ कहती इससे पहले ही जॉनी बोल पड़ा हाय निशा,,,,,

लेकिन निशा ने कुछ नहीं कहा  जॉनी निशा को घूरे जा रहा था, तब निशा घबराते हुए बोली तुम,,, तुम,,, यहां,,, कैसे,,,, कैसे ,,,,

तभी जॉनी अंदर आ गया और बोला तुम्हारी याद आ रही थी इसलिए और यह कहकर उसने दरवाजा बंद कर दिया,

निशा काफी घबरा गई और बोली तुमने दरवाजा क्यों बंद किया है,
वह जैसे ही दरवाजा खोलने के लिए आगे बढ़ी तो जॉनी दरवाजे के सामने खड़ा हो गया निशा गुस्से में हो गई और बोली जॉनी रास्ता छोड़ दो वरना अच्छा नहीं होगा,,,,

यह सुनकर जॉनी कहने लगा कि तुम गुस्से में और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हो तुम कितनी खूबसूरत हो तुम सोच भी नहीं सकती मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं मेरी बात मान लो तुम्हे ऐश करा आऊंगा ऐस,,,,

यह सुनकर निशा और गुस्से में हो गई और बोली अपनी फालतू बकवास बंद करो और दरवाजा खोलने दो मुझे वरना अच्छा नहीं होगा, लेकिन जॉनी पर तो जैसे भूत सवार था,
वह निशा से बार-बार अपने प्यार का इजहार कर रहा था और निशा उसे से डर के पीछे की तरफ खिसक  रही थी आखिरकार जॉनी निशा के सामने गया और उसे छूने की कोशिश की,,,,,

यह देखकर निशा ने एक जोरदार तमाचा जॉनी के गाल पर जड़ दिया और वहां से भागने लगी,

तमाचा पढ़ते ही जॉनी गुस्से में बौखला गया और उसने निशा का हाथ कस कर पकड़ लिया निशा ने बार-बार उसे छोड़ने के लिए कहा लेकिन जॉनी ने उसका हाथ नहीं छोड़ा जॉनी जबरदस्ती उसे खींचकर कमरे में ले गया,

निशा बार-बार अपने आप को बचाने के लिए चिल्लाती रही लेकिन जॉनी ने उसका हाथ नहीं छोड़ा, कमरे में ले जाकर जॉनी न एक धक्का देकर उसे बेड पर पटक दिया और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और कहने लगा कि मैं किसी भी कीमत पर तुम्हें पाना चाहता हूं जिस चीज पर मेरा दिल आ जाता है मैं आखिरकार उस को हासिल कर ही लेता हूं वरना वह किसी की नहीं होती आज मैं तुम्हारी ऐसी हालत करूंगा कि तुम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी तुम्हारे पास मुझे चुनने के सिवाय और कोई चारा नहीं रहेगा जॉनी यह कहकर शैतानी हंसी हंसने लगा,

यह सुनकर निशा  घबरा गई और कांपने लगी तब जॉनी उसकी तरफ बढ़ा तो निशा एक झटके से बेड से उठ खड़ी हुई और दरवाजा खोल कर बाहर आने लगी फिर जॉनी ने उसे पकड़ लिया इस बार भी निशा ने एक जोरदार तमाचा उसके गाल पर जड़ दिया,

निशा जॉनी की पकड़ से अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी जॉनी निशा को पकड़ कर बैड की तरफ ले जा रहा था ,तभी निशा ने एक झटके से अपना हाथ छुड़ा लिया,

अब जानी बौखला गया और बोला साली हरामजादी कुत्ते तुम्हारी यह मजाल यह कह कर उसने निशा के बाल पकड़ लिए और दो-तीन तमाचे उसके गाल पर जड़ दिए और धक्का देकर उसे बेड पर गिरा दिया और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा, लेकिन निशा ने एक जोरदार लात जॉनी के सीने पर मारी और जॉनी नीचे गिर गया,

निशा कमरे से निकलकर बाहर भागते हुए आ गई जॉनी भी उसके पीछे पीछे आ गया,

निशा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था निशा जैसे ही दरवाजे की तरफ बडी जॉनी उसके सामने आ गया तो निशा घबराते हुए हॉल में आ गई जॉनी यहां आकर भी उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा,

अब निशा ने अपने आपको बचाने के लिए बहा रखा एक गमला जॉनी के सिर पर दे मारा गमला पढ़ते ही जॉनी के सिर से खून का फवारा वह निकला और निशा के हाथ से गमला छूट कर गिर गया वह थर थर कांपने लगी,

तभी अचानक दरवाजे पर उसके परिवार वालों की आवाज आई सब उसे दरवाजा खोलने के लिए कह रहे थे  लेकिन निशा खड़ी थरथर कांप रही थी,

तभी सब ने मिलकर दरवाजा खोल दिया सभी परिवार वालों और जॉनी का का यह सब प्लान था निशा के परिवार वाले किसी शादी में नहीं गए थे वह तो बस यह चाहते थे कि जॉनी आकर निशा की इज्जत के साथ खिलवाड़ करें जिस से वह सब लोग सारे समाज के सामने निशा को बदनाम कर सके जिससे निशा को थक हार कर जॉनी का हाथ थामना पड़े या फिर मौत को गले लगाना पड़े जिससे सारी प्रॉपर्टी उन्हें मिल जाए,

जॉनी तो वैसे भी निशा के रूप  मैं पागल था वह किसी भी कीमत पर निशा को पाना चाहता था सभी घरवाले शादी का बहाना बनाकर घर से निकल गए और जॉनी को निशा के पास भेज दिया लेकिन यहां सब कुछ उल्टा हो गया था,

