MUZE JAB TI MERI KAHAANI BAN GAI - 7 in Hindi Love Stories by Chaitanya Shelke books and stories PDF | MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 7

Featured Books
Categories
Share

MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 7

Chapter 7 : जब आंखें बोलने लगीं

 

मुंबई का वही पुराना कैफ़े — हल्की-हल्की बारिश , खिड़की से आती हवा और कॉफी की खुशबू । पर इस बार सब कुछ अलग था।  दो महीने बाद आज फिर वही दो चेहरे आमने-सामने बैठे थे — आरव और काव्या ।

कोई ज़ोर की बात नहीं हुई , कोई नाटक नहीं। बस एक लंबा सन्नाटा और फिर एक हल्की मुस्कान ।

“ कैसी है ? ” आरव ने धीरे से पूछा ।

“ ठीक हूँ , लेकिन तेरी आवाज़ सुनकर और बेहतर हो गई । ”

उस जवाब में जो अपनापन था, उसने आरव को अंदर तक छू लिया। वो बस उसे देखता रहा।

“ क्या देख रहा है ? ”

“ वो सवाल जो तू पूछती नहीं, लेकिन तेरी आँखें पूछ रही हैं । ”

काव्या की पलकें झुकीं , “ और क्या जवाब है तुझमें ? ”

“ बस एक — मैं यहीं हूँ । ”


उनकी बातें धीरे-धीरे फिर से पुराने रंगों में लौटने लगीं। लेकिन अब उनमें एक समझदारी थी , एक गहराई थी जो पहले नहीं थी। वो अब सिर्फ एक-दूसरे को पसंद नहीं करते थे , वो एक-दूसरे को समझते थे ।

कॉफी खत्म हुई, तो दोनों साथ बाहर निकले । बारिश अभी भी हल्की-हल्की पड़ रही थी। आरव ने अपनी छतरी निकाली, लेकिन काव्या ने कहा,

“ आज नहीं। आज भीगने का मन है  । ”

वो दोनों बिना छतरी के चलते रहे , भीगते रहे, और हँसते रहे ।


अगले कुछ दिनों में काव्या ने अपने सोशल मीडिया से थोड़ा ब्रेक लिया। वो अब ज़्यादा वक़्त आरव के साथ बिताने लगी थी। वो उसके स्क्रिप्ट रीडिंग सेशंस में जाती, एडिटिंग मीटिंग्स में 

बैठती और उसके क्रिएटिव प्रोसेस का हिस्सा बनने लगी थी ।

एक दिन आरव ने उसे पूछा, “तू कैमरे के सामने होती है, लेकिन अब कैमरे के पीछे आकर तुझे कैसा लग रहा है ? ”

काव्या ने जवाब दिया , “पहले मैं लोगों को दिखाती थी कि मैं क्या हूँ । अब मैं खुद जान रही हूँ कि मैं क्या हूँ । ”


एक शाम दोनों मरीन ड्राइव पर बैठे थे । समंदर की लहरें चुपचाप किनारे से टकरा रही थीं ।

आरव ने कहा , “मुझे लगता है तू मेरी कहानी का क्लाइमेक्स बनने वाली है । ”

काव्या मुस्कराई , “ क्लाइमेक्स नहीं, ट्विस्ट बनने वाली हूँ ।  ”

“ मतलब ? ”

“ मतलब अब मैं भी लिखना चाहती हूँ — तेरे साथ , तेरे जैसे । ”

आरव चौंका, “तू?”

“ हाँ , क्योंकि अब मुझे भी लगने लगा है कि हर इमोशन को सिर्फ जिया नहीं जाता, उसे लिखा भी जाता है । ”


अगले दिन काव्या ने अपने फॉलोअर्स के लिए एक वीडियो डाला।

“ आपने मुझे हमेशा स्क्रीन पर देखा है। अब मैं कुछ लिखना चाहती हूँ । मेरी कहानी, मेरे अंदाज़ में । और हाँ, कोई खास इस सफर में मेरा साथी बनने वाला है । ”

लोगों ने कमेंट्स की बाढ़ ला दी — काव्या की नई जर्नी को लेकर उत्साह भी था और सवाल भी। पर जवाब सिर्फ एक था — काव्या और आरव अब एक नई कहानी मिलकर लिखने जा रहे थे।शायद “मुझे” अब “हमें” में बदल रहा था।