जॉनी फर्श पर पड़ा तड़प रहा था और उसके सिर से खून बह रहा था बही निशा बूत बनी उसे देख रही थी और उसके पूरा शरीर कफ कफा रहा था,

यह देखकर निशा की भाभी दौड़ते हुए आई और जॉनी से क्या हुआ भैया कह कर लिपट गई और बोली क्या हुआ भैया तुम्हें  जॉनी की बहन मीरा निशा को गाली देने लगी कि डायन पहले तो अपने मां बाप को खा गई अब इसे मेरे भाई को खाकर चैन मिलेगा क्या,,,,

तब ताई बोली अरे कैसी बेशर्म लड़की है  उन सब की आवाज सुनकर धीरे-धीरे पूरे मोहल्ले की अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई,

निशा के परिवार वाले निशा पर इल्जाम लगा रहे थे कि जब वे लोग शादी में गए थे तो पीछे से निशा ने धोखे से जॉनी को बुला लिया और उसकी हालत कि वे लोग उसे बदचलन आवारा कह रहे थे ,

जॉनी की बहन मीरा कह रही थी कि यह डायन मेरे भाई पर कब से डोरे डाले हुए थी लेकिन मेरे भाई ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया यहां तक कि हम सब ने उसे समझाने की भी कोशिश की और आज इतने धोखे से मेरे भाई को घर बुलाकर उसकी यह हालत की है,

  तब निशा  जोर से बोली मैंने कुछ नहीं किया मैंने इसके कर्मों की सजा दी है जबरदस्ती करना चाहता था मेरे साथ अपनी इज्जत को बचाने की खातिर मैंने यह  कदम उठाया है मैं अपनी इज्जत को बचाने के खातिर किसी की जान भी ले सकती हूं निशा कह कर चिल्लाने लगी ,

सारे मोहल्ले के सारे लोग आपस में कानाफूसी करने लगे कोई निशा पर उंगली उठाता तो कोई निशा के साथ सहानुभूति जताता ,

आखिरकार  निशा के परिवार वाले सब कुछ जानते हुए भी निशा को दोषी ठहरा रहे थे तब वे लोग निशा के पास आए और उसे भला-बुरा कहने लगे,

निशा की भाभी मीरा ने निशा का हाथ पकड़कर धक्के देकर बाहर निकाल दिया कि इस घर में अब तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है निशा ने अपनी बेगुनाही के बारे में सब को बताया लेकिन किसी ने भी मोहल्ले के व्यक्ति या घर के व्यक्ति ने उस पर यकीन नहीं किया,

कोई नहीं जानता था कि यह सब कुछ निशा के परिवार वालों की निशा के खिलाफ रची गई साजिश है,

जॉनी को अस्पताल पहुंचाया गया और निशा को काला मुंह करके घर से बाहर निकाल दिया गया, 

निशा सब की नजर से छुपते छुपाते शहर से बाहर आ गई उसका मन कर रहा था कि वह कहीं जाकर अपनी जान दे दे, लेकिन फिर उसे अपने पापा की एक बात याद आई की बेटा आत्महत्या करना महापाप है यह भगवान की बेइज्जती करने के समान है भगवान सब की परीक्षा जरूर लेता है अंधेरे के बाद उजाला भी जरूर होता है ,यह सोच कर वह रो पड़ी और बार-बार अपने पापा को याद करने लगी, 

तभी वह उठी और एक मंदिर में जाकर बैठ गई वह रोती रही और भगवान से सवाल करती रही लोग मंदिर आते जाते उसे घूर घूर कर देखने लगे, तभी एक महिला उसके पास आई और बोली क्या हुआ बेटी तुम यहां अकेले,,,

तब निशा बोली हां मां मैं बहुत दुखी हूं,,,

तब वह  बोली क्या हुआ बेटी मुझे बताओ,,,,, 

तब निशा ने कहा मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है और मैं यहां भटक रही हूं मुझे अपनी बड़ी बुआ से बात करनी है क्या आपके पास मोबाइल है,,,,

यह सुनकर वह औरत बोली हां बेटा क्यों नहीं और उसने अपने पर्स में से मोबाइल निकाल कर निशा को दिया,

निशा ने बड़ी बुआ को फोन मिलाया दूसरी तरफ बड़ी बुआ ने जैसे ही फोन उठाकर हेलो किया तो निशा की रुलाई फूट पड़ी और वह फूट-फूट कर रोने लगी,

फोन पर निशा की रोने की आवाज सुनकर बड़ी बुआ घबरा गई और बोली बताओ क्या हुआ बताओ मुझे बेटा क्या हुआ,,,,

तब निशा ने सारी बात बड़ी बुआ को बता दी यह सुनकर बड़ी बुआ बहुत गुस्से में बोली तुम चिंता मत करो मैं अभी आती हूं,,,,,

उधर निशा के परिवार वालों ने गुस्से में निशा को घर से बाहर तो निकाल दिया लेकिन अब उन्हें यह सोच कर डर लग रहा था कि अगर निशा ने बड़ी बुआ सब कुछ बता दिया तो उनका क्या होगा,

जॉनी को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया था  अभी उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी उधर निशा अपनी बुआ के इंतजार में मंदिर में बैठी रही और भगवान से बार-बार सवाल जवाब करती रही,,,,,

देखते हैं आगे निशा के साथ क्या होता है जाने ने लिए आगे बढ़ते रहिए,,,,

मेरी रचना को अपना प्यार और कीमती वक्त देने के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद ,अगर आपको मेरी रचना में कोई कमी लगी हो तो अपने कीमती सुझाव देना ना भूलें जिससे मैं आगे इसमें सुधार कर सकूं आप सब का दिल से धन्यवाद🙏🙏🙏